रूस ने जंग को लेकर दिया बड़ा बयान, यूक्रेन को दी इस बात की चेतावनी
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रूस ने जंग को लेकर दिया बड़ा बयान, यूक्रेन को दी इस बात की चेतावनी

रूस के यूक्रेन पर हमला करने की खबरों की बीच अमेरिका और जर्मनी ने कहा है कि अगर पुतिन शासन ने हमला किया, तो जर्मनी को रूसी प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को दोगुना करने वाली गैस पाइपलाइन पर असर पड़ सकता है. 

यूक्रेन संकट पर रूस का बड़ा बयान

मास्को: यूक्रेन पर आक्रमण की आशंका के बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को कहा कि मास्को युद्ध शुरू नहीं करेगा, लेकिन चेतावनी दी कि वह पश्चिमी देशों को उसके सुरक्षा हितों को रौंदने नहीं देगा.

  1. यूक्रेन संकट पर रूस का बयान
  2. जंग की शुरुआत नहीं करेगा रूस
  3. अमेरिका को भी मास्को की चेतावनी

यूक्रेन पर हमले की आशंका

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक दिन पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति को आगाह किया था कि इस बात की साफ आशंका है कि रूस फरवरी में उनके देश के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकता है. विदेश मंत्री लावरोव ने रूसी रेडियो स्टेशन के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘जब तक यह रूसी संघ पर निर्भर है, तब तक युद्ध नहीं होगा, हम युद्ध नहीं चाहते हैं. लेकिन हम अपने हितों को बेरहमी से रौंदने और उनकी उपेक्षा नहीं होने देंगे.’

रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख से ज्यादा सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है जिससे इस क्षेत्र में युद्ध की आशंका तेज हो गई है. रूस ने लगातार इस बात से इनकार किया है कि वह यूक्रेन पर हमले का प्लान बना रहा है, लेकिन अमेरिका और उसके नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) सहयोगियों का मानना है कि रूस युद्ध की ओर बढ़ रहा है और इसके लिए तैयारी कर रहा है.

क्या हैं रूस की मुख्य मांगें?

रूस की मुख्य मांगों में नाटो में यूक्रेन को शामिल नहीं करना और क्षेत्र से ऐसे हथियारों को हटाना शामिल है, जिससे रूस को खतरा हो सकता है. अमेरिका और नाटो रूस की मुख्य मांगों पर किसी भी तरह की रियायत को मजबूती से खारिज कर चुके हैं. हालांकि तनाव घटाने के लिए अमेरिका ने उन मुद्दों पर जोर दिया है जिन पर वार्ता की जा सकती है.

अब, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इन प्रस्तावों पर फैसला करेंगे और इससे यह तय होगा कि यूक्रेन पर हमला होगा या नहीं. इस बीच, रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने कहा है कि अमेरिका और नाटो की प्रतिक्रिया के बाद उम्मीद की बहुत कम गुंजाइश बचती है. 

अमेरिकी रुख पर होगी चर्चा

लावरोव ने शुक्रवार को कहा, ‘उन्होंने कहा है कि वे अपना रुख नहीं बदलेंगे, हम भी अपना रुख नहीं बदलेंगे. मुझे यहां समझौता करने की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है.’ पुतिन ने शुक्रवार को अपनी सुरक्षा परिषद की साप्ताहिक बैठक की शुरुआत केवल यह कहते हुए की कि इसमें विदेश नीति के मुद्दों पर चर्चा होगी.

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ ऑनलाइन वार्ता में प्रस्तावों को अमेरिका की ओर से ठुकराए जाने के संबंध में चर्चा कर सकते हैं. लावरोव ने जिक्र किया कि अमेरिका ने सुझाव दिया है कि दोनों पक्ष मध्यम दूरी की मिसाइलों की तैनाती की सीमा तय करने, सैन्य अभ्यास रोकने और युद्धपोतों, विमानों की दुर्घटनाओं को रोकने संबंधी नियमों को लेकर चर्चा कर सकते हैं.

विश्वास बहाली पर रूस का जोर

उन्होंने कहा कि रूस ने वर्षों पहले इन मुद्दों पर चर्चा करने का प्रस्ताव रखा था लेकिन अमेरिका और उसके सहयोगियों ने कभी भी इस पर ध्यान नहीं दिया. विश्वास बहाली के उपायों पर बातचीत के लिए अमेरिका के प्रस्तावों को लावरोव ने तार्किक बताया लेकिन इस बात पर जोर दिया कि रूस की मुख्य चिंताएं नाटो के विस्तार और रूस की सीमाओं के पास गठबंधन के देशों के हथियारों की तैनाती को रोकना है.

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समझौते कहते हैं कि एक राष्ट्र की सुरक्षा दूसरों की कीमत पर नहीं होनी चाहिए और वह अपने पश्चिमी देशों के समकक्षों को उस दायित्व को निभाने के लिए लेटर भेजेंगे. तनाव बढ़ने के साथ अमेरिका ने रूस को यूक्रेन पर हमला करने की स्थिति में कठोर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है.

US को रूस की चेतावनी

संभावित प्रतिबंधों के बारे में पूछे जाने पर लावरोव ने कहा कि मास्को ने वॉशिंगटन को आगाह कर दिया है उनका किसी भी तरह का कदम संबंधों को पूरी तरह से तोड़ने के समान होगा. रूस और पश्चिमी देश अपने अगले कदमों पर विचार कर रहे हैं.

इस बीच, नाटो ने कहा कि वह बाल्टिक सागर क्षेत्र में अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा रहा है. अमेरिका ने यूरोप में संभावित तैनाती के लिए 8,500 सैनिकों को अलर्ट रहने का आदेश दिया है. रूस ने दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में पैदल सेना और तोपखाना यूनिट्स, बाल्टिक सागर क्षेत्र के कलिनिनग्राद में लड़ाकू विमानों और काला सागर व आर्कटिक में दर्जनों युद्धपोतों की तैनाती करते हुए सैन्य अभ्यासों की एक सीरीज शुरू की है.

बॉर्डर पर सैनिकों की तैनाती

रूसी सैनिकों ने संयुक्त अभ्यास के लिए बेलारूस की तरफ कूच किया है, जिससे पश्चिमी देशों की आशंकाएं बढ़ रही हैं कि मास्को उत्तर से यूक्रेन पर हमला कर सकता है. यूक्रेन की राजधानी, बेलारूस से लगी सीमा से सिर्फ 75 किलोमीटर दूर है.

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वहीं, यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने शुक्रवार को संसद को बताया कि देश की सीमा के पास करीब 1,30,000 रूसी सैनिक जमा हैं जिनकी संख्या 2021 की गर्मियों के दौरान तैनाती के समान है. उन्होंने कहा कि बेलारूस में रूसी सेना की मौजूदगी के अलावा हमने कहीं पर भी पिछली गर्मियों की तुलना में सेना की कोई अलग गतिविधि नहीं देखी है.

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