Who is Anjem Choudary: इससे पहले इस कट्टरपंथी मौलाना को साल 2016 में सीरिया में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की मदद करने के लिए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन उस समय ये आधी सजा काटने के बाद 2018 में रिहा हो गया था.
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Anjem Choudary news: कट्टरपंथी सिर्फ भारत के पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं. वो जहां रहते हैं वहीं की जड़े खोदने लगते हैं. बड़ी से बड़ी साजिश रचने में इन्हें डर नहीं लगता. यूरोप में ब्रिटेन जैसे ताकतवर देश भी चरमपंथियों से परेशान हैं. यहां बात इस्लाम के उस कट्टरपंथी की जो अब जेल में उम्रकैद की सजा काटेगा. उसका ख्वाब लंदन में बैठकर आतंक का सबसे बड़ा सरगना बनना था. लेकिन ब्रिटेन के कानून ने कट्टर मौलाना को कानून की बेड़ियों में ताउम्र के लिए जकड़ दिया है. आखिर कौन है इस्लाम का कट्टर मौलाना अंजेम चौधरी आइए बताते हैं. इसकी जुबान जहरीली है. इसके लब्ज नफरती हैं, इसकी सोच आतंकी है और इन्हीं सब वजह से अब ये ताउम्र सजा भुगतेगा.
अंजेम चौधरी नाम शायद न सुना होगा!
इस कट्टरपंथी मौलाना का इरादा था कि पूरी दुनिया में शरिया कानून लागू हों. इसकी आतंकी सोच की वजह से ना जाने कितने ही नौजवानों को इसने आतंक की राह पर धकेला. लेकिन अब ब्रिटेन की कोर्ट ने इसे ताउम्र की सजा सुनाई है.
सजा तो इसे ताउम्र की हुई है, फिर भी इसे कम से कम 28 साल तक जेल में ही रहना होगा. यानी 85 साल का होने से पहले ये जेल से छूट नहीं पाएगा. इसपर जो आरोप हैं, वो बेहद संगीन हैं. अंजेम चौधरी पर आरोप है कि
.लंदन में ये आतंकी संगठन अल मुहाजिरोन को चलाता था. इसका मकसद हिंसक तरीकों से शरिया कानून पूरी दुनिया में फैलाना था.
.अंजेम चौधरी ने 9/11 के हमले तो इतिहास का सबसे बड़ा दिन बताया था, और हमलावर आतंकियों की तारीफ भी की थी.
.अंजेम चौधरी ब्रिटेन के राजमहल बंकिंघम पैलेस को मस्जिद में बदलना चाहता था. लंदन में मुस्लिमों को कट्टरपंथ की तरफ ले जा रहा था.
.इसके खिलाफ ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा की पुलिस अलग-अलग जांच कर रही थीं.
साल 1996 में स्थापित आतंकी संगठन अल मुहाजिरोन स्थापना की थी. इस संगठन के प्रमुख लोगों में अंजेम चौधरी शामिल था.
इसे सजा सुनाते हुए जज ने भी माना कि अंजेम चौधरी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए लोगों को उकसाता था. और युवाओं को आतंक की दुनिया में धकेलने में इसकी भूमिका थी. जिनके हाथ ना जाने कितने ही लोगों के लहू से रंगे है.
इससे पहले इस कट्टरपंथी मौलाना को साल 2016 में सीरिया में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की मदद करने के लिए साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन उस समय ये आधी सजा काटने के बाद 2018 में रिहा हो गया था. जेल से बाहर निकलने के बाद अंजेम व्हाट्सएप और टेलीग्राम के जरिये लोगों को भड़काता था. ब्रिटेन के लोग कह रहे हैं कि उन्हें बचाने के लिए ये जरूरी था कि इस कट्टरपंथी मौलाना को सलाखों के पीछे डाल दिया जाये. और अब ये जेल में सजा भुगतेगा.