Hydroxychloroquine दवा पर 'जंग'! भारत के बाद इस देश ने भी WHO को कहा 'ना'
Advertisement

Hydroxychloroquine दवा पर 'जंग'! भारत के बाद इस देश ने भी WHO को कहा 'ना'

फ्रांस, इटली और बेल्जियम सहित कई यूरोपीय देशों ने सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के फैसले के बाद सुरक्षा चिंताओं के कारण हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल को रोक दिया, लेकिन स्पेन ऐसा नहीं कर रहा.

स्पेन हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर नहीं लगाएगा रोक

मेड्रिड, स्पेन: स्पेन (Spain) का कहना है कि उन्हें COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) के इस्तेमाल को रोक देने का कोई कारण नहीं दिखता है, भले ही यूरोपीय सरकारों ने बुधवार को इस मलेरिया-रोधी दवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी हो.

  1. कोरोना मरीजों के इलाज के लिए स्पेन HCQ के इस्तेमाल पर नहीं लगाएगा बैन
  2. फ्रांस, इटली और बेल्जियम सहित कई यूरोपीय देशों ने दवा पर रोक लगा दी थी
  3. WHO ने सुरक्षा चिंताओं के कारण हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल को रोक दिया था

फ्रांस, इटली और बेल्जियम सहित कई यूरोपीय देशों ने सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के फैसले के बाद सुरक्षा चिंताओं के कारण हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल को रोक दिया.

ये भी पढ़ें: अरे वाह! रेलवे टिकट रिजर्वेशन नियमों में हुआ बदलाव, 31 मई से होगा लागू

ब्रिटेन के एक नियामक ने बुधवार को कहा कि एक अन्य ट्रायल के शुरु होने के एक सप्ताह के अंदर अंदर इसे रोक दिया गया है. आंशिक रूप से बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित इस अध्ययन को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय कर रहा है, इसमें 40,000 स्वास्थ्यकर्मियों के शामिल होने की उम्मीद थी.

शुरुआती रिपोर्टों के बाद कि यह कुछ रोगियों के लिए मददगार है, कई देशों ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को कोविड​​-19 के संभावित उपचार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो इस दवा के एक मजबूत समर्थक थे, जिन्होंने दवा को 'गेम चेंजर' कहा था. बाद में उन्होंने घोषणा की कि संक्रमण से बचने के लिए वो इस दवा को ले रहे हैं. 

ये भी देखें...

हालांकि, हाल ही के कुछ अध्ययनों ने इस दवा पर सवाल खड़े किए. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने कहा कि जिन कोरोना वायरस रोगियों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दी जा रही है उनकी मौत होने का खतरा ज्यादा है और उनके दिल की धड़कनें खतरनाक रूप से अनियमित हो सकती हैं. एक लैंसेट अध्ययन में दिन रोगियों ने यह दवा ली थी उनमें उच्च मृत्यु दर पायी गयी.

ये भी पढ़ें: भारत-चीन विवाद पर ट्रंप का बड़ा बयान, बोले- 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मूड ठीक नहीं'

स्पैनिश हेल्थ वॉचडॉग AEMPS ने कहा कि लैंसेट द्वारा प्रकाशित पेपर इतना पर्याप्त नहीं था जिसके आधार पर स्पेन के अस्पतालों में दवा का परीक्षण बंद किया जा सके. 

इसके विपरीत, बुधवार को फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने लगभग दो महीने पहले दिए गए आदेश को रद्द कर दिया था जिसके तहत अस्पताल के डॉक्टर विशेष परिस्थितियों में COVID-19 के रोगियों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दे सकते थे. 

फ्रांस और इटली में दवा एजेंसियों ने कहा कि क्लीनिकल ट्रायल के अलावा ये दवा और कहीं इस्तमाल नहीं का जानी चाहिए. बेल्जियम के नियामक ने कहा कि दवा का मूल्यांकन करने के उद्देश्य किए जा रहे ट्रायल में भी संभावित जोखिमों को ध्यान में रखा जाना चाहिए.

जर्मनी द लैंसेट की स्टडी और WHO के फैसले पर विचार तो कर रहा है लेकिन हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर उसने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है. 

अमेरिका के फूड एंड ड्रग विभाग ने डॉक्टरों को COVID-19 मरीजों पर आपातकालीन स्थिति में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग की अनुमति तो दी है, लेकिन उन्हें इससे इलाज करने की मंजूरी नहीं दी है.

Trending news