यूरोप में अमेरिकी परमाणु हथियारों की तैनाती के बारे में गोपनीयता आतंकवादियों से हथियारों की रक्षा के लिए मौजूद नहीं है, बल्कि केवल राजनेताओं और सैन्य नेताओं को इस बारे में कठिन सवालों के जवाब देने से बचाने के लिए है
नई दिल्ली: अमेरिका की सबसे बड़ी ताकत कही जाने वाली उसकी परमाणु हथियारों के जख्मों की लोकेशन अब सार्वजनिक हो गई है. ये लोकेशन अमेरिकी सैनिकों ने ही गलती से लीक कर दी, जो यूरोप के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है.
डेली मेल की खबर के मुताबिक, अमेरिकी सैनिकों ने एक ऐप पर खेल खेल में परमाणु हथियारों की जानकारी दे दी. ये ठिकाने यूरोप में हैं और कई ऐसे देशों में हैं, जो देश खुद को परमाणु हथियारों का विरोधी बताते हैं. ऐसे देशों में राजनीतिक बवाल भी हो सकता है.
अमेरिकी परमाणु हथियारों के ठिकाने की जानकारी 'स्टडी' के नाम से ऑनलाइन वर्ल्ड में मौजूद है. इसी बाकायदा टैगिंग की गई है. ये सब फ्लैश कार्ड ऐप के जरिए हुआ. हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि इस जानकारी के लीक होने से खतरा नहीं है.
जेम्स मार्टिन सेंटर फॉर नॉनप्रोलिफरेशन स्टडीज टू बेलिंगकैट में ईस्ट एशिया नॉन प्रोलिफरेशन प्रोग्राम के निदेशक जेफरी लुईस ने कहा 'यूरोप में अमेरिकी परमाणु हथियारों की तैनाती के बारे में गोपनीयता आतंकवादियों से हथियारों की रक्षा के लिए मौजूद नहीं है, बल्कि केवल राजनेताओं और सैन्य नेताओं को इस बारे में कठिन सवालों के जवाब देने से बचाने के लिए है कि क्या नाटो की परमाणु-साझाकरण व्यवस्था आज भी समझ में आती है. यह एक और चेतावनी है कि ये हथियार सुरक्षित नहीं हैं.'
इस मामले में डच रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जिस परमाणु उपकरण का फोटो है, वो निष्क्रिय था, उन्होंने कहा कि यह तस्वीर 'नहीं ली जानी चाहिए थी, प्रकाशित की तो बात ही छोड़ो.' फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के हैंस क्रिस्टेंसन ने कहा कि 'इतने सारे उंगलियों के निशान हैं जो यह बता देते हैं कि परमाणु हथियार कहां हैं.
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