भारत व सिंगापुर के बीच के संबंधों को हार्दिक व निकटतम संबंध बताते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष हमारे युग के संबंध बना रहे हैं.
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सिंगापुर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार (1 जून) को सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली एच. लूंग के साथ मुलाकात कर व्यापार, निवेश, संपर्क साधन, नवोन्मेष और तकनीक के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘हमारी एक्ट ईस्ट नीति में महत्वपूर्ण साझेदार. प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री ली ने प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता की.’’
उन्होंने लिखा है, ‘‘चर्चा मुख्य रूप से हमारे द्विपक्षीय संबंधों, खास तौर से व्यापार और निवेश, संपर्क साधन बढ़ाने, नवोन्मेष, तकनीकी और रणनीतिक मुद्दों पर हुई.’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर की तीन दिवसीय यात्रा पर बीते 31 मई को यहां पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सिंगापुर की राष्ट्रपति हलीमा याकूब से भी मुलाकात की. मोदी और याकूब के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और सरकार के महत्वाकांक्षी कदमों के क्षेत्र में सहयोग के अवसर तलाशने पर बातचीत हुई.
Valuable strategic partner in our Act East Policy! PM @narendramodi & PM Singapore @leehsienloong had delegation-level talks. Discussion focused on a wide range of our bilateral cooperation, specially in trade & investment, connectivity, innovation, technology & strategic issues. pic.twitter.com/sKss1RmZoD
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) June 1, 2018
कुमार ने ट्वीट किया है, ‘‘करीबी संबंध व्यावसायिक, सांस्कृतिक और लोगों के आपसी रिश्ते पर आधारित हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर की राष्ट्रपति हलीमा याकूब से मुलाकात की.’’
Close ties rooted in commercial, cultural and people to people links. PM @narendramodi called on President of Singapore Halimah Yacob. Two leaders exchanged views to strengthen bilateral relations and explored further cooperation in the flagship initiatives of the Government. pic.twitter.com/N0edvdhXoU
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) June 1, 2018
सिंगापुर के प्रेशिडेंशियल पैलेस इस्ताना (राष्ट्रपति का सरकारी आवास) पहुंचने पर मोदी का रस्मी स्वागत किया गया. पैलेस में मोदी को सलामी गारद दी गयी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया है, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सिंगापुर के इस्ताना प्रेसिडेंशियल पैलेस में रस्मी स्वागत किया गया. सदी पुराने इस संबंध को नवोन्मेष और तकनीकी के क्षेत्र में साझेदारी से नयी ऊर्जा मिल रही है.’’
PM @narendramodi was accorded a ceremonial welcome on his arrival at Istana - Presidential Palace of Singapore. Millennia old ties now powered by partnership in innovation and technology. pic.twitter.com/W45l4D1wyW
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) June 1, 2018
भारत, सिंगापुर द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाएंगे : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां सिंगापुर के अपने समकक्ष ली सेन लुंग के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद शुक्रवार (1 जून) को कहा कि भारत और सिंगापुर जल्द ही अपने व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) को बढ़ाएगा. मोदी ने बैठक के बाद ली के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "हम व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते की दूसरी समीक्षा से खुश हैं."
भारत और सिंगापुर ने 2005 में सीईसीए पर करार किया था. सिंगापुर पहला ऐसा देश है, जिसके साथ भारत ने इस प्रकार का समझौता किया. ली ने कहा कि सीईसीए के प्रभावी होने के बाद से भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होकर 25 अरब डॉलर हो गया.
उन्होंने यह भी कहा कि दक्षिणपूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत के साथ सिंगापुर क्षेत्रीय सुरक्षा स्थापत्य में काम करेगा. सिंगापुर के नेताओं के साथ बातचीत के दौरान मोदी ने संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की. मोदी अपने तीन राष्ट्रों की यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में सिंगापुर पहुंचे हैं. इससे पहले वह इंडोनेशिया और मलेशिया गये थे.
भारत-सिंगापुर हमारे युग की साझेदारी बना रहे: मोदी
इससे पहले भारत व सिंगापुर के बीच के संबंधों को हार्दिक व निकटतम संबंध बताते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (31 मई) को कहा कि दोनों पक्ष हमारे युग के संबंध बना रहे हैं. एक व्यापारिक व सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान मोदी ने भारत व सिंगापुर के बीच के संबंध को 'हमारी विरासत' बताया. दक्षिणपूर्व एशियाई शहर से हमेशा प्रेरणा मिलने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि इसने दिखाया है कि उपलब्धियों को हासिल करने में आकार कोई बाधा नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, "सिंगापुर की सफलता इसकी बहु सांस्कृतिक समाज के सौहार्द में है, इसके विविधता के जश्न में विशिष्ट व अनूठी सिंगापुर की पहचान है."
मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच बिना किसी संघर्ष और दावों के हार्दिक और निकटतम संबंध है. भारतीय मूल के यहां 800,000 लोगों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, यहां सिंगापुर में आप भारत की विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने कहा, "इस असाधारण विरासत की नींव पर हमारे मानव संपर्क की संपत्ति व हमारे साझा मूल्य की ताकत पर भारत व सिंगापुर हमारे युग का संबंध बना रहे हैं." उन्होंने कहा, "यह संबंध है जो सामरिक साझेदारी के परीक्षण को वास्तविक रूप से पूरा करता है." भारत व सिंगापुर ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को 2015 में सामरिक साझेदारी तक बढ़ाया.
भारत, सिंगापुर ने 14 बी2बी, बी2जी करारों की घोषणा की
भारत और सिंगापुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान बीते 31 मई को 14 उद्योग से उद्योग (बी 2 बी) और उद्योग से सरकार (बी 2 जी) करारों की घोषणा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में भारत और सिंगापुर के बीच 14 बी 2 बी और बी 2 जी दस्तावेजों की घोषणा की गई.’’
ये करार भारत की नवोन्मेषी और उद्यमशीलता के पारिस्थितिकी तंत्र को समर्थन और विदेश में भारत के नवोन्मेषण को प्रोत्साहन देने से संबंधित हैं. इसके तहत दूषित जल प्रबंधन और रिसाइक्लिंग के लिए भारतीय कौशल संस्थानों की स्थापना की जाएगी, सिंगापुर और आसियान में मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन दिया जाएगा. साथ ही इनके तहत अंतरिक्ष क्षेत्र में वाणिज्यिक सहयोग तथा सिंगापुर के अंतरिक्ष उद्योग के विकास पर ध्यान दिया जाएगा. मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में अभी सिंगापुर में हैं.