ग्लेशियर पिघलने के कारण महासागरों को तो ताजा पानी मिल रहा है लेकिन कैस्पियन सागर (Caspian Sea) को ग्लेशियर का पानी नहीं मिल रहा है. बता दें कि कैस्पियन सागर (Caspian Sea) को दुनिया की सबसे बड़ी झील कहते हैं. कैस्पियन सागर (Caspian Sea) में 3 प्रमुख नदियां वोल्गा, यूराल और डॉन नदी आकर मिलती हैं, फिर भी ये लगातार सिकुड़ता जा रहा है. गर्मी बढ़ने के कारण तेजी से कैस्पियन सागर (Caspian Sea) का जल वाष्पित हो जा रहा है.(फाइल फोटो/फोटो साभार: रॉयटर्स)
कैस्पियन सागर (Caspian Sea) चारों तरफ से लैंड से घिरा हुआ है. कैस्पियन सागर (Caspian Sea) के पानी पर 5 देशों के लोग निर्भर हैं. इनमें तुर्कमेनिस्तान, रूस, कजाखस्तान, अजरबैजान और ईरान शामिल हैं. अगर ये झील सूखती है तो इन 5 देशों के लोगों को परिणाम भुगतने होंगे.(फाइल फोटो/फोटो साभार: रॉयटर्स)
कम्यूनिकेशन्स अर्थ एंड एनवायरनमेंट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, कैस्पियन सागर (Caspian Sea) के हालात चिंताजनक हैं. इसे पहले की स्थिति में वापस लाना अब मुमकिन नहीं दिखता है. वैज्ञानिकों ने कैस्पियन सागर (Caspian Sea) के लगातार नीचे गिरते जलस्तर (Sea level) को लेकर चेतावनी दी है.(फाइल फोटो/फोटो साभार: रॉयटर्स)
रिपोर्ट के मुताबिक, कैस्पियन सागर के उत्तर और दक्षिण के भाग सूख जाएंगे. इसके अलावा कैस्पियन सागर का पूर्वी इलाका पूरा सूख जाएगा. अनुमान के अनुसार, इससे कैस्पियन साग का जलस्तर (Sea level) 9-18 मीटर तक नीचे जा सकता है. इसका मतलब है कि कैस्पियन सागर का लगभग 34 प्रतिशत हिस्सा सूख जाएगा.(फाइल फोटो/फोटो साभार: रॉयटर्स)
वैज्ञानिकों का मानना है कि दुनियाभर की झीलों का भी कुछ ऐसा ही हाल है. इसको नजरअंदाज करना मानव जाति के लिए बहुत महंगा पड़ने वाला है. वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कैस्पियन सागर के कुछ हिस्से भी सूखते हैं तो पूरे इकोसिस्टम पर बुरा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि यह बड़ी संख्या में जीवों का घर है. इसलिए कैस्पियन सागर के बिगड़ते हालात पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है.(फाइल फोटो/फोटो साभार: रॉयटर्स)
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