बच्चों को पिलाई अगर एनर्जी ड्रिंक्स तो मोटापे के साथ इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा
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बच्चों को पिलाई अगर एनर्जी ड्रिंक्स तो मोटापे के साथ इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा

एनर्जी ड्रिंक्स में मिलने वाला कैफीन संभवत: दुनिया भर में सबसे ज्यादा प्रयोग किए जाने वाला साइकोएक्टिव ड्रग है, क्योंकि यह ध्यान और जागरूकता में इजाफा कर शारीरिक सक्रियता को बढ़ा देता है.

बच्चों को पिलाई अगर एनर्जी ड्रिंक्स तो मोटापे के साथ इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा

लंदन : मोटापा आज पूरी दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है. खासकर बच्चों में ये समस्या तेजी से बढ़ रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे सबसे बड़ा कारण सॉफ्ट ड्रिंक्स है. बच्चों में मोटापे के साथ साथ दूसरी बीमारियों की भी वजह बन सकता है. बच्चों और युवाओं को कैफीनयुक्त एनर्जी ड्रिंक्स बेचने पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है, ताकि लोगों को मोटापे और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचाया जा सके. कैफीन संभवत: दुनिया भर में सबसे ज्यादा प्रयोग किए जाने वाला साइकोएक्टिव ड्रग है, क्योंकि यह ध्यान और जागरूकता में इजाफा कर शारीरिक सक्रियता को बढ़ा देता है.

ब्रिटेन के रॉयल कॉलेज ऑफ पेडियाट्रिक्स एंड चाइल्ड हेल्थ (आरसीपीसीएच) के प्रोफेसर रसेल वाइनर का कहना है, "लेकिन इसके साथ ही कैफीन व्यग्रता को बढ़ाता है और नींद में रुकावट पैदा करता है, तथा यह बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्याओं से जुड़ा हुआ है." हाल के अध्ययनों से यह जानकारी भी मिली है कि यह विकास कर रहे दिमागों पर चिंताजनक प्रभाव डालता है.

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वाइनर ने कहा कि यह चिंताजनक है, क्योंकि मनोवैज्ञानिक तनाव से जोखिम भरे व्यवहार का खतरा पैदा हो सकता है, जिसमें ड्रग का प्रयोग या अकादमिक प्रदर्शन में कमी शामिल है. उन्होंने द बीएमजे जर्नल में प्रकाशित अपने पर्चे में कहा, "इसलिए बच्चों और युवाओं को कैफीनयुक्त एनर्जी ड्रिंक्स बेचने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, ताकि मोटापे और मानसिक स्वास्थ्य समस्या की जुड़वां महामारी को रोका जा सके." input : IANS

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