पाकिस्‍तान : इमरान खान की मुसीबत बढ़ी, PM पद पर चुनौती देगा यह उम्‍मीदवार!
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पाकिस्‍तान : इमरान खान की मुसीबत बढ़ी, PM पद पर चुनौती देगा यह उम्‍मीदवार!

पाकिस्‍तान के दो बड़े सियासी दलों ने कहा है कि वह इमरान खान की प्रधानमंत्री पद पर ताजपोशी से पहले उन्‍हें चुनौती देंगे.

(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: पाकिस्‍तान के दो बड़े सियासी दलों ने कहा है कि वह इमरान खान की प्रधानमंत्री पद पर ताजपोशी से पहले उन्‍हें चुनौती देंगे. वह पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के मुखिया इमरान खान के खिलाफ संसद में गठबंधन उम्‍मीदवार खड़ा करेंगे. इस गठबंधन को कई छोटी पार्टियों का समर्थन हासिल है. हालांकि यह उतना आसान नहीं होगा क्‍योंकि पीटीआई को आम चुनाव में 272 में 116 सीट मिली है. इमरान खान के 11 अगस्‍त को शपथ ग्रहण का कार्यक्रम है. माना जा रहा है कि इमरान छोटे दलों और निर्दलीय उम्‍मीदवारों की मदद से सरकार बनाने लायक बहुमत जुटा लेंगे.

दो मुख्‍य विरोधी दलों ने लगाया आरोप
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि दो मुख्‍य विरोधी दलों ने आरोप लगाया है कि पाक सेना ने 25 जुलाई को हुए चुनाव में हस्‍तक्षेप किया है. उन्‍होंने कहा कि वह छोटे दलों के साथ मिलकर इमरान खान के खिलाफ वोट करेंगी. पाकिस्‍तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की नेता मरियम औरंगजेब ने कहा कि यह एक गठबंधन है जो धोखाधड़ी से हुए चुनाव के खिलाफ बना है. हालांकि इस गठबंधन के पास इमरान खान को हराने लायक आंकड़े नहीं हैं.

यह भी पढ़ें : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में 11 अगस्त को शपथ ग्रहण करूंगा: इमरान खान

किन पार्टियों ने बनाया गठबंधन
पाकिस्‍तान पीपुल्‍स पार्टी (पीपीपी) और पीएमएल-एन
और कई अन्‍य छोटे दलों ने इमरान खान के खिलाफ यह गठबंधन बनाया है. इसे ऑल पार्टीज कांफ्रेंस नाम दिया गया है. पीएमएल-एन और पीपीपी कई बार पाकिस्‍तान में सत्‍तारूढ़ हो चुके हैं.

कितनी सीटें चाहिए सरकार बनाने के लिए
पाकिस्‍तान में 25 जुलाई 2018 को हुए आम चुनाव में 65 वर्षीय खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. हालांकि पीटीआई के पास अब भी सरकार बनाने के लिए आंकड़ा नहीं है. पाकिस्तान की 342 सीटों वाली नेशनल असेंबली में 272 सीटों पर प्रत्यक्ष निर्वाचन होता है. किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कुल 172 सीटों की जरूरत होती है, हालांकि निर्वाचित 272 सीटों में उसे 137 सीटें ही चाहिए होती हैं. सदन में 60 सीटें महिलाओं के लिए जबकि 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं.

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