प्रतिबंध के बाद भी उत्तर कोरिया नहीं आ रहा बाज, बना रहा नई मिसाइल
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प्रतिबंध के बाद भी उत्तर कोरिया नहीं आ रहा बाज, बना रहा नई मिसाइल

सानुमडोंग फैक्ट्री में उत्तर कोरिया की दो आईसीबीएम मिसाइलें बनी हैं, जिनमें शक्तिशाली हवासोंग-15 शामिल है, जिसकी मारक क्षमता अमेरिका के पूर्वी तट तक है. 

सानुमडोंग फैक्ट्री में उत्तर कोरिया की दो आईसीबीएम मिसाइलें बनी हैं.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

वॉशिंगटन: अमेरिकी जासूसी एजेंसियों ने कहा है कि कुछ ऐसे संकेत हैं जो दिखाते हैं कि उत्तर कोरिया एक फैक्ट्री में नई मिसाइलें तैयार कर रहा है, जिसमें प्योंगयांग की अमेरिका तक पहुंच वाली पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) तैयार की गई थी. जानकार अधिकारियों ने सोमवार को समाचार पत्र द वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि नए प्राप्त किए गए सबूतों में 20 जुलाई और 22 जुलाई के बीच ली गई उपग्रह तस्वीरें दर्शाती हैं कि प्योंगयांग के बाहरी इलाके सानुमडोंग में एक शोध केंद्र में कम से कम एक या संभवत: दो तरल-ईंधन वाले आईसीबीएम पर काम चल रहा है.

सानुमडोंग फैक्ट्री में उत्तर कोरिया की दो आईसीबीएम मिसाइलें बनी हैं, जिनमें शक्तिशाली हवासोंग-15 शामिल है, जिसकी मारक क्षमता अमेरिका के पूर्वी तट तक है. नेशनल जियोस्पाटियल-इंटेलिजेंस एजेंसी द्वारा एकत्र की गई तस्वीरों के मुताबिक, सबूत इस ओर इशारा कर रहे हैं कि सानुमडोंग संयंत्र में कम से कम एक हवासोंग-15 पर काम चल रहा है.

एक अमेरिकी अधिकारी ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया, "हम उन्हें पहले की तरह काम करते देख रहे हैं. " अधिकारियों ने कहा कि अपवाद के तौर पर उत्तर कोरिया के पश्चिमी तट पर सोहे सैटेलाइट लॉन्चिंग स्टेशन है, जहां श्रमिकों को इंजन परीक्षण स्टैंड को नष्ट करते हुए देखा जा सकता है. ये सबूत ऐसे समय में सामने आए हैं जब देश के नेता अमेरिका के साथ हथियारों के संबंध में बात करने में लगे हुए हैं.  उत्तर कोरिया पर अमेरिका परमाणु निरस्त्रीकरण का दबाव बनाता रहा है. 

इनपुट आईएएनएस से भी 

 

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