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लंदन: ब्रिटेन (Britain) में कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (Side Effects Of Corona Vaccine) के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. 32 वर्षीय जोसेफ रॉबिन्सन (Joseph Robinson) के वैक्सीन का शिकार होने के बाद अब एक अन्य व्यक्ति दोनों खुराक लेने के बाद पैरालिसिस का शिकार हो गया है. 61 साल के इस शख्स ने फाइजर की कोरोना वैक्सीन (Pfizer Vaccine) लगवाई थी. पहली डोज के बाद से ही उसकी तबीयत खराब होने लगी थी, लेकिन दूसरी के बाद स्थिति अचानक बिगड़ गई.
‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में लिखने वाले डॉक्टरों का भी कहना है कि फाइजर का टीका (Pfizer Vaccine) लगवाने के बाद ही शख्स की हालत बिगड़ी. उसके चेहरे का बायां हिस्सा लकवाग्रस्त (Paralysed) हो गया और उसकी एक आंख बंद भी पूरी तरह बंद नहीं हो रही है. हालांकि, इलाज के बाद उसकी सेहत में सुधार हो रहा है. उस शख्स में बेल्स पाल्सी (Bell’s Palsy) का पता चला था - अस्थायी कमजोरी या चेहरे की मांसपेशियों का पक्षाघात, जो वायरस के कारण हो सकता है.
Five Hours बाद बिगड़ी स्थिति
डॉक्टरों का कहना है कि बेल्स पाल्सी का इलाज संभव है. ज्यादातर लोग नौ महीने में पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी इससे अधिक भी समय लग सकता है या यह परमानेंट भी हो सकता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि फाइजर की वैक्सीन का फर्स्ट डोज लेने के पांच घंटे बाद शख्स के चेहरे के दाएं हिस्से को लकवा मार गया था. हालांकि, कुछ दिनों के ट्रीटमेंट के बाद वह ठीक हो गया. तमाम टेस्ट में भी कोई चिंता की बात नजर नहीं आई थी.
इसके बाद जब शख्स ने टीके की दूसरी खुराक ली, तो चेहरे का बायां हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया. इस बार स्थिति पहले से ज्यादा गंभीर थी. कई दिनों के इलाज के बाद फिलहाल वह पहले से ठीक है. इससे पहले, ब्रिटेन निवासी जोसेफ रॉबिन्सन ने दावा किया था कि AstraZeneca की वैक्सीन ने उसकी पूरी जिंदगी खराब कर दी. वैक्सीन के बाद उसके ब्रेन में अल्ट्रा रेयर ब्लड क्लॉट (Ultra-Rare Blood Clot) बनने लगे, फिर उसकी याददाश्त कमजोर हो गई और फिर उसे बोलने में भी परेशानी (Speech Impairment) होनी लगी. जिसके चलते उसे जबरन नौकरी से निकाल दिया गया.
उधर, स्कॉटलैंड निवासी एक 13 वर्षीय साल की लड़की का कहना है कि वो पिछले कई महीनों से "Covid Toes" से परेशान है, जबकि उसकी कोरोना रिपोर्ट कभी पॉजिटिव नहीं आई. सोफिया के पैरों में काफी दर्द रहता है, जिसकी वजह से उसके लिए चलना तक मुश्किल हो गया है. सोफिया ने कहा, ‘मेरे पैर अक्सर सूज जाते हैं, उनमें छाले भी निकलते रहते हैं. जिसके चलते पैदल चलना, जूते पहनना भी मुश्किल हो गया है. डॉक्टरों के अनुसार, ऐसी अवस्था कोरोना पॉजिटिव होने के एक महीने के भीतर हो सकती है, इसे "Covid Toes" कहा जाता है. लेकिन सोफिया का मामला किसी भी समझ से बाहर है, क्योंकि उसके सभी कोरोना टेस्ट अब तक नेगेटिव आए हैं.