पुलिस की नौकरी करने पर फोड़ दी महिला की आंखें, साजिश में शामिल था पिता
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पुलिस की नौकरी करने पर फोड़ दी महिला की आंखें, साजिश में शामिल था पिता

 अफगानिस्तान में 33 साल की महिला पर जानलेवा हमला किया गया है. इस महिला का कसूर सिर्फ इतना था कि ये पुलिस स्टेशन में जॉब करती थी.

पुलिस की नौकरी करने पर फोड़ दी महिला की आंखें, साजिश में शामिल था पिता

नई दिल्लीः अफगानिस्तान में तालिबान का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में अफगानिस्तान में 33 साल की महिला पर जानलेवा हमला किया गया है. इस महिला का कसूर सिर्फ इतना था कि ये पुलिस स्टेशन में जॉब करती थी. इस महिला पर तीन मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने चाकू से हमला किया और गोली मारकर फरार हो गए. हालांकि, मौका रहते ही लोगों ने महिला को अस्पताल पहुंचाया जिससे उसकी जान बच गई. 

अस्तपाल में नींद खुली तो देखा चारों ओर अंधेरा
महिला के साथ यह वारदात तब घटित हुई जब वह पुलिस स्टेशन में अपनी ड्यूटी पूरी कर घर के लिए निकल रही थी. मामला अफगानिस्तान के केंद्रीय प्रांत गजनी का है. इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती महिला की जब नींद खुली तो उसे चारों ओर अंधेरा दिखाई दे रहा था. पीड़िता ने डॉक्टर्स से पूछा, ''मैं कुछ भी क्यों नहीं देख सकती? तब डॉक्टर्स ने मुझसे कहा कि मेरी आंखों पर अब भी पट्टी बंधी है. लेकिन उस वक्त मुझे समझ आ गया था कि मेरी आंखें अब नहीं रहीं.''

खटेरा के सपनों का हुआ अंत
स्थानीय प्रशासन ने इस हमले के लिए तालिबान (Taliban) को जिम्मेदार ठहराया है. महिला ने बताया कि इस हमले से न केवल उनकी आंखें चली गईं बल्कि उनके सपने का अंत भी हो गया. तीन महीने पहले ही महिला ने गजनी पुलिस में ऑफिसर के तौर पर नौकरी शुरू की थी. महिला ने कहा, ''अगर मैं पुलिस की नौकरी एक साल भी कर पाती और इसके बाद ये सब होता तो मुझे कम दुख होता. ये बहुत जल्दी हो गया. मैं केवल काम करना चाहती थी और अपने सपने को जीने के लिए मुझे केवल तीन महीने मिले.''

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नौकरी के खिलाफ थे पिता लेकिन पति ने किया सपोर्ट
गजनी पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि इस हमले के पीछे तालिबान का हाथ था और महिला के पिता भी साजिश के आरोपी हैं.  बकौल महिला एक बच्चे के तौर पर मेरा सपना था कि ''मैं घर से बाहर काम करूं और सालों बाद अपने पिता को समझाने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, बाद में मुझे अपने पति का सपोर्ट मिला लेकिन विवाह के बाद भी मेरे पिता ने जॉब को लेकर विरोध करना नहीं छोड़ा.''

महिला ने आरोप लगाया कि ''मेरे पिता इस नौकरी के खिलाफ थे और कई बार जब मैं ड्यूटी पर जाती थी तो मेरे पिता पीछा करते थे. उन्होंने पास के इलाके में तालिबान से संपर्क कर मुझे नौकरी पर जाने से रोकने को कहा था. पिता ने तालिबान को अपनी बेटी के पुलिस की नौकरी वाले आईडी कार्ड की फोटोकॉपी भी सौंपी थी.'' हमलावरों ने खटेरा के पिता के कहने पर हमला किया, जोकि महिला के नौकरी के फैसले के खिलाफ थे. पिता को पुलिस ने कस्टडी में लिया है.

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