'मेक इन इंडिया' से सैन्य हथियारों में आत्मनिर्भर बना भारत, टॉप 100 में 3 कंपनियां हमारी
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'मेक इन इंडिया' से सैन्य हथियारों में आत्मनिर्भर बना भारत, टॉप 100 में 3 कंपनियां हमारी

दुनियाभर में सैन्य उपकरण बनाने वाली कंपनियों में भारत का दबदबा बढ़ा है. यही वजह है कि विश्व की टॉप 100 कंपनियों में भारत की तीन कंपनियां भी जगह बनाने में सफल रही हैं. स्वीडिश थिंक-टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.

फाइल फोटो: PTI

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) अभियान के सकारात्मक नतीजे एक नई रिपोर्ट में सामने आये हैं. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत सैन्य हथियार बनाने में आत्मनिर्भरता की तरफ तेजी से बढ़ रहा है और यही वजह है कि दुनिया की टॉप 100 कंपनियों में तीन भारतीय कंपनियां (Three Indian Companies) भी शामिल हो गई हैं. इन कंपनियों ने हथियार, सैन्य विमान और उपकरण बनाने वाली टॉप 100 वैश्विक कंपनियों की सूची में जगह बनाई है. स्वीडिश थिंक-टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है.

  1. स्वीडिश थिंक-टैंक की रिपोर्ट में किया गया जिक्र
  2. सैन्य उपकरण बनाने में बढ़ रहा भारत का दबदबा
  3. कुल हथियारों की बिक्री 2019 के मुकाबले बढ़ी

Arms Sales में आई तेजी

रिपोर्ट बताती है कि ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) के तहत दुनियाभर में सैन्य उपकरण बनाने वाली कंपनियों में भारत (India) का दबदबा बढ़ा है. टॉप 100 कंपनियों में भारत की तीन कंपनियां भी जगह बनाने में सफल रही हैं. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (42वें स्थान पर) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (66वें स्थान पर) की हथियारों की बिक्री में क्रमश: 1.5 प्रतिशत और 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. हालांकि भारतीय आयुध कारखानों (60वें स्थान पर) की हथियारों की बिक्री में 2020 के दौरान मामूली इजाफा (0.2 प्रतिशत) हुआ है.

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घरेलू कंपनियों के समर्थन की नीति

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कंपनियों की कुल हथियारों की बिक्री $6.5 बिलियन (लगभग 48,750 करोड़ रुपये) है, जो 2019 की तुलना में 2020 में 1.7 प्रतिशत अधिक थी. इतना ही नहीं ये आंकड़ा टॉप 100 कंपनियों की कुल (बिक्री) का 1.2 प्रतिशत है. बता दें कि 2020 में मोदी सरकार ने घरेलू कंपनियों का समर्थन करने और हथियारों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए सौ से अधिक विभिन्न प्रकार के सैन्य उपकरणों के आयात पर चरणबद्ध प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.

US के बाद China का नंबर

अन्य देशों की बात करें तो चीन अब हथियार और सैन्य उपकरण बनाने में अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है. टॉप 100 में शामिल पांच चीनी कंपनियों की संयुक्त हथियारों की बिक्री 2020 में अनुमानित $ 66.8 बिलियन थी, जो 2019 की तुलना में 1.5 प्रतिशत अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार, कुल टॉप 100 हथियारों की बिक्री में 13 फीसदी हिस्सेदारी के साथ चीनी कंपनियों की कुल हथियारों की बिक्री 2020 में अमेरिकी कंपनियों से कम और ब्रिटिश कंपनियों से ज्यादा थी.

China पर ये सनक है सवार

सभी पांच चीनी हथियार कंपनियां शीर्ष 20 में हैं, जबकि इनमें से तीन टॉप 10 में. 2020 में 17.9 बिलियन डॉलर की अनुमानित हथियारों की बिक्री के साथ NORINCO (7वें स्थान पर) चीन की सबसे बड़ी हथियार कंपनी है. चीन के मुख्य सैन्य विमान निर्माता एवीआईसी (8वें स्थान पर) के लिए हथियारों की अनुमानित बिक्री 2020 में 1.4 प्रतिशत घटकर 17 अरब डॉलर रह गई है. गौरतलब है कि चीन लगातार हथियारों की होड़ में लगा हुआ है, उस पर खुद को सबसे शक्तिशाली साबित करने की सनक सवार है.

 

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