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'Suicide Machine Sarco' में जुड़ा New Feature, अब मरने से पहले खुद को Virtual तरीके से मरते हुए देख सकेंगे लोग

कुछ साल पहले सुसाइड मशीन (Suicide Machine) बनाने वाले डॉक्‍टर ने अब इस मशीन में एक और फीचर जोड़ दिया है. इसकी मदद से लोग अब अपनी वर्चुअल मौत (Virtual Death) पहले ही देख सकेंगे. यह मशीन शांतिपूर्ण तरीके से दुनिया को अलविदा कहने के लिए बनाई गई है. 

फ्यूनलर फेयर में प्रदर्शित की गई थी मशीन

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फ्यूनलर फेयर में प्रदर्शित की गई थी मशीन

डॉ.फिलिप निश्‍के (Dr Philip Nitschke) ने कुछ साल पहले सरको (Sarco) नाम से एक मशीन बनाई थी, जो गंभीर रोगियों को शांतिपूर्ण तरीके से मरने का मौका देती है. ये ऐसे पेशेंट्स के लिए है जिनके ठीक होने की कोई गुंजाइश नहीं है. इस मशीन को सबसे पहले एम्‍सटर्डम में फ्यूरनल फेयर में प्रदर्शित किया गया था और इसके बाद यूरोप में कई जगह इसे प्रदर्शित किया गया.

ऑक्‍सीजन लेवल को घटाती है

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ऑक्‍सीजन लेवल को घटाती है

सरको वेबसाइट के अनुसार यह 3डी-प्रिंटेड इच्छामृत्यु मशीन (3D-printed euthanasia machine) एक कैप्‍शूल जैसी है और ताबूत से करीब दोगुनी बड़ी है. यह तेजी से ऑक्‍सीजन लेवल में कमी करके CO2 के लो लेवल को मेंटेन रखती है, ताकि व्‍यक्ति शांति से मर सके. 

मौत से पहले खुद को मरते देख सकेंगे

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मौत से पहले खुद को मरते देख सकेंगे

LAD Bible की रिपोर्ट के मुताबिक अब इस मशीन में एक नया फीचर जोड़ा गया है. इसके तहत अब लोग मरने से पहले ही अपनी मौत को वर्चुअल तरीके से देख सकेंगे. जबकि पहले ऐसा अनुभव केवल वही व्‍यक्ति ले सकता था, जो इस मशीन का उपयोग करके मरना चाहता था. 

सभी को सम्‍मानपूर्वक मरने का हक

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सभी को सम्‍मानपूर्वक मरने का हक

डॉ.फिलिप का कहना है, 'सरको मशीन के जरिए होने वाली मौत दर्द रहित (Painless Death) होती है. इसमें कोई घुटन, हवा की कमी के कारण सांस न ले पाने जैसी दिक्‍कत नहीं होती है. बल्कि व्‍यक्ति कम ऑक्सीजन वाले वातावरण में आसानी से सांस लेता है.' इस मशीन को बनाने के पीछे उनकी सोच है कि इंसान को जिंदगी एक बार मिलती है और उसे सम्‍मानपूर्वक जीने के साथ-साथ सम्‍मान से मरने का भी अधिकार होना चाहिए. 

4 मरीजों को दी थी इच्छामृत्यु

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4 मरीजों को दी थी इच्छामृत्यु

यह डॉक्‍टर 2 दशकों से ज्‍यादा समय से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं. पहले उन्‍होंने डेलीवरेंस मशीन बनाई थी. इसकी मदद से 1996 में ऑस्ट्रेलिया के राइट्स ऑफ द टर्मिनली इल एक्ट के तहत 4 गंभीर रूप से बीमार रोगियों ने अपनी जीवनलीला समाप्‍त की थी. 

(फोटो साभार: द गार्डियन और लैड बाइबल) 

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