15 अगस्त पर बांग्लादेशी दूत को दिल्ली से बड़ी उम्मीद, PM मोदी की तारीफ में कही ये बात
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15 अगस्त पर बांग्लादेशी दूत को दिल्ली से बड़ी उम्मीद, PM मोदी की तारीफ में कही ये बात

भारत के 74 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बांग्लादेश ने भी शुभकामनाएं दीं और अपने राष्ट्रपिता रहे बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को याद किया.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बांग्लादेश (Bangladesh) ने भी शुभकामनाएं दीं और अपने राष्ट्रपिता रहे बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को याद किया. नई दिल्ली में मौजूद बांग्लादेश (Bangladesh) के राजदूत मोहम्मद इमरान (Muhammad Imran) ने कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Indian Prime Minister Modi) की अगुवाई में नई दिल्ली और ढाका के रिश्ते नई उंचाई और मुकाम तक पहुंच रहे हैं.

  1. नई दिल्ली-ढ़ाका रिश्तों में आई मजबूती
  2. रंग ला रही हैं मोदी की कोशिशें- इमरान
  3. 'आजादी की लड़ाई को याद किया गया' 

इमरान के मुताबिक दोनों देशों के रिश्तों का एक सुनहरा अध्याय लिखा जा रहा है. एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मोहम्मद इमरान ने ज़ी मीडिया से कहा कि उस दौर में भारत के राजनीतिक नेतृत्व की मदद से बांग्लादेश आजाद हुआ था. आजादी की लड़ाई में भारत और हमारे फौजियों का खून एक साथ बहा था इसलिए भारत के उनके देश का एतिहासिक रिश्ता है.

गौरतलब है कि बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति और बाद में प्रधानमंत्री रहे शेख मुजीबुर रहमान की 15 अगस्त 1975 को हत्या कर दी गई थी. रहमान के परिवार के सभी सदस्यों की हत्या कर दी गई थी लेकिन उनकी बेटियां शेख हसीना (Sheikh Hasina) और शेख रेहाना विदेश में होने के कारण बच गई थीं. मोहम्मद इमरान ने कहा कि आज की तारीख ने उनके मुल्क को गहरा घाव दिया था इसलिए हर साल उनकी याद में शोक जताते हैं. लेकिन अभी सोनार बांग्ला का सपना पूरा नहीं हुआ है इसलिए बांग्लादेश की आज की पीढ़ी भी उनके जीवन और आदर्शों से सीख लेते हुए आगे बढ़ रही है. 

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वहीं भारतीय नेतृत्व और बांग्लादेश के राष्ट्रपिता के बीच रिश्तों का जवाब देते हुए उन्होने कहा कि बंगबंधु भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से कई बार मिले और उनके सजग रुख को लेकर आभार जताया. इमरान ने कहा कि वो उस दौरान 3 बार उनके बीच मुलाकात हुई और दोनो के बीच अच्छी दोस्ती थी. जब उन्हे लंदन ले जाया गया तब वापसी के दौरान वो उनका आभार जताने के लिए नई दिल्ली रुके. दूसरी बार फरवरी में बंगबंधु कोलकाता आए थे, इसके बाद मार्च 1972 में इंदिरा गांधी बांग्लादेश गईं थीं. 

आज बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं और भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इतिहास रचा जा रहा है में इसलिए दोनो तरफ से पुराने एतिहासिक रिश्तों को नए मुकाम तक पहुंचाने की कोशिश हो रही है.

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