म्यांमार: बाढ़ ने मचाई तबाही, 54 हजार लोगों को छोड़ना पड़ा घर
Advertisement
trendingNow1425539

म्यांमार: बाढ़ ने मचाई तबाही, 54 हजार लोगों को छोड़ना पड़ा घर

सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए एएफपी को बताया कि मानसून की भारी बारिश के कारण मेकोंग क्षेत्र में स्थिति खराब होती जा रही है. 

अधिकारी ने पांच लोगों के मरने की पुष्टि की है लेकिन इस संख्या के बढ़ने की आशंका है.(फोटो-Reuters)

बागो (म्यांमार): म्यांमार में बाढ़ से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और हजारों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा. एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए एएफपी को बताया कि मानसून की भारी बारिश के कारण मेकोंग क्षेत्र में स्थिति खराब होती जा रही है. कुछ फंसे हुए लोगों को राहतकर्मी नौकाओं से ले जा रहे है. कुछ लोग अपने बच्चों को कंधों पर ले जाते हुए दिखे.

सामाजिक कल्याण मंत्रालय के एक अधिकारी ने एएफपी को बताया,‘‘देशभर में 54 हजार से अधिक विस्थापित लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.’’ अधिकारी ने पांच लोगों के मरने की पुष्टि की है लेकिन इस संख्या के बढ़ने की आशंका है. कई प्रभावित क्षेत्रों को खाली कराये जाने के आदेश दिये जा चुके हैं जबकि देश के दक्षिणी, पूर्वी और मध्य हिस्सों में विस्थापित लोगों को 163 शिविरों में रखा गया है. 

fallback

समुद्र में 8 बच्चों सहित 9 दिनों तक फंसे 76 रोहिंग्या शरणार्थी
इंडोनेशिया के जल क्षेत्र से बचाए गए 76 रोहिंग्या मुस्लिमों के समूह में से एक व्यक्ति ने बताया कि म्यांमार छोड़ने के बाद वेलोग नौ दिन से एक लकड़ी के नाव में समुद्र में थे. ये लोग मलेशिया पहुंचने की कोशिश कर रहे थे. म्यांमार में रोहिंग्या अल्पसंख्यक समुदाय को अत्याचारों का सामना करना पड़ रहा है. कुल आठ बच्चों, 25 महिलाओं और 43 पुरुषों को सुमात्रा द्वीप के एकेह प्रांत के तट पर शुक्रवार (20 अप्रैल) को बचाकर लाया गया. इस समुदाय के लोगों ने समुद्री रास्ते से म्यांमार छोड़ने के लिए इस महीने में तीसरी बार प्रयास किया है. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि इनमें से कई लोग निर्जलीकरण और थकान से गुजर रहे हैं, इन्हें इलाज की जरूरत है.

संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के कार्यालय के अनुमान के अनुसार म्यांमार में पिछले साल अगस्त में हिंसा भड़कने के बाद से सात लाख से भी अधिक रोहिंग्या शरणार्थी अपने घर छोड़कर बांग्लादेश पलायन कर चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार में हुए व्यापक हमलों को 'जातीय सफाई' करार दिया है, जिनके कारण रोहिंग्या समुदाय को अपने घरों से पलायन करना पड़ा.

इनपुट भाषा से भी  

Trending news