सीरिया संकट: भारत ने अपने 75 नागरिक निकाले, उधर इजरायल ने शुरू कर दी बमबारी, 10 बड़े अपडेट
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सीरिया संकट: भारत ने अपने 75 नागरिक निकाले, उधर इजरायल ने शुरू कर दी बमबारी, 10 बड़े अपडेट

Syria Crisis Update: सीरिया में तख्तापलट और बशर अल-असद (Bashar al-Assad) को सत्ता से बेदखल करने के बाद भी शांति नहीं हैं और सीरियाई जनता को लगातार झटके लग रहे हैं. अलग-अलग समर्थित गुट आपस में लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ इजरायल बमबारी कर रहा है.

सीरिया संकट: भारत ने अपने 75 नागरिक निकाले, उधर इजरायल ने शुरू कर दी बमबारी, 10 बड़े अपडेट

Syria Crisis Latest Update: सीरिया में तख्तापलट के बाद शांति की उम्मीद कर रही सीरियाई जनता को लगातार झटके लग रहे हैं. एक तरफ अलग-अलग समर्थित गुट आपस में लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ इजरायल ने बमबारी (Israel Bombing in Syria) शुरू कर दी है. इस बीच भारत सरकार अपने नागरिकों को बचाने के लिए एक्शन में आ गई है और सीरिया में फंसे 75 भारतीय नागरिकों  को बाहर निकाला है. वहीं, दूसरी तरफ आईएसआईएस (ISIS) के ठिकानों पर बमबारी करने के बाद अमेरिका ने नई सीरिया सरकार (US Support Syria New Govt) को मान्यता देने और उसका समर्थन करने की बात कही है, लेकिन इसके लिए जो बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन ने एक शर्त भी रखी है.

  1. अलग-अलग समर्थित गुट आपस में लड़ रहे: बशर अल-असद (Bashar al-Assad) को सत्ता से बेदखल करने के बाद शांति की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन अब भी सीरियाई जनता को लगातार झटके लग रहे हैं. अब सीरिया में अलग-अलग समर्थित गुट आपस में ही लड़ने लगे हैं. इसके बाद आने वाले कुछ दिनों में देश में शांति की उम्मीद कम ही हैं. एक डरावना वीडियो सामने आया है, जिसमें अरब ट्राइबल फाइटर और पीकेके (PKK) गुट के लड़ाके आपस में लड़ते नजर आ रहे हैं. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह दोनों तरफ से लगातार फायरिंग हो रही है. यानी जिन्हें लगता था बशर अल-असद के सत्ता से बेदखल होते ही सीरिया स्वर्ग बन जाएगा, उन्हें इस वीडियो को देखना चाहिए.
  2. सीरिया में इजरायली सेना का कहर: पहले आईएसआईएस (ISIS) के ठिकानों पर अमेरिकी बमबारी और अब इजरायली सेना ने कहर बरपाना शुरू कर दिया. इजरायली एयफोर्स नेसीरिया के लटाकिया सिटी में सीरियन नेवल संपत्ति को निशाना बनाकर बमबारी की है. बमबारी के बाद इमारत पूरी तरह बर्बाद हो गई है. रणनीतिक तौर पर ये ठिकाना सीरिया के अहम सैन्य अड्डों में से एक था, जहां तमाम स्ट्रेटजिक इंफॉर्मेशन के साथ दूसरी चीजें रखी थीं. हालांकि, इजरायल ने निशाना बनाकर इसे तबाह कर दिया.
  3. 400 वर्ग किलोमीटर के बफर जोन पर इजरायल का कब्जा: सीरिया के एक युद्ध पर्यवेक्षक ने कहा कि इजराइल ने सीरिया में भारी हवाई हमले किए हैं और उसके सैनिक देश में और अंदर घुस गए हैं. इजराइली रक्षा मंत्री ने घोषणा की कि उनकी सेना ने सीरिया की नौसेना को नष्ट कर दिया है. इजराइल ने विद्रोहियों द्वारा सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद सीरिया के अंदर ‘बफर जोन’ में घुसने की बात स्वीकार की है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उसके सैनिक उस क्षेत्र से आगे गए हैं या नहीं, जिसे 50 साल से भी पहले स्थापित किया गया था. इजराइल ने इस बात से इनकार किया है कि वह सीरिया की राजधानी दमिश्क की ओर बढ़ रहा है. इजराइल ने सीरिया के अंदर लगभग 400 वर्ग किलोमीटर के बफर जोन पर कब्जा कर लिया था, जिसे 1973 के पश्चिम एशिया युद्ध के बाद स्थापित किया गया था.
  4. भारत ने अपने 75 नागरिकों को बाहर निकाला: भारत ने सीरिया में विद्रोही बलों द्वारा बशर अल-असद की सरकार को अपदस्थ किए जाने के दो दिन बाद वहां से 75 भारतीय नागरिकों को बाहर निकाला है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा स्थिति के आकलन के बाद दमिश्क और बेरूत स्थित भारतीय दूतावासों ने निकासी की समन्वित प्रक्रिया की. देर रात जारी बयान में कहा गया, 'भारत सरकार ने सीरिया में हाल में हुए घटनाक्रम के बाद आज 75 भारतीय नागरिकों को वहां से निकाला. निकाले गए लोगों में जम्मू कश्मीर के 44 जायरीन शामिल हैं, जो सईदा जैनब में फंसे हुए थे. सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित रूप से लेबनान पहुंच गए हैं और वे उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानों से भारत लौटेंगे.' 
  5. अमेरिका करेगा सीरिया का समर्थन, लेकिन शर्त के साथ: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने कहा है कि वह आतंकवाद को खत्म करने, रासायनिक हथियारों के भंडार को नष्ट करने और अल्पसंख्यकों एवं महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने वाली नई सीरिया सरकार को मान्यता देगा और उसका समर्थन करेगा. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक बयान में कहा कि अमेरिका सीरिया में समूहों और क्षेत्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम करेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार के अपदस्थ होने के बाद सत्ता का हस्तांतरण सुचारू रूप से हो. उन्होंने इस बारे में स्पष्ट रूप से नहीं बताया कि अमेरिका किन समूहों के साथ काम करेगा, लेकिन विदेश मंत्रालय ने मुख्य सीरियाई विद्रोही समूह के साथ बातचीत की संभावना से इनकार नहीं किया है, भले ही उसे आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है.
  6. रूस नहीं करेगा बशर अल-असद का प्रत्यर्पण: सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद परिवार समेत रूस में हैं. रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि वो सुरक्षित हैं और उनका प्रत्यर्पण नहीं किया जाएगा. स्थानीय आरआईए समाचार एजेंसी ने रयाबकोव का हवाला देते हुए बताया, 'ऐसी स्थिति में मेरे लिए यह बताना बहुत गलत होगा कि क्या हुआ और इसे कैसे सुलझाया गया, लेकिन वह सुरक्षित हैं.' अल-असद के प्रत्यर्पण की संभावना पर टिप्पणी करते हुए रूसी राजनयिक ने कहा कि रूस अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय रोम संविधि का पक्षकार नहीं है.
  7. सीरिया में स्थिति को अराजक और अस्थिर: संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यकर्ताओं ने सीरिया में स्थिति को अराजक और अस्थिर बताया और कहा कि देश में 16 मिलियन से अधिक लोगों को मदद की जरुरत है. मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 28 नवंबर से 8 दिसंबर तक अकेले पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में 10 लाख लोग अपने घरों से विस्थापित हुए हैं. कार्यालय ने कहा कि हाल ही में विस्थापित हुए लोगों में मुख्य रूप से अलेप्पो, हामा, होम्स और इदलिब प्रांतों से महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. स्थिति बहुत अस्थिर है. रास्ते ब्लॉक हो गए हैं, जिससे लोगों, सामान और मानवीय सहायता की आवाजाही सीमित हो गई है. ओसीएचए के अनुसार, नागरिक संपत्तियों और कारखानों के साथ-साथ मानवीय आपूर्ति रखने वाले गोदामों की लूटपाट की कुछ खबरें मिली हैं.
  8. दक्षिण कोरिया को जल्द सीरिया में शांति की उम्मीद: साउथ कोरिया ने तख्ता पलट के बाद वहां सभी प्रकार की हिंसा की समाप्ति, शांति और स्थिरता की स्थापना की उम्मीद जताई. विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'इस बदलाव को एक अवसर के रूप में लेते हुए, हम आशा करते हैं कि सीरिया में सभी हिंसा समाप्त हो जाएगी और सीरियाई लोग शांति और स्थिरता की ओर बढ़ेंगे.' कोरियाई अधिकारी ने राष्ट्रपति असद की सत्ता जाने को ऐसी 'प्रगति' बताया जिसका सीरियाई लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे थे. दक्षिण कोरिया का वर्तमान में सीरिया के साथ कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है, और देश में कोई कोरियाई निवासी नहीं है.
  9. ब्रिटेन ने स्थगित की सीरियाई नागरिकों के शरण मांगने की अर्जी: ब्रिटेन ने सप्ताहांत में बशर अल-असद के शासन का अंत होने के बाद शरण देने का अनुरोध करने वाले सभी सीरियाई शरणार्थियों की अर्जियों पर निर्णय स्थगित कर दिया है. सीरिया में असद शासन के अंत के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता की अपील की है. गृह मंत्रालय ने कहा है कि हजारों सीरियाई शरणार्थियों की इन अर्जियों को वह समीक्षा के लिए रखेगा. इसी तरह के कदम जर्मनी, यूनान और ऑस्ट्रिया ने भी उठाये हैं. एक बयान में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने शरण देने का अनुरोध करने संबंधी सीरियाई नागरिकों की अर्जियों पर निर्णय रोक दिया है. हम मौजूदा स्थिति का आकलन कर रहे हैं. हम इन अर्जियों से संबंधित सभी देशों के दिशानिर्देशों की निरंतर समीक्षा करते रहते हैं, ताकि हम उभरते मुद्दों पर प्रतिक्रिया कर सकें. स्टॉर्मर ने इस सप्ताह मध्य पूर्व के दौरे पर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के नेतृत्व के साथ बातचीत करते हुए सीरियाई संघर्ष से सबसे कमजोर और विस्थापित लोगों के लिए मानवीय सहायता के रूप में 1.1 करोड़ पाउंड की अतिरिक्त राशि की घोषणा की थी.
  10. सीरिया में 24 साल का बशर अल-असद का खात्मा: सीरियाई विद्रोही समूहों ने नवंबर के अंत से उत्तरी सीरिया से एक बड़ा आक्रमण किया, सरकार के कब्जे वाले क्षेत्रों से होते हुए दक्षिण की ओर बढ़े और 12 दिनों के भीतर राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया. आक्रमण के बाद, सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार रविवार को गिर गई. अल-असद ने इस्तीफा दे दिया और रूस में शरण ली. 59 वर्षीय बशर अल-असद ने 2000 में अपने पिता हाफिज अल-असद की मृत्यु के बाद सत्ता संभाली थी. असद पर मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप लगता रहा है, जिनमें युद्ध के दौरान सीरिया में रासायनिक हथियारों का प्रयोग, कुर्दों का दमन और लोगों को जबरन गायब करना शामिल है. 2011 उनके शासन काल के लिए सबसे अहम साल रहा जब लोकतंत्र की मांग को लेकर हजारों सीरियाई नागरिक सड़कों पर उतर आए, लेकिन उन्हें भारी सरकारी दमन का सामना करना पड़ा. हालांकि, सरकार के विरोध में विभिन्न सशस्त्र विद्रोही समूहों का गठन हो गया और सरकार का विरोध 2012 के मध्य तक, विद्रोह एक पूर्ण गृह युद्ध में बदल गया.

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