दुश्मन के विमान हवा में हो जाएंगे राख, नहीं बचेगा नामोनिशान, ये हैं सबसे घातक एंटी एयरक्राफ्ट गन्स
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दुश्मन के विमान हवा में हो जाएंगे राख, नहीं बचेगा नामोनिशान, ये हैं सबसे घातक एंटी एयरक्राफ्ट गन्स

Dangerous Anti-Aircraft Guns: सेना ने 18000 फीट पर एक बंकर बनाया है, जिसमें -40 डिग्री और खतरनाक हवा के बीच जवान तैनात होकर दुश्मन की हर चालाकी पर नजर रखेंगे. यह घातक हथियार एक एंटी एयरक्राफ्ट गन है. आज हम आपको ऐसी खतरनाक एंटी एयरक्राफ्ट गन के बारे में बताएँगे, जो दुश्मनों का पल में विनाश कर सकती हैं. 

दुश्मन के विमान हवा में हो जाएंगे राख, नहीं बचेगा नामोनिशान, ये हैं सबसे घातक एंटी एयरक्राफ्ट गन्स

Anti Aircraft Guns of India: हाल ही में भारतीय सेना का एक वीडियो सामने आया, जिसके बाद पूरी दुनिया के रोंगटे खड़े हो गए. चाहे बारिश हो या फिर हाड़ कंपा देने वाली ठंड. आसमान से बर्फ के गोले गिर रहे हों या फिर गर्मी के शोले. भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति का मुकाबला कर सकती है. भारतीय सेना ने 17800 फीट की ऊंचाई पर अपना 12000 किलो का घातक हथियार चढ़ा दिया है.

 सेना ने 18000 फीट पर एक बंकर बनाया है, जिसमें -40 डिग्री और खतरनाक हवा के बीच जवान तैनात होकर दुश्मन की हर चालाकी पर नजर रखेंगे. यह घातक हथियार एक एंटी एयरक्राफ्ट गन है. आज हम आपको ऐसी खतरनाक एंटी एयरक्राफ्ट गन के बारे में बताएँगे, जो दुश्मनों का पल में विनाश कर सकती हैं. 

जेनिटनाया उस्तानोवका

इस एंटी एयरक्राफ्ट गन का पूरा नाम है ZU-23 MM Anti Aircraft Gun System. इससे ऊंचाई पर उड़ रहे दुश्मनों के विमानों का खात्मा किया जा सकता है. इसकी लंबाई 10 फीट और वजन 0.95 टन है. सोवियत संघ से खरीदने के बाद इसे भारत में ही अपग्रेड किया गया है. यह चारों तरफ घूमकर हमला कर सकती है. इससे 23 मिलीमीटर के गोले छोड़े जाते हैं. एक एक मिनट में 2000 गोलियां दाग सकता है. 

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L70 एंटी एयरक्राफ्ट गन

इसे भारत ने अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल में तैनात किया हुआ है. यह एक मिनट में 300 राउंड फायर कर सकती है. दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसानी से ध्वस्त कर सकती है. 27 किमी की दूरी तक यह आसानी से मार कर सकती है. इसमें फायर कंट्रोल सिस्टम, वीडियो ट्रेसिंग और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सिस्टम लगाए गए हैं. 

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2K22 तुंगुस्का

इस एंटी एयरक्राफ्ट गन को रूस ने बनाया है. इससे प्रति मिनट 3900-5000 राउंड फायर किए जा सकते हैं. कम ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले विमानों, हेलिकॉप्टर्स और क्रूज मिसाइलों से सैनिकों को बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. 

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