बैठक के दौरान, नाटो देश चीन की तरफ से मिलने वाली प्रणालीगत चुनौती के खिलाफ एक साथ काम करने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुलेआम उल्लंघन करने वाले रूस पर नजर रखने पर सहमत हुए. नाटो ने परमाणु हथियारों और रूस के साथ मिलकर काम करने की चीन की योजना पर भी चिंता जाहिर की.
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ब्रसेल्स: उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) का कहना है कि चीन और रूस (China & Russia) दुनिया के लिए सबसे बड़े खतरे के तौर पर सामने आ रहे हैं. नाटो ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि पिछले कुछ वक्त में दोनों देशो ने जिस तरह से आक्रामकता दिखाई है, उससे वह दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे हैं. नाटो नेताओं ने कहा कि चीन अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित व्यवस्था को कमतर करने के लिए लगातार काम कर रहा है. वह काफी तेजी से परमाणु मिसाइल विकसित कर रहा है, जो बेहद खतरनाक है.
‘द सन’ की रिपोर्ट के अनुसार, नाटो नेताओं ने रूस (Russia) के बारे में बोलते हुए कहा कि परमाणु हथियार और साइबर हैक्स के संबंध में मॉस्को की आक्रामकता न केवल नाटो देशों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. बता दें कि कॉर्नवाल में अपनी बैठकों के बाद G-7 के नेता सोमवार को ‘पश्चिम को सुरक्षित रखने’ के एजेंडे पर बातचीत के लिए ब्रसेल्स के लिए रवाना हुए थे.
बैठक के दौरान, नाटो देश चीन की तरफ से मिलने वाली प्रणालीगत चुनौती के खिलाफ एक साथ काम करने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुलेआम उल्लंघन करने वाले रूस पर नजर रखने पर सहमत हुए. नाटो नेताओं ने चीन द्वारा परमाणु हथियार बनाने के प्रयासों और रूस के साथ मिलकर काम करने की उसकी योजना पर भी बातचीत की. NATO के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग (Jens Stoltenberg) ने कहा कि शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन की आक्रामक नीतियां चिंता का विषय है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि चीन दुश्मन नहीं है.
जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने बीजिंग से अपील की कि वह अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखे और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में जिम्मेदारी से काम करे, जिसमें अंतरिक्ष, साइबर और समुद्री क्षेत्र शामिल हैं. NATO महासचिव ने आगे कहा कि रूस को यूक्रेन, जॉर्जिया और मोल्दोवा में अपनी सेना को पीछे हटाना चाहिए. गौरतलब है कि चीन और रूस अमेरिका के निशाने पर रहे हैं. अमेरिका दोनों ही देशों पर जासूसी के आरोप लगा चुका है.
अमेरिका जहां चीन पर सख्त है, वहीं ब्रिटेन नरम दिखाई दे रहा है. उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने कहा कि चीन हमारे जीवन का तथ्य है और नाटो के लिए यह एक नया रणनीतिक विचार है. उन्होंने आगे कहा, ‘मैं नहीं समझता कि इस समय मौजूद कोई भी व्यक्ति आज चीन के साथ एक नए शीत युद्ध को शुरू करना चाहता है. हम चुनौतियों को देखते हैं, साथ ही उन चीजों को भी देखते हैं, जिनसे हमें एकजुट होकर निपटना होगा. मैं सोचता हूं कि हम इसे साथ मिलकर करने की जरूरत है’.
रूस के बारे में बोलते हुए बोरिस जॉनसन ने कहा कि मुझे हमेशा उम्मीद है कि चीजें बेहतर होंगी. मैं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से यही कहना चाहूंगा कि हम घनिष्ठ संबंध बनाने की कोशिश करने के लिए तैयार हैं, लेकिन आपको अपने व्यवहार में बदलाव लाना होगा. उन्होंने आगे कहा कि शांतिपूर्ण व्यवस्था के लिए मॉस्को को बदलना होगा, उसे निर्दोष लोगों पर अत्याचार बंद करना होगा. जॉनसन ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन रूस को सख्त संदेश देंगे.