Africa: अफ्रीकी महाद्वीप दो हिस्सों में टूटने लगा है. इस महाद्वीप को तोड़ते हुए यहां एक नया महासागर पैदा हो रहा है. पीयर रिव्यू जर्नल जियोफिजिकल में पब्लिश हुई एक रिसर्च के अनुसार इस महाद्वीप के साथ दुनिया भी दो खंड में बंट जाएगी.
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New Ocean: अफ्रीकी महाद्वीप दो हिस्सों में टूटने लगा है. इस महाद्वीप को तोड़ते हुए यहां एक नया महासागर पैदा हो रहा है. पीयर रिव्यू जर्नल जियोफिजिकल में पब्लिश हुई एक रिसर्च के अनुसार इस महाद्वीप के साथ दुनिया भी दो खंड में बंट जाएगी.
रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, जब एक टेक्टॉनिक प्लेट टूटने लगे तो उसे रिफ्टिंग कहा जाता है. इससे जमीन के ऊपरी हिस्से से दरारें शुरू होकर समुद्र के तल तक जाती हैं और खाली जगह में समुद्र बनता है. आईएफएल सांइस के मुताबिक, इससे पहले भी इसी तरह टूटकर महाद्वीप के अलग होने की घटना हो चुकी है. करीब 13.8 करोड़ साल पहले दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका अलग हुए और अरेबियाई प्लेट अफ्रीका से दूर हो गई. इस घटना की वजह से ही लाल सागर और अदन की खाड़ी का निर्माण हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार, महाद्वीप का विभाजन पूर्वी अफ्रीका रिफ्ट से जुड़ा है और यहां अब 56 किमी लंबी दरार पड़ गई हैं. ये दरारें इथियोपिया के रेगिस्तान से शुरू हुईं और अब इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
बदल जाएगा 6 देशों का नक्शा
नए महासागर के जन्म लेने से 6 देशों का नक्शा बदल जाएगा. अफ्रीकी महाद्वीप में इस समय 6 ऐसे देश हैं जो सभी तरफ से जमीन से घिरे हुए हैं, लेकिन इस दरार के बाद इन 6 देशों को समुद्री तट मिलेगा. ये देश हैं - रवांडा, युगांडा, कॉन्गो, बुरुंडी, मलावी, ज़ाम्बिया. जबकि केन्या, तंजानिया और इथियोपिया में दो-दो क्षेत्र होंगे.
साल 2018 में केन्या की राजधानी नैरोबी से लगभग 142 किमी दूर नरोक नाम के छोटे से शहर में इसी तरह की दरार दिखी थी. भारी बारिश के बाद भी यहां पर दरार बढ़ती रही. उस समय माना जा रहा था कि ये बारिश के कारण हो सकती है, लेकिन भूवैज्ञानिक मानते हैं कि जमीन के अंदर हलचल के कारण ऊपर दरार बनी. हर साल 7 मिमी यह दूर जा रही है.
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