World Best Tanks: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 11 महीने से युद्ध जारी है और रूसी सेना ने यूक्रेन के ज्यादातर शहरों में भारी तबाही मचाई है. इस बीच ब्रिटेन ने यूक्रेन को चैलेंजर-2 टैंक देने का ऐलान किया है और साथ ही यूक्रेनी सोल्जर्स ब्रिटेन में चैलेंजर-2 टैंक की ट्रेनिंग भी लेंगे. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विध्वंसक होती जा रही है, क्योंकि ब्रिटेन के अलावा जर्मनी भी यूक्रेन को लैपर्ड टैंक (Leopard Tank) भेजने की योजना बना रहा है.
पश्चिमी देशों की मदद के बाद रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध और ज्यादा तेज होने का खतरा मंडराने लगा है, क्योंकि टैंकों के मामले में रूस भी कमजोर नहीं है और वह मुंहतोड़ जवाब दे सकता है. बता दें कि रूस के पास भी टी-90 और अर्माटा जैसे खतरनाक टैंक हैं, जो मिनटों में दुश्मन को धूल चटा सकते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि दुनिया के 5 सबसे खतरनाक टैंक किन देशों के पास हैं.
अमेरिकी सेना के पास खतरनाक युद्ध टैंक एम1ए2 अब्राम मौजूद है, जिसे अमेरिकी कंपनी जनरल डायनेमिक्स लैंड सिस्टम्स ने विकसित किया है. इस टैंक में 120 मिमी एक्सएम 256 स्मूथबोर गन लगी हुई है, जिससे एक कई तरह के गोलों को फायर किया जा सकता है. इस टैंक से बख्तरबंद वाहनों, पैदल सेना और कम ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले विमानों को भी निशाना बनाया जा सकता है.
रूसी सेना के पास टी-14 अर्माटा युद्ध टैंक है, जो दुनिया के सबसे खतरनाक टैंकों में से एक है. इस टैंक को रूसी हथियार कंपनी Uralvagonzavod ने विकसित किया है, जिसकी रेंज करीब 500 किलोमीटर है और दो साल पहले रूसी सेना में शामिल किया गया है. इस टैंक में 125 एमएम का 2A82-1M स्मूथबोर गन लगा है और यह गोले को ऑटोमैटिक लोड कर सकता है. इस टैंक में A-85-3A टर्बोचार्ज्ड डीजल इंजन लगा है, जो 90km/h टॉप स्पीड देता है. इसके अलावा रूस के पास टी-90 समेत कई खतरनाक टैंक भी मौजूद हैं.
इजरायल की सेना के पास मर्कवा मार्क IV युद्धक टैंक है, जो दुनिया के सबसे सुरक्षित टैंकों में से एक माना जाता है और 2004 में इसे इजरायली सेना में शामिल किया गया था. मर्कवा मार्क IV टैंक में लगी 120 एमएम की स्मूथबोर गन HEAT और सैबोट राउंड के साथ-साथ LAHAT एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों को फायर कर सकती है. इसके अलावा इस टैंक में स्प्रंग आर्मर साइड स्कर्ट्स, स्पेसिफिक स्पेस्ड आर्मर, IMI स्मोक-स्क्रीन ग्रेनेड्स इंटीग्रेटेड और एक एलबिट लेजर वार्निंग सिस्टम हैं.
वीटी4 टैंक को चाइना नॉर्थ इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन (नोरिन्को) ने विकसित किया है और यह चीनी सेना का तीसरी पीढ़ी का टैंक है. पहली बार इस टैंक का इस्तेमाल साल 2017 में रॉयल थाई आर्मी ने इस्तेमाल किया था. इस टैंक की अधिकतम गति 70 किलोमीटर प्रति घंटा और इसकी रेंज करीब 500 किलोमीटर है. यह टैंक 125 मिमी स्मूथबोर गन से सुसज्जित है, जो HEAT वॉरहेड्स, APFSDS राउंड, आर्टिलरी और गाइडेड मिसाइलों को फायर कर सकता है. हाल ही में पाकिस्तान ने भी वीटी4 टैंक को खरीदा है.
लेक्लर्क टैंक को जीआईएटी इंडस्ट्रीज ने डिजाइन किया है, जो एक तीसरी पीढ़ी का टैंक है और इसका इस्तेमाल फ्रांसीसी सेना के अलावा यूएई की सेना भी करती है. यह टैंक 120 मिमी गोला बारूद के 40 राउंड और 12.7 मिमी गोला बारूद के लगभग 950 राउंड ले जाने में सक्षम है. NATO-मानक CN120-26 120 मिलीमीटर स्मूथबोर गन, एक 12.7 एमएम की मशीन गन और छत पर लगे 7.62 एमएम की मशीन गन से लैस है.
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