Sri Lanka: देश छोड़कर भागने की कोशिश करने वाले पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के छोटे भाई हैं. वह एयरपोर्ट पर फ्लाइट पकड़ने वाले ही थे कि लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. इसके बाद इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें जाने की अनुमति नहीं दी.
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Sri Lanka Politcal Crisis: श्रीलंका में चल रहे आर्थिक और सियासी संकट की वजह से रोज एक के बाद एक नया मोड़ आ रहा है. देश के लोगों के आक्रोश को देखते हुए मौजूदा सरकार के मंत्री इधर-उधर भागते फिर रहे हैं. श्रीलंका की लोकल मीडिया के मुताबिक, सोमवार को देश के पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे देश छोड़कर दुबई भागने की फिराक में थे, लेकिन उन्हें एयरपोर्ट पर रोक दिया गया. बता दें कि बासिल राजपक्षे देश के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के सबसे छोटे भाई हैं.
दूसरे पैसेंजर्स के विरोध की वजह से नहीं मिली अनुमति
डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, बासिल ने कथित तौर पर देश में चल रहे आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका छोड़ने का प्रयास किया, लेकिन हवाई अड्डे पर तैनात इमिग्रेशन अधिकारियों ने दूसरे यात्रियों के विरोध के बाद उन्हें देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी. इसके बाद बासिल राजपक्षे को लौटना पड़ा.
गोटाबाया राजपक्षे के भी देश छोड़ने की थी चर्चा
यह घटनाक्रम इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि एक दिन पहले ही रिपोर्ट आई थी कि राष्ट्रपति देश छोड़कर बाहर जा चुके हैं, लेकिन संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने द्वारा 1 दिन पहले ही यह स्पष्ट किया गया था कि गोटबाया राजपक्षे अभी भी देश में हैं. गोटाबाया राजपक्षे ने श्रीलंका के राष्ट्रपति पद से शनिवार को इस्तीफा दिया था. महिंदा यापा अभयवर्धने ने एएनआई को बताया कि गोटाबाया राजपक्षे अब भी देश में हैं. बीबीसी को दिए इंटरव्यू में उनसे गलती हुई थी. जब उनसे पूछा गया कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कहां हैं तो उन्होंने कहा कि दोनों देश में ही हैं.
विदेशी मुद्रा न होने से कई तरह की दिक्कत
बता दें कि श्रीलंका में 3 दिन पहले ही हजारों लोगों ने राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री आवास पर डेरा डाल दिया था. लोगों के गुस्से को देखते हुए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी पद से इस्तीफे की घोषणा की थी. प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा था कि जब तक पीएम और राष्ट्रपति अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे, वे लोग वहां से नहीं हटेंगे. श्रीलंका पिछले 6 महीने से भयंकर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. दो महीने पहले देश दिवालिया घोषित हो गया था. विदेशी मुद्रा भंडार न होने की वजह से आयात ठप है. ऐसे में पेट्रोल, डीजल, तेल व अन्य जरूरी चीजों का संकट देश में बना हुआ है. तेल की कमी की वजह से स्कूलों की छुट्टियां कर दी गईं हैं. लोगों के सामने अब खाने-पीने का भी संकट आ रहा है.