Owl Killing: जल्द ही 450,000 उल्लुओं को मार देगा दुनिया का ये विकसित देश, जानिए क्या है इस बेरहमी की वजह
Advertisement
trendingNow12328721

Owl Killing: जल्द ही 450,000 उल्लुओं को मार देगा दुनिया का ये विकसित देश, जानिए क्या है इस बेरहमी की वजह

United States News: संयुक्त राज्य अमेरिका में उल्लू की एक विलुप्त हो रही प्रजाति को बचाने के लिए दूसरी प्रजाति को लगभग खत्म करने की कोशिश की जा रही है. उल्लू वहां के लोगों के लिए एक वक्त पर ही दोस्त और दुश्मन दोनों बन गए हैं.

 Owl Killing: जल्द ही 450,000 उल्लुओं को मार देगा दुनिया का ये विकसित देश, जानिए क्या है इस बेरहमी की वजह

US will soon be culling owls: रात में देख सकने की खासियत के लिए मशहूर उल्लू इन दिनों संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों के लिए दोस्त के साथ-साथ दुश्मन भी बन गया है. अमेरिका में इस पक्षी की एक प्रजाति को मारने की कोशिश की जा रही है जिससे दूसरे उल्लुओं को विलुप्त होने से बचाया जा सके. अमेरिकी वन्यजीव अधिकारियों ने लुप्तप्राय चित्तीदार उल्लुओं को बचाने के लिए लगभग पांच लाख वर्जित उल्लुओं को मारने की योजना तैयार की है. 

तीन दशकों की अवधि में लगभग 450,000 वर्जित उल्लुओं की हत्या

एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस फिश एंड वाइल्डलाइफ सर्विस की रणनीति का मकसद ओरेगॉन, वाशिंगटन राज्य और कैलिफोर्निया में चित्तीदार उल्लू की आबादी में गिरावट को रोकना है. एजेंसी के दस्तावेज उस योजना का विवरण देते हैं जिसमें तीन दशकों की अवधि में लगभग 450,000 वर्जित उल्लुओं की हत्या करना शामिल है.

अमेरिका में चित्तीदार उल्लू लंबे समय से अपने अस्तित्व और अनुकूलन के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि वर्जित उल्लू पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका से पश्चिमी तट क्षेत्र में प्रवेश कर चुके हैं. अब संसाधनों की कमी के कारण वर्जित उल्लू दूसरी प्रजाति चित्तीदार उल्लुओं को विलुप्त होने की ओर धकेल रहे हैं.

यूएस फिश एंड वाइल्डलाइफ सर्विस ओरेगन स्टेट सबसे ज्यादा एक्टिव

इसके बाद यूएस फिश एंड वाइल्डलाइफ सर्विस ओरेगन राज्य पर्यवेक्षक केसिना ली ने स्थिति की गंभीरता पर जोर दिया है. अर्थ डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, ली ने कहा, "सक्रिय रूप से वर्जित उल्लुओं के प्रबंधन के बिना और दशकों के सहयोगात्मक संरक्षण कोशिशों के बावजूद, उत्तरी चित्तीदार उल्लू अपनी पूरी रेंज में या ज्यादातर भाग में विलुप्त हो जाएंगे."

पहले भी किए गए हैं प्रजातियों और मूल जंगल संरक्षण के नाकाम प्रयास 

विशेषज्ञों ने चित्तीदार उल्लुओं के मूल जंगलों को संरक्षित करके उनकी सुरक्षा के लिए पहले भी प्रयास किए हैं. इन कदमों पर गहनता से चर्चा हुई और उल्लुओं की गिरावट पर कुछ हद तक अंकुश लगा. हालांकि, वर्जित उल्लुओं की संख्या में काफी ज्यादा बढ़ने से इन प्रयासों के ज्यादा कारगर होने पर लगाम लग लग गई. फिलहाल, वन्यजीव समर्थकों ने राज्य प्रायोजित उल्लुओं की हत्या का विरोध किया है.

दूसरी प्रजातियों को बचाने के लिए उल्लुओं की हत्या के खिलाफ एक्टिविस्ट

पिछली सरकार ने वेस्ट कोस्ट सैल्मन और वॉरब्लर्स की सुरक्षा के लिए भी तरीके अपनाए थे जिनमें उनके शिकारी जानवरों का खात्मा किया जाना शामिल था. अब, बहुत से वन्यजीव समर्थक दूसरी प्रजातियों को बचाने के लिए वर्जित उल्लुओं की हत्या के खिलाफ हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम टिकाऊ संरक्षण रणनीतियों के अनुरूप नहीं है. 

ये भी पढ़ें - Agniveer Scheme: मुझे उम्मीद है कि सीडीएस नाराज नहीं होंगे, लेकिन...अग्निवीर योजना पर वायुसेना के पूर्व प्रमुख आरकेएस भदौरिया का बड़ा दावा

तमाम आलोचनाओं के बावजूद शुरू होने वाली है उल्लुओं की सामूहिक हत्या

एनिमल वेलनेस एक्शन वकालत समूह के संस्थापक वेन पैसेले ने उल्लू की हत्या पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. पैसेले ने कहा, "यूएस फिश एंड वाइल्डलाइफ सर्विस वन्यजीवों के रक्षक से वन्यजीवों के उत्पीड़क में बदल रही है." उनके अनुसार, कार्यक्रम विफल हो जाएगा जब अधिक वर्जित उल्लू उन क्षेत्रों में चले जाएंगे जहां बड़ी संख्या में मारे गए हैं. इन तमाम आलोचनाओं के बावजूद अगले वसंत में वर्जित उल्लुओं की सामूहिक हत्या शुरू होने वाली है.

ये भी पढ़ें - PM Modi Russia Visit 2024: 'बंदूक से नहीं, बातचीत से करें समाधान', यूक्रेन युद्ध पर पीएम मोदी ने फ्रेंड पुतिन को फिर समझाया

Trending news