India को लेकर Taliban ने बदली रणनीति, Ashraf Ghani का समर्थन न करने की शर्त के साथ दोस्ती के दिए संकेत
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India को लेकर Taliban ने बदली रणनीति, Ashraf Ghani का समर्थन न करने की शर्त के साथ दोस्ती के दिए संकेत

अफगानिस्तान में भारतीय प्रोजेक्ट्स तालिबान के निशाने पर हैं. हालांकि, अब तालिबान ने भारत के सामने एक शर्त रखकर रिश्तों को बेहतर बनाने की बात कही है. तालिबान का कहना है कि यदि भारत अफगान राष्ट्रपति का समर्थन बंद कर देता है तो उसके प्रोजेक्ट्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.

फाइल फोटो

काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) में खूनी की होली खेल रहे तालिबान (Taliban) ने भारत (India) से दोस्ती के संकेत दिए हैं. तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में भारत सहित किसी भी देश के इकोनॉमिक प्रोजेक्ट्स को कोई खतरा नहीं है. हालांकि, इसके लिए तालिबान ने एक शर्त भी रखी है. आतंकी संगठन का कहना है कि यदि भारत अशरफ गनी सरकार (Ashraf Ghani-led Government) द्वारा की जा रही गोलीबारी का समर्थन बंद कर देता है, तो उसके प्रोजेक्ट्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.

  1. अफगानिस्तान में भारतीय प्रोजेक्ट्स को खतरा
  2. अमेरिका की वापसी के बाद से तेज हुए तालिबानी हमले
  3. अब तक कई महत्वपूर्ण इलाकों पर कर चुका है कब्जा

Russia-China से भी चल रही बात

संभवत: यह पहली बार है जब तालिबान ने कथित तौर पर भारत से समझौते की बात कही है. ‘दी ट्रिब्यून’ ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि तालिबान प्रतिनिधिमंडल ईरान, रूस और चीन जैसे देशों से बातचीत कर रहा है और कुछ हद तक इसी तरह के प्रस्ताव सौंप रहा है. हालांकि, भारत को लेकर यह बयान तालिबान के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की तुलना में कम-रैंकिंग वाले सदस्य का है. फिर भी यह बयान काफी मायने रखता है.

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‘हम Economic Projects के खिलाफ नहीं’

तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabiullah Mujahid) ही संगठन के संदेशों को अंतरराष्ट्रीय मीडिया तक पहुंचाता है. उसने एक इंटरव्यू में कहा है, ‘हम किसी भी देश की आर्थिक परियोजनाओं को लेकर धमकी नहीं दे रहे और न ही विरोध कर रहे हैं. हम अफगानिस्तान में निवेश करने वाले देशों के पक्ष में हैं. हमने कुछ दिन पहले चीन की यात्रा की थी. चीन से हमारी मुख्य मांगों में से एक यह थी कि वे अफगानिस्तान के साथ व्यापार और निवेश में सहयोग करे’.

India से अच्छे संबंधों की चाहत 

इंटरव्यू में जबीउल्लाह ने इस बात से इनकार किया कि तालिबान भारत को पाकिस्तान के चश्मे से देखता है. जबीउल्लाह ने कहा कि तालिबान इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश के रूप में भारत के साथ अच्छे संबंध चाहता है. बात दें कि अमेरिकी सैनिकों के वापसी के बाद से तालिबान अफगान में खून की होली खेल रहा है. उसने मुल्क के कई अहम इलाकों पर कब्जा जमा लिया है. तालिबान के बढ़ते कदमों से भारत भी चिंतित है, क्योंकि उसने बड़े पैमाने पर अफगानिस्तान में निवेश किया है. हालांकि, अब लगता है कि तालिबान भारत को लेकर अपनी सोच में बदलाव ला रहा है. 

 

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