200 साल से नहीं लड़ा युद्ध, अब देश में बांट रहा पर्चे- युद्ध के लिए हो जाइए तैयार!
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200 साल से नहीं लड़ा युद्ध, अब देश में बांट रहा पर्चे- युद्ध के लिए हो जाइए तैयार!

Russia Sweden Tension: स्वीडन ने अपने नागरिकों को 50 लाख से अधिक पर्चे बांटे है, जिसमें उन्हें युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है. इसके बाद सवाल उठने लगा है कि क्या अब एक और युद्ध शुरू होने वाला है?

200 साल से नहीं लड़ा युद्ध, अब देश में बांट रहा पर्चे- युद्ध के लिए हो जाइए तैयार!

Finland War Leaflets: एक तरफ रूस-यूक्रेन के बीच ढाई साल से ज्यादा समय से युद्ध चल रहा है तो दूसरी तरफ इजरायल भी एक साल से हमास से जंग लड़ रहा है. इस बीच एक नए युद्ध की आहत सुनाई देने लगी है और स्वीडन ने अपने नागरिकों को 50 लाख से अधिक पर्चे बांटे है, जिसमें उन्हें युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है. पर्चे में युद्ध की संभावना के लिए तैयार रहने के साथ खानी की सामग्री और पानी का भंडारण करने के बारे में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं. इसके बाद सवाल उठने लगा है कि क्या अब एक और युद्ध शुरू होने वाला है?

स्वीडन और फिनलैंड के लिए बढ़ गया तनाव

इस बीच स्वीडन के पड़ोसी फिनलैंड ने भी तैयारियों पर एक नई वेबसाइट बनाई है. इसके अलावा, नॉर्वे के लोगों को भी हाल ही में पैम्फलेट यानी पर्चे मिले हैं, जिसमें उन्हें युद्ध और अन्य खतरों के मामले में एक सप्ताह तक अपने दम पर जीवित रहने के तरीके बताए गए हैं. साल 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद स्वीडन और फिनलैंड दोनों अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन नाटो में शामिल होने की ओर बढ़ गए, जिससे दशकों से चली आ रही सैन्य गुटनिरपेक्षता समाप्त हो गई.

स्वीडन ने अपने नागरिकों को क्या निर्देश दिए?

सुरक्षा की भयावह स्थिति का हवाला देते हुए स्वीडन ने रूस-यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत से ही अपने देश के लोगों को युद्ध की स्थिति के लिए मानसिक और साथ ही साथ तार्किक रूप से तैयार रहने की सलाह देता रहा है. 'अगर संकट या युद्ध आता है' नामक ब्रोशर में युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं या साइबर हमलों जैसी आपात स्थितियों के लिए तैयार रहने के बारे में जानकारी दी गई है. इसे स्वीडिश सिविल कंटिंजेंसी एजेंसी (MSB) द्वारा वितरित किया गया है.

डेली मेल के अनुसार, पर्चे में बताया गया है, 'वैश्विक सुरक्षा स्थिति में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का जोखिम बढ़ गया है. परमाणु, जैविक या रासायनिक हथियारों से हमले की स्थिति में हवाई हमले की तरह ही कवर लें.' पैम्फलेट के अपडेटेड वर्जन में एक संदेश यह भी है, 'यदि स्वीडन पर किसी अन्य देश द्वारा हमला किया जाता है तो हम कभी हार नहीं मानेंगे. प्रतिरोध समाप्त करने के बारे में सभी जानकारी झूठी है.'

स्वीडन ने 200 साल से नहीं लड़ा युद्ध

हालांकि, अगर युद्ध की स्थिति होती है तो यह स्वीडन के लिए गंभीर चुनौती होगी, क्योंकि स्वीडन ने 200 साल से कोई भी युद्ध नहीं लड़ा है और उसके पास युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए अनुभव नहीं है. स्वीडन का अंतिम युद्ध स्वीडिश-नॉर्वेजियन युद्ध था, जो साल 1814 में लड़ा गया था. स्वीडन इस युद्ध में विजयी रहा, जिसके कारण डेनमार्क के राजा को नॉर्वे को स्वीडन को सौंपने के लिए मजबूर होना पड़ा था. इसके बाद नॉर्वे को स्वीडन के साथ एक व्यक्तिगत संघ में प्रवेश करने के लिए मजबूर किया गया, जो 1905 तक चला.

क्या बाइडेन के फैसले ने दी युद्ध को हवा?

यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब रूस और यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगियों के बीच दरार अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ गई है. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने यूक्रेन को रूस के भीतर लक्ष्यों पर हमला करने के लिए अमेरिका द्वारा आपूर्ति की गई लंबी दूरी की मिसाइलों का उपयोग करने की अनुमति दे दी है. इस फैसले से न केवल रूस, बल्कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक भी भड़के हुए हैं, जिन्होंने यूक्रेन को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता में कटौती करने और संघर्ष को शीघ्र निष्कर्ष पर पहुंचाने का वादा किया था.

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