मुस्लिम देश Turkey ने UN में कश्‍मीर का नाम लेने से किया तौबा, भारत का दिखा दम
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मुस्लिम देश Turkey ने UN में कश्‍मीर का नाम लेने से किया तौबा, भारत का दिखा दम

BRICS and Turkey: संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा (UNGA) में भारत का उस वक्‍त दम देखने को मिला जब तुर्की के राष्‍ट्रपति रेसेप तैयप एर्डोगान ने दुनिया के इस सबसे बड़े मंच पर दिए अपने भाषण में कश्‍मीर का जिक्र नहीं किया. 

मुस्लिम देश Turkey ने UN में कश्‍मीर का नाम लेने से किया तौबा, भारत का दिखा दम

World News in Hindi: संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा (UNGA) में भारत का उस वक्‍त दम देखने को मिला जब तुर्की के राष्‍ट्रपति रेसेप तैयप एर्डोगान ने दुनिया के इस सबसे बड़े मंच पर दिए अपने भाषण में कश्‍मीर का जिक्र नहीं किया. एर्डोगान के नेतृत्‍व में तुर्की के साथ हालिया दौर में भारत के रिश्‍ते सहज नहीं रहे हैं. दुनियाभर के मुस्लिम देशों का नेता बनने की चाहत के चलते एर्डोगान ने हालिया वर्षों में संयुक्‍त राष्‍ट्र में कश्‍मीर मुद्दे का जिक्र करते रहे हैं. 2019 में कश्‍मीर में आर्टिकल 370 खत्‍म किए जाने के बाद से वह लगातार संयुक्‍त राष्‍ट्र के मंच पर कश्‍मीर का मुद्दा उठाते रहे हैं. पाकिस्‍तान के अलावा तुर्की ही ऐसा मुस्लिम देश रहा है जो संयुक्‍त राष्‍ट्र के मंच पर कश्‍मीर का मुद्दा उठाता रहा है.

इस बार कश्‍मीर का मुद्दा नहीं उठाने के फैसले को इस नजरिए से देखा जा रहा है कि दरअसल तुर्की, ब्रिक्‍स (BRICS)संगठन का सदस्‍य बनना चाहता है. भारत, रूस, ब्राजील और साउथ अफ्रीका इसके संस्‍थापक देश हैं. तेजी से उभरती अर्थव्‍यवस्‍थाओं वाले मुल्‍कों की जरूरत के लिहाज से ब्रिक्‍स का गठन किया गया था. ब्रिक्‍स के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए तुर्की भी इसमें शामिल होना चाहता है क्‍योंकि संगठन अपना विस्‍तार कर रहा है. चूंकि भारत इसके संस्‍थापक सदस्‍यों में रहा है इसलिए तुर्की, अब भारत को नाराज करने का जोखिम नहीं लेना चाहता. द इंडियन एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस वजह से ही तुर्की ने कश्‍मीर मुद्दे को छोड़ दिया है.

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79वें यूएनजीए की बैठक में भाषण देते हुए एर्डोगान ने कहा कि हम ब्रिक्‍स के साथ अपने संबंधों को विकसित करना चाहते हैं. ये संगठन उभरती अर्थव्‍यवस्‍थाओं को एक साथ जोड़ रहा है. दरअसल इंडिया, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका ने पिछले साल ब्रिक्‍स का विस्‍तार करने का फैसला किया था. इसका नतीजा ये रहा कि एक जनवरी, 2024 तक मिस्र, इथोपिया, ईरान और संयुक्‍त अरब अमीरात (यूएई) ने इसकी सदस्‍यता ग्रहण कर ली. इसी कड़ी में तुर्की भी ब्रिक्‍स में एक सीट पाने का इच्‍छुक है.

ब्रिक्‍स की बैठक
ब्रिक्‍स का अगला शिखर सम्‍मेलन 22-23 अक्‍टूबर को रूस के कजाक शहर में होने जा रहा है. इसमें सभी सदस्‍य शामिल होंगे. चूंकि तुर्की ने इस ग्रुप में ज्‍वाइन होने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की है तो इस संदर्भ में रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने कहा कि इस बात की संभावना है कि इस सम्‍मेलन में एर्गोडान भी शिरकत करेंगे और वह उनसे 23 अक्‍टूबर को मिलेंगे. गौरतलब है कि यदि तुर्की को भी ब्रिक्‍स का सदस्‍य बनाया जाता है तो समूह में शामिल होने वाला वह पहला नाटो सदस्‍य होगा.

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