भारत-पाकिस्तान मैत्री को बढ़ावा देंगे ट्रंप : शलभ कुमार
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भारत-पाकिस्तान मैत्री को बढ़ावा देंगे ट्रंप : शलभ कुमार

अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलकर आए भारतीय मूल के एक अमेरिकी उद्योगपति ने कहा है कि ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच ‘गहरी दोस्ती’ को बढ़ावा देंगे। ट्रंप से मुलाकात के दौरान इस उद्योगपति ने भारत-अमेरिका व्यापार से लेकर चीन और पाकिस्तान के साथ रिश्तों तक विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

न्यूयार्क : अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलकर आए भारतीय मूल के एक अमेरिकी उद्योगपति ने कहा है कि ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच ‘गहरी दोस्ती’ को बढ़ावा देंगे। ट्रंप से मुलाकात के दौरान इस उद्योगपति ने भारत-अमेरिका व्यापार से लेकर चीन और पाकिस्तान के साथ रिश्तों तक विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

रिपब्लिकन हिंदू कोएलिशन (आरएचसी) के संस्थापक और अध्यक्ष शलभ कुमार ने कल ट्रंप टॉवर्स में डोनाल्ड ट्रंप, नव निर्वाचित उपराष्ट्रपति माइक पेंस, ट्रंप की बेटी इवांका, बेटों डॉन, एरिक और आगामी ट्रंप प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।

मैनहट्टन स्थित शानदार मुख्यालय में ट्रंप के साथ लगभग 25 मिनट तक चली इस बैठक के बाद कुमार ने बताया, ‘यह एक बढ़िया बैठक थी।’ ट्रंप के लिए हिंदुओं को एकजुट करने में प्रमुख भूमिका निभा चुके और सत्तांतरण वित्त एवं उद्घाटन समिति के लिए नियुक्त किए गए कुमार ने कहा कि ट्रंप के प्रशासन को भारत के साथ एक अच्छा संबंध रखने का इंतजार है। 

कुमार ने कहा कि बैठक के दौरान उन्होंने अमेरिका और भारत के बीच व्यापार बढ़ाने के तरीकों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘हमने चीन और पाकिस्तान के बारे में नीतियों पर और इनके प्रति भारत के रूख पर भी चर्चा की।’ कुमार ने कहा कि ट्रंप अच्छी तरह जानते हैं कि आतंकवाद भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है और वह इस बात को लेकर भी आश्वस्त हैं कि वह पाकिस्तान को सही चीजें करने के लिए राजी कर सकते हैं और असल में भारत और पाकिस्तान के बीच मैत्री स्थापित कर सकते हैं।’ 

उन्होंने कहा, ‘उनका रवैया हमेशा इस तरह का रहा है कि तुम कर सकते हो। तुम इसमें अपना दिमाग लगाओ और बिजनेस के तरीके से इसे करो। इस तरह तुम इसे कर सकते हो।’ कुमार ने कहा कि ट्रंप पाकिस्तान के साथ बिल्कुल सीधे रहेंगे और यदि पाकिस्तानी नेता नवाज शरीफ अपने देश में विकास और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तब तो ट्रंप प्रशासन के साथ-साथ आरएचसी भी पाकिस्तान के साथ साथ रहेगा और उसका समर्थन करेगा।

कुमार ने कहा कि बैठक में उन्होंने इस बात पर चर्चा की कि पाकिस्तान को आतंकवाद पर नियंत्रण करने की जरूरत है। बैठक में इस तथ्य पर भी चर्चा की गई कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच गहरी दोस्ती का अवसर मिलता है तो ट्रंप उसका समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि दोस्ती को बढ़ावा देने के लिए यदि ट्रंप कुछ कर सकते हैं, तो वह यह है कि वह एक उद्यमी हैं और जहां कहीं भी बिजनेस के माध्यम से वह शांति और समृद्धि स्थापित करने में मदद कर सकते होंगे, वह करने के लिए तैयार हैं।

भारतीय-अमेरिकी कारोबारी ने कहा कि दोनों पक्षों ने अमेरिका और भारत के बीच व्यापार बढ़ाकर 10 से 20 लाख नए रोजगार पैदा करने की योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार में इतनी संभावनाएं हैं कि इसे 130 अरब डॉलर प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 300 अरब डॉलर प्रतिवर्ष किया जा सकता है।

कुमार ने कहा कि बैठक के दौरान नोटबंदी का मुद्दा भी आया। इस चर्चा में ट्रंप की ओर से वित्त मंत्री के पद पर नामित किए गए स्टीवन मुंचेन ने भी हिस्सा लिया। कुमार ने कहा कि नामित वित्त मंत्री भी पूरे समय मौजूद रहे और उन्होंने अपना मत रखते हुए कहा कि उन्हें यह बात पसंद है कि नोटबंदी भारत से भ्रष्टाचार को मिटा सकती है और भारत की अर्थव्यवस्था 10 प्रतिशत से भी अधिक दर से बढ़ सकती है।

चीन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उनके बीच इस बात पर चर्चा हुई कि कैसे ‘पाकिस्तान चीन पर निर्भर करता है और कैसे चीनी धन वहां पहुंचता है और पाकिस्तान की मदद करता है।’ शरीफ और ट्रंप की बातचीत के बारे में पाकिस्तान की ओर से जारी विज्ञप्ति में इस्लामाबाद ने कहा थ कि अमेरिकी नेता ने उसके बारे में तारीफ से भरे शब्दों में बात की। कुमार ने इस संदर्भ में कहा कि पाकिस्तान की ओर से अमेरिकी नेता की बात को जारी कर देना ‘प्रोटोकॉल के खिलाफ’ है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से विज्ञप्ति जारी कर दिए जाने पर नाराजगी है। उन्होंने कहा, ‘ट्रंप प्रशासन ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उन्होंने शरीफ के साथ बातचीत में क्या कहा था। विज्ञप्ति को पूरी तरह से बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा सकता है।’ ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक की संभावना पर कुमार ने कहा कि ऐसी किसी बैठक के लिए समय सीमा तय नहीं हुई है। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन है कि दोनों के बीच एक ‘मजबूत दोस्ती’ बनेगी और वे ‘अच्छे सहयोगी बनेंगे’। उन्होंने कहा कि आव्रजन और एच1बी वीजा का मुद्दा बैठक में नहीं आया।

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