जेलेंस्की ने कहा कि जी-20 के मंच पर उन्होंने शांति के फॉर्मूले की घोषणा की थी और अब इसके सफल होने में भारत की भागीदारी व सहयोग पर भरोसा जताता हूं.' दरअसल, बाली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की ने शांति सूत्र का प्रस्ताव रखा था.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की है. इस बात की जानकारी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने खुद ही है. इससे पहले अक्टूबर के महीने में दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी. हाल ही में पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बातचीत की थी. पुतिन से हुई बातचीत के बाद जेलेंस्की के साथ की ये वार्ता काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. जेलेंस्की ने कहा कि पीएम मोदी से बातचीत के दौरान उन्होंने जी-20 सम्मेलन की सफलता पूर्वक अध्यक्षता की कामना की.
उन्होंने कहा कि इसी वैश्विक मंच पर उन्होंने शांति के फॉर्मूले की घोषणा की थी और अब इसके सफल होने में भारत की भागीदारी व सहयोग पर भरोसा जताता हूं.' दरअसल, बाली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की ने शांति सूत्र का प्रस्ताव रखा था.
शांति का पक्षधर भारत
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ टेलीफोन पर बातचीत के बाद कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर बात की और एक अध्यक्ष के रूप में भारत की तरफ से सफल जी-20 आयोजन की कामना की. इसी मंच पर मैंने शांति कार्यक्रम की घोषणा की थी और अब मैं इसके कार्यान्वयन में भारत की भागीदारी पर भरोसा करता हूं. मैंने मानवीय सहायता और समर्थन के लिए भी पीएम मोदी को धन्यवाद दिया.'
हालांकि, भारत की तरफ से इसके बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया है. फरवरी में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से, पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ जेलेंस्की से भी कई बार बात की.
इससे पहले 4 अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत के दौरान, पीएम मोदी ने कहा था कि सेना के साथ कोई समाधान नहीं हो सकता है, भारत शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है. हालांकि, भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है और वह इस बात पर कायम रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए.
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