बच्ची के साथ रेप के आरोपी एक 19 साल के शख्स को इंडोनेशिया में 146 बेंत मारने की सजा सुनाई गई. इस सजा के दौरान आरोपी की हालत इतनी गंभीर हो गई कि सजा पूरी होते-होते वहीं बेहोश होकर गिर पड़ा.
जानकारी के अनुसार, सजा के दौरान जैसे ही आरोपी रोनी बेहोश होकर गिरा, तो उसे तुरंत ट्रीटमेंट के लिए मेडिकल सेंटर ले जाया गया. इस शख्स को 169 बेंत की सजा मिलनी थी. लेकिन उसके हालात देखते हुए डॉक्टरों ने उसे अनफिट करार दे दिया. जिस कारण उसकी सजा को घटाकर 146 बेंत कर दिया गया था.
एक डॉक्टर ने मेल ऑनलाइन के साथ बातचीत में ये खुलासा किया था कि जब आरोपी रोनी को 52 बेंत पड़े थे, तब उसके कमर पर काफी फफोले हो गए थे. और अगर उसे ऐसे ही मार पड़ती रहती तो उसके ब्लड वेसल्स फट सकते थे. जिसके कारण उसकी हालत गंभीर हो सकती थी. ऐसे में उन्होंने सलाह दी थी कि उसकी सजा को टाला जाए और जब ये शख्स ठीक हो जाए तो उसे दोबारा सजा दी जा सकती है.
इंडोनेशिया के आचे में इस्लामिक शरिया कानून लागू किया गया है. इंडोनेशिया में अकेला ऐसा क्षेत्र है जहां शरिया कानून लागू है. इस क्षेत्र में 50 लाख लोग रहते हैं, जिनमें 98 प्रतिशत आबादी मुस्लिमों की है. जानकारी के अनुसार, साल 2001 में इंडोनेशिया की सरकार ने इस क्षेत्र को स्वायत्ता दी थी, जिसके बाद यहां शरिया कानून लगा दिया गया था.
जानकारी के अनुसार, 2020 की शुरुआत में रोनी नाम के इस आरोपी ने एक बच्ची के साथ यौन शोषण किया था. जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. सितंबर के महीने में भी एक बच्चे का बलात्कार करने पर एक शख्स को शरिया कानून के हिसाब से 52 बेंत की सजा मिली थी और वो भी इस सजा को पाने के बाद बेहोश हो गया था. यहां अक्सर छोटे-मोटे अपराधों के लिए भी बेंत की ही सजा सुनाई जाती है. मानवाधिकारों से जुड़े संगठन अक्सर इन अमानवीय सजाओं की आलोचना करते हैं लेकिन आचे में लोगों का इस कानून को पूरा समर्थन हासिल है.
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