Pakistan News: पीटीआई चेयरमैन के सलाहकार सैयद जुल्फी बुखारी ने द टेलीग्राफ को बताया, 'इमरान खान ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर के लिए चुनाव लड़ेंगे क्योंकि जनता की मांग है कि उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए.'
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Oxford University Chancellor: जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के चांसलर पद के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं. द डॉन के मुताबिक इंटरनेशल मीडिया पर पीटीआई चेयरमैन के सलाहकार सैयद जुल्फी बुखारी ने द टेलीग्राफ को बताया, 'इमरान खान ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर के लिए चुनाव लड़ेंगे क्योंकि जनता की मांग है कि उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'खान से हरी झंडी मिलने के बाद हम इसकी सार्वजनिक घोषणा करेंगे और इसके लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू करेंगे.' बता दें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक खान कई मामलों को लेकर रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद है.
आखिर ये पद क्या है जिसे इमरान पाना चाहते हैं और इसके चुनाव की क्या प्रक्रिया है.
ऐसा माना जाता है कि वर्ष 1096 से ही ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड में किसी न किसी रूप में पढ़ाई होती रही है. यह दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है.
चांसलर का पद लगभग 100 साल बाद स्थापित किया गया था. इसकी वेबसाइट के अनुसार, '1201 तक यूनिवर्सिटी का नेतृत्व 'मैजिस्टर स्कॉलरम (एक धार्मिक स्कूल का प्रमुख) ऑक्सोनी' कर रहा था, जिसे बाद में 1214 में चांसलर की उपाधि प्रदान की गई.'
चांसलर एक औपचारिक प्रमुख के रूप में कार्य करता है, जिसकी कोई एग्जीक्यूटिव जिम्मेदारी नहीं होती. हालांकि, इस भूमिका में 'सहायक और उपयोगी सलाह और मार्गदर्शन' देना, कुछ आधिकारिक कार्यक्रमों की अध्यक्षता करना और गवर्निंग बॉडी के बीच विवादों को सुलझाने में मदद करना शामिल है.
चांसलर को पूरे साल आसानी से उपलब्ध रहना चाहिए, भले ही उन्हें ऑक्सफोर्ड में रहने की जरुरत न हो. यह एक गैर-वेतन वाला पद है, लेकिन इसकी वेबसाइट पर कहा गया है काम से संबंधित सभी यात्रा और खर्च कवर किए जाते हैं.
क्यों हो रहे हैं चांसलर के चुनाव?
द टेलीग्राफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 80 वर्षीय लॉर्ड पैटन, के इस्तीफे के बाद ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के चांसलर की सीट खाली हो गई है. हांगकांग के पूर्व गवर्नर और टोरी पार्टी के अध्यक्ष पैटन 21 साल तक इस पद पर रहे. पूर्व उल्लेखनीय चांसलरों में पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री हेरोल्ड मैकमिलन और जॉर्ज नैथेनियल कर्जन या लॉर्ड कर्जन शामिल हैं, जिनके भारत के वायसराय रहते बंगाल विभाजन हुआ था.
नए चांसलर का चुनाव कैसे होगा?
पहली बार ऑनलाइन चुनाव हो रहे हैं. उम्मीदवारों को निम्नलिखित मानदंड पूरे करने होंगे:
1. अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियां और उससे परे सम्मान प्राप्त करने की क्षमता;
2. विश्वविद्यालय के शोध और शैक्षणिक मिशन, इसके वैश्विक समुदाय, विश्व स्तरीय शोध और शिक्षण विश्वविद्यालय बने रहने की महत्वाकांक्षा के प्रति गहरा सम्मान.
3. स्थानीय, राष्ट्रीय और विदेश में विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा बढ़ाने की क्षमता और इच्छा.
कुलपति का चुनाव दीक्षांत समारोह द्वारा किया जाता है, जो विश्वविद्यालय के सभी पूर्व छात्रों से बना एक निकाय है, जिन्हें किसी डिग्री (मानद डिग्री के अलावा) में प्रवेश दिया गया हो.
चुनाव में मतदान करने वाली एक अन्य संस्था को कांग्रेगेशन कहा जाता है. यह विश्वविद्यालय का संप्रभु निकाय है जो इसकी ‘संसद’ के रूप में कार्य करता है और इसके 5,000 से अधिक सदस्य हैं, जिनमें अकादमिक कर्मचारी; कॉलेजों के गर्वनिंग बॉडी के प्रमुख और अन्य सदस्य; और वरिष्ठ अनुसंधान, कंप्यूटिंग, पुस्तकालय और प्रशासनिक कर्मचारी शामिल हैं.
वैकल्पिक वोट प्रणाली का उपयोग किया जाएगा, जहां मतदाता उम्मीदवारों को वरीयता के क्रम में स्थान दे सकेंगे.
इमरान खान का ऑक्सफोर्ड से रिश्ता
खान उच्च शिक्षा के लिए पाकिस्तान से ब्रिटेन गए थे. उन्होंने 1972 और 1975 के बीच ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के केबल कॉलेज में दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया और ब्लूज़ क्रिकेट टीम की कप्तानी भी की
इमरान की जीत की संभावना कम
ऑक्सफोर्ड के चांसलर के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला करने से पहले इमरान 2005 से 2014 तक ब्रैडफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर रह चुके हैं. हालांकि टेलगीग्राफ ने इमरान की जीत की संभावनाओं को कम करके आंका, क्योंकि कई उच्च पदस्थ व्यक्ति - जैसे कि ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री सर टोनी ब्लेयर और बोरिस जॉनसन - इस दौड़ में हैं.
इंग्लैंडकी सबसे पुरानी यूनिवर्टी
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी इंग्लैंड की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी 43 घटक कॉलेजों से बनी है, जिसमें 36 अर्ध-स्वायत्त कॉलेज, चार स्थायी निजी हॉल और तीन सोसाइटी (कॉलेज जो विश्वविद्यालय के विभाग हैं, उनके अपने शाही चार्टर के बिना), और कई शैक्षणिक विभाग शामिल हैं जो चार डिविजन में संगठित हैं.
ऑक्सफोर्ड ने कई उल्लेखनीय पूर्व छात्रों में यूनाइटेड किंगडम के 31 प्रधान मंत्री और दुनिया भर के कई राष्ट्राध्यक्ष और सरकार प्रमुख शामिल हैं. अक्टूबर 2022 तक, 73 नोबेल पुरस्कार विजेता, ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से मैट्रिकुलेशन किया, काम किया या विजिटिंग फ़ेलोशिप प्राप्त की, जबकि इसके पूर्व छात्रों ने 160 ओलंपिक पदक जीते हैं.
Photo courtesy- Reuters