प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को कहा कि पोप फ्रांसिस (Pope Francis) से उनकी 'मुलाकात बेहद गर्मजोशी भरी रही' और उन्होंने रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख के साथ कोविड-19 तथा जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.
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वेटिकन सिटी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रोम यात्रा के दौरान पोप फ्रांसिस से हुई उनकी मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि पोप फ्रांसिस (Pope Francis) से पीएम की 'मुलाकात बेहद गर्मजोशी भरी रही' और उन्होंने रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख के साथ कोविड-19 तथा जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. साथ ही उन्हें जल्द भारत की यात्रा के लिये आमंत्रित किया. बताते चलें कि मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिनसे फ्रांसिस ने 2013 में पोप बनने के बाद मुलाकात की है. पीएम मोदी ने मुलाकात की तस्वीरें भी साझा कीं. इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार अजीत डोवल भी उनके साथ रहे.
इस मुलाकात के बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बैठक को एक 'अद्वितीय अवसर' बताया क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री और पोप के बीच इससे पहले अंतिम बातचीत जून 2000 में हुई थी, जब दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वेटिकन में पोप जॉन पॉल द्वितीय से मुलाकात की थी. श्रृंगला ने कहा, प्रधानमंत्री और पोप के बीच एकांत में यह भेंट हुई; दोनों नेताओं ने कई सामयिक मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें कोविड-19 महामारी, महामारी से आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के मुद्दे शामिल हैं. दोनों के बीच हुई इस बातचीत की गर्मजोशी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बैठक 20 मिनट के लिए निर्धारित की गई थी, लेकिन लगभग एक घंटे तक चली.
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प्रधानमंत्री के आमंत्रण को स्वीकारने के बारे में बताते हुए श्रंगला ने कहा, 'पोप ने प्रधानमंत्री के निमंत्रण को विनम्रतापूर्वक स्वीकार कर लिया है और कहा, ‘आपने मुझे सबसे बड़ा उपहार दिया है, मैं भारत आने के लिए उत्सुक हूं.'
विदेश मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत और द होली सी (Vatican City) के बीच 1948 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के समय से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. एशिया में सबसे ज्यादा कैथोलिक आबादी वाला भारत दूसरा देश है, जहां करीब एक करोड़ 80 लाख कैथोलिक आबादी रहती है. बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने कोविड -19 महामारी और दुनिया भर के लोगों के लिए इसके परिणामों और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौती पर भी चर्चा की.
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आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली में हैं. उन्होंने पोप को जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत द्वारा की गई महत्वाकांक्षी पहलों तथा कोविड -19 वैक्सीन की 100 करोड़ खुराक देने में भारत की सफलता के बारे में बताया. प्रधानमंत्री मोदी रविवार से ग्लासगो में होने वाले जलवायु सम्मेलन में भी शामिल होंगे. पोप फ्रांसिस ने महामारी के दौरान जरूरतमंद देशों को भारत की ओर से सहायता दिए जाने की सराहना की.
वेटिकन न्यूज के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने एक घंटे तक चली बैठक के दौरान पोप को एक खास तौर पर तैयार मोमबत्ती रखने का चांदी का स्टेंड और एक पुस्तक, “द क्लाइमेट क्लाइम्ब: इंडियाज स्ट्रैटेजी, एक्शन एंड अचीवमेंट्स” गिफ्ट की. पोप ने भी पीएम मोदी को “द डेजर्ट विल बिकम ए गार्डन” (रेगिस्तान बन जाएगा एक उपवन) लिखी एक कांस्य पट्टिका, पोप के दस्तावेजों की किताबें, विश्व शांति दिवस के लिए उनका संदेश और मानव बंधुत्व पर दस्तावेज गिफ्ट किए हैं.
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