एशिया की सबसे अमीर महिला ने छोड़ी चीन की नागरिकता, 'गोल्डन पासपोर्ट' हासिल कर पहुंची यूरोप!
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एशिया की सबसे अमीर महिला ने छोड़ी चीन की नागरिकता, 'गोल्डन पासपोर्ट' हासिल कर पहुंची यूरोप!

चीनी अरबपति अब यूरोपीय देशों का रुख करने लगे हैं. वो इसके लिए मोटी रकम भी खर्च कर रहे हैं. चीनी अमीरों की प्राथमिकता में साइप्रस देश है, जो अमीरों के लिए 'गोल्डन पासपोर्ट' जारी कर रहा है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: चीनी अरबपति अब यूरोपीय देशों का रुख करने लगे हैं. वो इसके लिए मोटी रकम भी खर्च कर रहे हैं. चीनी अमीरों की प्राथमिकता में साइप्रस देश है, जो अमीरों के लिए 'गोल्डन पासपोर्ट' जारी कर रहा है. इस बात की जानकारी एक लीक हो चुके रिपोर्ट के जरिए सामने आई, जिसमें बताया गया है कि चीन की सबसे अपनी महिलाओं में से एक यांग हुईयान ने साइप्रस के 'गोल्डन पासपोर्ट' के जरिए यूरोपीय संघ (European Union) की नागरिकता हासिल कर ली है. उन्हें 23 अक्टूबर 2018 को ही साइप्रस की नागरिकता मिल चुकी है.

  1. एशिया की सबसे अमीर महिला ने ली यूरोप की नागरिकता
  2. गोल्डन पासपोर्ट के जरिए हासिल की बड़ी आजादी
  3. दो मिलियन यूरो खर्च कर पा सकते हैं साइप्रस का पासपोर्ट

कैसे मिली साइप्रस की नागरिकता? 
यांग हुईयान (Yang Huiyan) उन 500 चीनी अमीरों में शामिल हैं, जिन्होंने 'गोल्डन पासपोर्ट' (Golden Passport) हासिल करने के लिए बाकायदा 2 मिलियन यूरो की रकम साइप्रस में निवेश किया. साइप्रस सरकार उन अमीरों को अपने देश की नागरिकता दे रही है, जो साइप्रस (Cyprus) में कम से कम 2 मिलियन यूरो का निवेश कर सकते हैं और साइप्रस की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. इस लिस्ट में शामिल आठ अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं. जिनमें लु वेईबिन(Lu Wenbin) का नाम भी शामिल हैं. लु को जुलाई 2019 में साइप्रस का गोल्डन पासपोर्ट मिला है. लु चेंगदू पीपल्स कांग्रेस की सदस्य हैं और सिचुआन ट्रॉय इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (Sichuan Troy Information Technology) की मालकिन हैं.

कौन हैं यांग हुईयान? 
यांग हुईयान चीन की रियल एस्टेट कंपनी कंट्री गार्डन की मालकिन हैं और चीन की सबसे अमीर महिला हैं. यांग हुईयान को फोर्ब्स ने साल 2020 में दुनिया की छठीं सबसे अमीर महिला माना था और उनकी दौलत 20.3 बिलियन डॉलर बताई थी. यांग हुईयान के पास अधिकतर संपत्ति उनके पिता युएंग क्वोक केउंग (Yeung Kwok Keung) के पास से आई है, जो चीन के शीर्ष राजनीतिक शख्सियतों में शुमार होते हैं.

साइप्रस का गोल्डन पासपोर्ट आखिर है क्या? 
साइप्रस ने साल 2013 से गोल्डन पासपोर्ट योजना शुरू की है, जिसके तहत कम से कम 2 मिलियन यूरो का निवेश करना होता है. इसके बाद उस व्यक्ति को साइप्रस का गोल्डन पासपोर्ट मिलता है, जिसके दम पर वो बिना वीजा के पूरे यूरोप में कहीं भी आ जा सकता है. बशर्ते वो देश यूरोपीय संघ का हिस्सा हों. हालांकि इस नियम में पिछले साल थोड़े बदलाव किए गए थे.

साइप्रस के रास्ते यूरोप में प्रवेश कर रहे बाहरी लोग!
साइप्रस धनी लोगों के लिए यूरोपीय संघ में प्रवेश के लिए सबसे सुरक्षित रास्ता देता है. इसके लिए किसी भी अमीर को सिर्फ 2 मिलियन यूरो की राशि साइप्रस में निवेश करनी होती है, फिर उसे साइप्रस का गोल्डन पासपोर्ट मिल जाता है. लीक जानकारी के मुताबिक दुनिया भर के 2500 लोगों ने साइप्रस के गोल्डन पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था, जिसमें से 500 लोग चीन के हैं, तो 350 लोग मिडिल ईस्ट के. साइप्रस यूरोपीय संघ के सबसे छोटे देशों में से एक है और मौजूदा समय में तुर्की-यूनान के बीच रण का क्षेत्र भी बना हुआ है. इसके एक हिस्से पर तुर्की ने कब्जा किया हुआ है.

चीन में दोहरी नागरिकता मान्य नहीं
चीन के नागरिक विदेशी नागरिकता हासिल कर सकते हैं और वो विदेशी नागरिकता के लिए आवेदन भी कर सकते हैं, लेकिन चीन दोहरी नागरिकता(Dual Nationality)  को स्वीकार नहीं करता. इसके बावजूद बड़ी संख्या में चीनी नागरिकों ने दूसरे देशों की नागरिकता ली है. यानि वो चीन की कम्युनिस्ट सरकार की नीतियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहे हैं.

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