तुर्की के खिलाफ फ्रांस ने उठाया ये कदम, और बढ़ सकता है दोनों देशों के बीच तनाव
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तुर्की के खिलाफ फ्रांस ने उठाया ये कदम, और बढ़ सकता है दोनों देशों के बीच तनाव

फ्रांस और तुर्की के बीच आने वाले दिनों में तनाव और बढ़ने की आशंका है. फ्रांस ने तुर्की के अल्ट्रा नेशनलिस्ट ग्रुप ‘ग्रे वूल्व्स’ पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है. कल इस संबंध में एक प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा.  

 

फाइल फोटो

पेरिस: बयान पर जारी बवाल के बीच फ्रांस (France) ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे तुर्की (Turkey) के साथ उसका तनाव बढ़ना तय है. फ्रांस ने तुर्की के अल्ट्रा नेशनलिस्ट ग्रुप ‘ग्रे वूल्व्स’ (Grey Wolves) पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है. इस ग्रुप को तुर्की की रेचप तैय्यप एर्दोग (Recep Tayyip Erdogan) सरकार की सहयोगी पार्टी के करीबी के रूप में देखा जाता है. 

  1. तुर्की के राष्ट्रपति की सहयोगी पार्टी से जुड़ा है ग्रे वूल्व्स समूह
  2. पार्टी की आतंकी विंग के रूप में भी देखा जाता है
  3. बुधवार को कैबिनेट में रखा जाएगा प्रस्ताव

ऐसे समूहों के लिए जगह नहीं
फ्रांस के आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन (Gerald Darmanin) ने बताया कि इस संबंध में एक प्रस्ताव बुधवार को फ्रांसीसी कैबिनेट में रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि इस समूह पर प्रतिबंध लगाना बेहद जरूरी है. यदि प्रस्ताव पारित होता है, तो समूह के किसी भी कार्य या बैठक आयोजित करने पर जुर्माना और कारावास का रास्ता साफ हो जाएगा. फ्रांसीसी सांसद येल ब्रौन-पीवेट ने भी इस पहल पर खुशी जाहिर की है. उनका कहना है कि ऐसे समूहों की हमारे देश में कोई जगह नहीं है.

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तुर्की ने जताया विरोध
वहीं, तुर्की की नेशनलिस्ट मूवमेंट पार्टी (NMP) ने फ्रांस के इस कदम की आलोचना की है. तुर्की में ‘ग्रे वूल्व्स’ समूह को डेवले बहस्केली की नेशनलिस्ट मूवमेंट पार्टी का करीबी माना जाता है, जिसका राष्ट्रपति एर्दोगन की जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (AKP) के साथ राजनीतिक गठबंधन है. इस लिहाज से फ्रांस सरकार की इस कार्रवाई से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ना तय है. कहा जाता है कि 2018 के राष्ट्रपति चुनाव में एर्दोगन की जीत में ग्रे वूल्व्स ने बेहद महत्वपूर्ण निभाई थी.इस समूह को NHP की मिलिटेंट विंग भी कहा जाता है.

तुर्की-पाक भड़का रहे
1981 में पोप जॉन पॉल द्वितीय की हत्या का प्रयास करने वाले तुर्की नागरिक मेहमत अली अगाका (Mehmet Ali Agca) का संबंध नेशनलिस्ट मूवमेंट पार्टी से ही था. गौरतलब है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों  (Emmanuel Macron) के इस्लामिक आतंकवाद संबंधी बयान को लेकर मुस्लिम देश फ्रांस के खिलाफ एकजुट हो गए हैं. इन देशों को भड़काने का काम तुर्की और पाकिस्तान ने किया है. 

 

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