Dr. Saveera Parkash: डॉ सवीरा प्रकाश राष्ट्रीय असेंबली के लिए चुनाव लड़ने वाली देश की पहली हिंदू महिला हैं. डॉ. सवीरा ने 2022 में एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है.
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Pakistan News: पाकिस्तान में 8 फरवरी को नई सरकार चुनने के लिए वोट डाले जाने हैं. चुनाव के नतीजे चाहे जो हों लेकिन राष्ट्रीय असेंबली के लिए चुनाव लड़ने वाली देश की पहली हिंदू महिला डॉ. सवीरा प्रकाश के लिए यह इलेक्शन यादगार बन गया है.
डॉ. सवीरा ने जब 2022 में एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की तो स्वभाविक रूप से उनका अगला लक्ष्य सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेज (सीएसएस) की परीक्षा थी. हालांकि उन्हें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने बुनेर की PK-25 सीट के लिए इस हिंदू डॉक्टर को अपने उम्मीदवार के रूप में चुना.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक छह भाषाओं को जानने वाली डॉ सवीरा बुनेर के अस्पतालों को सुरक्षित डिलीवरी लायक बनाना चाहती हैं. इसके अलावा, - लड़कियों के लिए कॉलेज का निर्माण, महिलाओं के लिए आर्थिक असवरों पैदा करने और लोगों को स्वच्छ पीने का पानी उलब्धन कराना - वह अपना लक्ष्य बताती हैं. वह भारत और पाकिस्तान के बीच भी एक पुल की भूमिका भी निभाना चाहती हैं.
चुनावी जीत नहीं आसान
हालांकि एक रूढीवादी समाज में जहां महिलाओं को खासी पाबंदियों के बीच जिंदगी गुजारनी होती है एक गैर-मुस्लिम महिला का चुना जाना आसान नहीं होगा. जब उनसे इन चुनौतियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, कहा, ‘पाकिस्तानी राजनीति में अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिए जगह है, यही वजह है कि पीपीपी ने मुझे सामान्य सीट से मैदान में उतारा है.’
डॉ सवीरा को मिल रहा है लोगों का समर्थन
हालांकि उन्हें अच्छा समर्थन भी मिल रहा है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिदों में बुजुर्ग और मदरसों में बच्चे उनकी सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं, जबकि आम मुसलमान उनका चुनाव अभियान चलाते हैं.
डॉ सवीरा के पिता, डॉ. ओम प्रकाश, 1995 से पीपीपी से जुड़े हुए हैं. पीपीपी के प्रति अपने पिता की प्रतिबद्धता को याद करती हुई वह बताती हैं कि हैं कि जब दिसंबर 2007 में पाकिस्तान की पूर्व प्रधान मंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या हुई थी तो वह कितना फूट-फूट कर रोए थे.
हिंदू महिला डॉक्टर की चुनावी जीत के लिए कि मस्जिद में की जा रही है प्रार्थना.