India-China: भारत और चीन के सीमा विवाद को लेकर बीजिंग में महत्वपूर्ण वार्ता होने जा रही है. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इसका नेतृत्व करेंगे और चीन से इस मसले पर बात करेंगे.
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Ajit Doval China Visit: अप्रैल 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़पों के बाद यह पहला मौका है जब NSA अजित डोभाल चीन का दौरा करने जा रहे हैं. तब से ही भारत और चीन के बीच रिश्तों में खटास आ गई थी. इस घटना के बाद भारत-चीन के बीच लंबे समय तक सैन्य गतिरोध बना रहा था. अब इस मसले पर बातचीत करने के लिए अजित डोभाल बीजिंग दौरा कर रहे हैं, जिसमें वे चीन के विदेश मंत्री वांगयी के साथ सीमा मुद्दों पर बात करेंगे.
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कजान में बनी थी सहमति
स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव (विशेष प्रतिनिधि) स्तर की इस वार्ता के लिए अजित डोभाल और प्रतिनिधि मंडल 17-18 दिसंबर को बीजिंग में रहेगा. इस बातचीत के लिए कजान में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी की मुलाकात के दौरान सहमति बनी थी, जिस पर अब अमल होने जा रहा है. जिसमें द्विपक्षीय संबंधों की बहाली पर चर्चा होगी.
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चीन-भारत सीमा विवाद के लिए 23वीं बैठक
यह चीन-भारत सीमा विवाद के लिए विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक होगी. साथ ही गलवान घाटी विवाद के बाद भारत से बड़े स्तर का पहला दौरा होगा. इस वार्ता से दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आगे बढ़ने का रास्ता मिलने की उम्मीद है. इससे पहले भारत-चीन सीमा विवाद को निपटाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों के इस तंत्र ने पिछले कुछ वर्षों में 22 बार बैठकें की हैं. अब यह 23वीं मीटिंग होगी. इससे पहले 2019 में बैठक हुई थी. लेकिन इसमें भी सीमा विवाद को सुलझाने में सफलता नहीं मिली थी.
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मई 2020 में शुरू हुआ था सैन्य गतिरोध
दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था. यह गतिरोध उसी साल हुआ था जब गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच घातक झड़प हुई थी, जिससे दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था.
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सैनिकों की वापसी के समझौते को 21 अक्तूबर को अंतिम रूप दिया गया था. समझौते पर हस्ताक्षर होने के दो दिन बाद पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मिले थे और तब उन्होंने इससे इतर बातचीत की थी. बैठक में दोनों पक्षों ने सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता सहित कई वार्ता तंत्रों को बहाल करने पर सहमति व्यक्त की थी.