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नई दिल्ली: अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है. तालिबान के जखीरे में आज इतने अस्त्र-शस्त्र हैं, जो शायद दुनिया के कई छोटे देशों की फौज के पास नहीं होंगे. ये सुनकर आपको यकीन नहीं हो, लेकिन ये सच है. इतना ही नहीं, तालिबान के जखीरे में जो हथियार (Made in America Weapons) हैं, उनमें से ज्यादातर मेड इन अमेरिका हैं.
अमेरिका में तैयार इन आधुनिक हथियारों और सैन्य साजो सामान की संख्या लाखों में बताई जाती है, जो शायद अब तालिबान के हाथ लग गए हैं. जमीन पर बख्तरबंद गाड़ियों से लेकर आसमान में युद्धक विमान तक तालिबान (Taliban) के कब्जे में हैं. सवाल है कि सुपरपावर के हथियार और दूसरे सैन्य उपकरण आखिर तालिबान के जखीरे में कैसे पहुंच गए. अमेरिका ने उसे रोका क्यों नहीं.
दो हफ्ते पहले तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया था तो उसके पास राइफल और रॉकेट जैसे हथियार थे, लेकिन अब तालिबान के पास फाइटर प्लेन और चॉपर भी हैं. दरअसल, तालिबान ने उन फाइटर प्लेन और हेलीकॉप्टर पर कब्जा जमा लिया है, जिन्हें अमेरिका ने अफगान सेना को दिया था. इनमें ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर से लेकर टुकानो एयरक्राफ्ट तक शामिल है. इस वक्त तालिबान ऐसा इकलौता आतंकी संगठन जिसके पास अपनी एयरफोर्स है. ये बात अलग है कि तालिबान के पास कोई ऐसा पायलट नहीं, जो फाइटर प्लेन को उड़ाना जानता हो.
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दो महीने पहले तक किसी और ने तो क्या खुद तालिबान के कमांडरों ने भी शायद नहीं सोचा होगा कि उनके पास दुनिया के कुछ बेहतरीन मिलिट्री विमान और हेलीकॉप्टर होंगे, लेकिन आज तालिबान के फौजी बेड़े में ऐसे सैन्य एयरक्राफ्ट हैं, जो दुनिया के कई छोटे देशों की वायुसेना के पास नहीं होंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका ने अफगान सेना को 33 Mi17 विमान और 33 UH60 ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर दिए थे. इसके अलावा अमेरिका ने अफगानिस्तान की एयरफोर्स को 43 एमडी 530 हेलीकॉप्टर, 4 सी 130 ट्रांसपोर्ट विमान और 23 Super टुकानो विमान भी मुहैया करवाए थे. अफगानिस्तानी सेना के पास 28 Cessna 208 एयरक्राफ्ट और 10 AC Cessna 208 स्ट्राइक एयरक्राफ्ट भी थे. आशंका है कि ये सब अब तालिबान के कब्जे में हैं.
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दरअसल जब अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की विदाई का प्लान तय हो गया तो अमेरिका ने बहुत से मिलिट्री एयरक्राफ्ट अफगान सेना को सौंपने का फैसला किया. इस साल अप्रैल और जून के बीच अमेरिका ने ये विमान और हेलीकॉप्टर अफगानिस्तान की सेना को दिए, लेकिन उसके बाद डेढ़ महीने के अंदर अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया और अफगान वायुसेना के ये एयरक्राफ्ट तालिबान को मिल गए. खबरों के मुताबिक अफगानिस्तान में अमेरिका जो फौजी साजो सामान छूट गया है, उसमें करीब 6 लाख हथियार हैं. इसके अलावा 76 हजार से ज्यादा सैन्य वाहन हैं और 208 मिलिट्री एयरक्राफ्ट भी हैं.
तालिबान भले ही दुनिया से कूटनीतिक मान्यता की उम्मीद कर रहा हो, लेकिन वो बुनियादी तौर पर एक आतंकवादी संगठन ही है. ये कल्पना करके भी डर लगता है कि अगर इतनी बड़ी संख्या में सैन्य एयरक्राफ्ट आतंकवादियों के हाथ लग गए तो क्या होगा और कितनी तबाही मचेगी. अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में 60 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट छोड़कर आई है, जिसमें C 208, C 182, C 130, T 182, G222 और AN 32 परिवहन विमान शामिल हैं. इनके अलावा अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में 20 हल्के हमलावर विमान ए 29 छोड़ कर गई है. इसके साथ ही 18 इंटेलीजेंस सर्विसेंस विमान भी अमेरिकी सेना ने छोड़ दिए हैं. 110 सैन्य हेलीकॉप्टर भी अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से अपने साथ नहीं ले जा सकी.
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