Slovenia में महिलाओं को मिली 'ऐतिहासिक जीत', ऐसा कानून बनाने वाला 13वां यूरोपीय देश बना
Advertisement
trendingNow1916080

Slovenia में महिलाओं को मिली 'ऐतिहासिक जीत', ऐसा कानून बनाने वाला 13वां यूरोपीय देश बना

यूरोपियन देश स्‍लोवेनिया ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों को कम करने के लिए रेप को नए तरीके से परिभाषित करने के लिए नया कानून बनाया है. इसे महिलाओं की ऐतिहासिक जीत कहा जा रहा है.

(फोटो: द सन)

स्लोवेनिया: स्‍लोवेनिया (Slovenia) देश में महिलाओं (Women) को ऐतिहासिक जीत हासिल हुई है. यहां एक ऐसा कानून (Law) पारित किया गया है, जो महिलाओं को बड़ी राहत देगा. इस कानून के तहत अब यहां बिना सहमति के संबंध बनाने को रेप माना जाएगा. इससे पहले तक महिला के साथ रेप को तभी अपराध माना जाता था, जबकि इसके लिए महिला को धमकाया गया हो, उसके साथ जबरदस्‍ती की गई हो. 

  1. स्‍लोवेनिया ने रेप को लेकर बनाया नया कानून 
  2. बिना सह‍मति रिलेशन बनाने को दिया रेप का दर्जा 
  3. ऐसा कानून बनाने वाला 13 वां यूरोपीय देश बना  

ऐसा कानून लाने वाला 13 वां देश 

महिला की असहमित से बनाए गए संबंधों को रेप का दर्जा देने वाला स्‍लोवेनिया यूरोप  का ऐसा 13 वां देश बन गया है. द सन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) के यूरोप के लिए निदेशक निल्स मुइनीक्स ने कहा, 'यह स्लोवेनिया में महिलाओं के लिए ऐतिहासिक जीत का दिन है. साथ ही संस्कृति, दृष्टिकोण और व्यवहार को बदलने की दिशा में एक अहम कदम है. साथ ही यह उन पीड़ित महिलाओं के अभियान की जीत है, जिन्‍होंने तय किया कि कोई और महिला उनकी तरह यह दर्द नहीं सहेगी. ' 

यह भी पढ़ें: बहन को बचाने के लिए Crocodile से भिड़ गई महिला, तब तक मारे जबड़े पर Punch जब तक उसने छोड़ नहीं दिया

ये यूरोपीय देश ला चुके हैं कानून  

इससे पहले यूके, बेल्जियम, क्रोएशिया, साइप्रस, डेनमार्क, यूनान, आइसलैंड, आयरलैंड, लग्‍जमबर्ग, माल्टा, स्वीडन, जर्मनी ऐसा कर चुके हैं. इन देशों में बिना सहमति के फिजिकल रिलेशन बनाने को रेप माना जाता है. वहीं स्पेन और नीदरलैंड भी ऐसा ही कानून बनाने पर विचार कर रहे हैं. अन्य यूरोपीय देशों (European countries) में मौजूदा कानून के मुताबिक रेप तभी माना जाता है, जब आरोपी जबरदस्‍ती करे या धमकी दे. जबकि कई मामलों में ऐसा नहीं होता है. 

ऐसा कानून बनाने के लिए स्‍लोवेनिया ने 2015 में इस्‍तांबुल कंवेंशन में अपनी मंजूरी दे दी थी. 

Trending news