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नई दिल्ली: काबुल पर कब्जे के बाद अब तालिबान पूरे अफगानिस्तान में अपनी जड़ें जमाता जा रहा है. हालांकि इस बीच उसे कुछ अफगानी नागरिकों की बगावत का सामना भी करना पड़ रहा है. ताजा घटनाक्रम में अफगानिस्ता का झंडा फहराने पर तालिबान ने दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी है. इसके अलावा अब अफगानी सेना और सरकार के घुटने टेकने के बाद अफगानी नागरिकों ने तालिबान के खिलाफ आवाज उठाने का जिम्मा उठाया है.
जानकारी के मुताबिक अफगानी नागरिकों ने जलालाबाद की सड़कों पर झंडा लेकर मार्च निकाला था. लेकिन तालिबान के कब्जे वाले इस इलाके में उन्हें ऐसा करना भारी पड़ गया. इसके बाद तालिबानी लड़ाकों ने आम नागरिकों पर फायरिंग शुरू कर दी. इस गोलीबारी में दो अफगानी नागरिकों की मौत हो गई है. साथ ही कई अन्य लोग घायल हुए हैं.
टोलो न्यूज के हवाले से बताया गया कि ताजिकिस्तान स्थित अफगानी दूतावास ने इंटरपोल पुलिस से राष्ट्रपति अशरफ गनी को गिरफ्तार करने की अपील की है. इसके अलावा हमदल्ला मोहिब और फजल महमूद फजली को भी हिरासत में लेने को कहा गया है, इन तीनों नेताओं पर अफगानी जनता का पैसा लूटकर भागने का आरोप है. अब दूतावास चाहता है कि इन नेताओं को पकड़कर इनसे रकम की वसूली की जाए.
अफगानी राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान के संविधान में राष्ट्रपति की मौत, गैर मौजूदगी या भाग जाने पर उप राष्ट्रपति को देश की कमान संभालने का अधिकार दिया गया है और फिलहाल अमरुल्ला सालेह की कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं.
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उधर, अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद पाकिस्तान ने तालिबान के नेता मुल्ला मोहम्मद रसूल के 5 साल बाद जेल से रिहा कर दिया है. वह नए गुट की स्थापना करने के बाद अफगानिस्तान से भागकर पाकिस्तान आ गया था लेकिन अब वह अमीरात के लिए वापसी कर चुका है.