Russia-Ukraine War: जंग के बीच समंदर से निकलेगा हिटलर का 'महाविनाशक'? समुद्र मंथन में क्यों जुटा NATO
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Russia-Ukraine War: जंग के बीच समंदर से निकलेगा हिटलर का 'महाविनाशक'? समुद्र मंथन में क्यों जुटा NATO

Hitler's Chemical Weapons: जिस तरह की तैयारी दोनों ओर से की जा रही है. उसे देखकर तो यही लगता है कि अगर रूस-यूक्रेन की जंग बढ़ी तो बड़ा विनाश होगा. देखना होगा कि आने वाले महीनों में यूक्रेन Vs रूस की ये जंग दुनिया को किस ओर लेकर लेकर जाती है.

Russia-Ukraine War: जंग के बीच समंदर से निकलेगा हिटलर का 'महाविनाशक'? समुद्र मंथन में क्यों जुटा NATO

Chemical Weapons Danger: रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) की इस घड़ी में एक बड़ी खबर आई है. अगर ये खबर हकीकत में बदल गई तो यकीन मानिए इससे दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा विध्वंस होगा. कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वर्ल्ड वॉर 2 के बाद जब जर्मनी ने सोवियत संघ के सामने सरेंडर किया था, तब हिटलर की सेना के पास जो केमिकल हथियार थे उन्हें बाल्टिक सी में गाड़ दिया गया था. मगर रूस के हवाले से कहा गया है कि NATO के देश उन हथियारों को खोजने की तैयारी में हैं. इस केमिकल जखीरे को ढ़ूढ़ने के लिए बाल्टिक सी में बड़ा खोजी अभियान शुरू होने जा रहा है.

समंदर से निकलने वाला है महाविनाशक

यानी जो काम वर्ल्ड वॉर 2 के वक्त नहीं हुआ, क्या वो अब होने वाला है? नरसंहार के डर से जिन केमिकल हथियारों को समंदर में गाड़ दिया गया था, उन्हें निकालकर NATO के देश खुद को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. अगर हिटलर का ये विध्वंसक जखीरा नाटो को मिला तो रूस के लिए अमेरिका से जीतना नामुमकिन हो जाएगा.

कहां दफ्न हैं 40 हजार टन केमिकल हथियार?

समंदर के पर्यावरण से जुड़े मुद्दे पर काम करने वाली संस्था HELCOM की रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बाल्टिक सी में करीब 40 हजार टन केमिकल हथियार डंप किए गए थे. इनमें से 15,000 टन केमिकल हथियार युद्ध में काम आने वाले थे. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इस वक्त इन हथियारों को हासिल करना संभव है.

केमिकल हथियारों पर कौन करेगा कब्जा?

यानी इस बात की पूरी संभावना है कि अभी भी कोई देश उन हथियारों पर कब्जा कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 80 साल पहले समंदर में 150 से 300 जगहों पर केमिकल हथियार डुबोए गए थे. ये हथियार रूस-यूक्रेन युद्ध में हार जीत का फैसला कर सकते हैं.

हालांकि, पुतिन भी आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं. 10 दिनों पहले ही दक्षिणी सीमा के पास रूस ने अपनी न्यूक्लियर मिसाइल को तैनात किया है. रूस के रक्षा मंत्री ने एक वीडियो को शेयर करते हुए एक तरह से नाटो देशों को चेताया था.

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