नॉर्थ कोरिया ने दो और संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया. इसे अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है.
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सियोलः नॉर्थ कोरिया ने इस महीने छठी बार हथियारों का परीक्षण करते हुए बृहस्पतिवार को दो संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल समुद्र में दागी. दक्षिण कोरिया की सेना ने यह जानकारी दी. विशेषज्ञों का कहना है कि नॉर्थ कोरिया द्वारा किए जा रहे मिसाइल परीक्षण का मकसद बाइडेन प्रशासन पर दबाव बनाना है, जिससे कि उस पर परमाणु निरस्त्रीकरण कार्यक्रमों को लेकर अमेरिकी द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को कम किया जा सके.
नॉर्थ कोरिया पर अमेरिका के नए प्रतिबंध लगाने से स्थिति और बिगड़ चुकी है. एक तो देश की अर्थव्यवस्था को कोरोना महामारी ने हिला दिया है. वहीं, उसकी पहले से ही परमाणु हथियार कार्यक्रम, सरकार के कुप्रबंधन और अमेरिकी नेतृत्व वाले प्रतिबंधों के कारण स्थिति बिगड़ी हुई थी.
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि ये परीक्षण किए गए परमाणु हथियार कम दूरी तक मारक क्षमता वाले हो सकते हैं. इन्हें पूर्वी तटीय क्षेत्र से पांच मिनट के अंतराल पर छोड़ा गया और समुद्र में गिरने से पहले मिसाइल ने जमीन से अधिकतम 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरी.
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने नॉर्थ कोरिया के बार-बार मिसाइल परीक्षण को ‘‘बेहद दुर्भाग्यपूर्णँ’’बताया है. उन्होंने कहा कि अब तक जापान के तटों के आसपास पोत और विमानों को कोई नुकसान होने की सूचना नहीं है. बता दें कि नॉर्थ कोरिया ने पिछले हफ्ते भी अमेरिका को जद में लेने वाले परमाणु और लंबी दूरी की मिसाइलों के परीक्षण को फिर से शुरू करने की धमकी दी थी. इस परीक्षण को देश के नेता किम जोंग उन ने 2018 में अमेरिका के साथ कूटनीतिक बातचीत की शुरुआत करते हुए रोक दिया था. वहीं, तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ किम की शिखर वार्ता 2019 में तब पटरी से उतर गई, जब अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के बदले प्रतिबंधों में राहत की मांग को खारिज कर दिया था.
हालांकि, बाइडेन प्रशासन ने नॉर्थ कोरिया के साथ खुली बातचीत की पेशकश की है, लेकिन प्रतिबंधों में तब तक ढील देने की कोई इच्छा नहीं दिखाई, जब तक कि किम परमाणु हथियार और मिसाइल परीक्षण को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते. नॉर्थ कोरिया ने साल की शुरुआत हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण के साथ की. किम के अनुसार, इस परीक्षण से देश की परमाणु युद्ध से बचाव की क्षमता मजबूत होगी. नॉर्थ कोरिया ने इस महीने दो अलग-अलग प्रकार की कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का भी परीक्षण किया था.
वहीं, नॉर्थ कोरिया के विदेश मंत्रालय ने इससे पूर्व 11 जनवरी को देश के दूसरे हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण के बाद बाइडेन प्रशासन द्वारा नए प्रतिबंध लगाये जाने के मद्देनजर ‘कड़ी प्रतिक्रिया’ देने की चेतावनी दी थी. अमेरिकी वित्त विभाग ने देश के मिसाइल कार्यक्रमों के लिए उपकरण और प्रौद्योगिकी प्राप्त करने में भूमिकाओं को लेकर नॉर्थ कोरिया के पांच लोगों पर प्रतिबंध लगाया है. जबकि, विदेश विभाग ने नॉर्थ कोरिया की हथियार गतिविधियों को सपोर्ट करने के लिए एक अन्य उत्तर कोरियाई व्यक्ति, एक रूसी व्यक्ति और एक रूसी कंपनी के खिलाफ प्रतिबंधों का आदेश दिया था.
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