अमेरिकी वायुसेना के दो बमवर्षक विमानों ऐसे समय में चीन की हवाई सीमा में दाखिल हुए जब ड्रैगन नेवल अभ्यास कर रहा था. अमेरिका का यह कदम एक तरह से चीन को स्पष्ट चेतावनी है.
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वॉशिंगटन: अमेरिका (America) में भले ही सत्ता हस्तांतरण को लेकर सियासी संकट चल रहा है, लेकिन चीन (China) को लेकर उसकी नीति स्पष्ट है. फ्लाइट मॉनीटर एयरक्राफ्ट स्पॉट्स के अनुसार, अमेरिका ने हाल ही में चीन के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) में दो लंबी-रेंज वाले बमवर्षक विमान भेजे थे.
बाज नहीं आया तो...
अमेरिका का यह कदम एक तरह से चीन को खुली चेतावनी है कि यदि वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो यूएस एयरफोर्स उसे घर में घुसकर मारने की क्षमता रखती है. अमेरिकी विमान ऐसे समय में चीनी हवाई सीमा में दाखिल हुए जब ड्रैगन एक बड़ा नौसेना अभ्यास कर रहा है.
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सबसे बड़ा पेलोड
फ्लाइट मॉनीटर एयरक्राफ्ट स्पॉट्स ने मंगलवार सुबह बताया कि दो यूएसए F B-1 बमवर्षक विमानों ने चीन के ADIZ में प्रवेश किया और कुछ देर बाद वापस लौट आये. बता दें कि B1-B में किसी भी बमवर्षक की तुलना में सबसे बड़ा पेलोड है और अमेरिकी सेना पहले भी इसका इस्तेमाल करती रही है.
जासूसी तो नहीं
इस तरह के भारी विमानों को जासूसी मिशन पर तैनात नहीं किया जाता है, लिहाजा माना जा रहा है कि अमेरिका ने चीन को चेतावनी भेजने के लिए यह कदम उठाया है. एयरक्राफ्ट स्पॉट्स के ट्वीट में बताया गया है कि यूएस विमानों की आखिरी लोकेशन पूर्वी चीन सागर में चीन के हवाई क्षेत्र में थी.
क्या बदलेगा रुख?
अमेरिका पूर्वी एशिया में शांति और संतुलन बनाये रखने के मिशन पर है और उसने चीनी सीमा में विमान भेजकर एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि आंतिरक सियासी संकट से उसकी नीति प्रभावित नहीं हुई है. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव हारने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि जो बाइडेन का रुख चीन के प्रति कुछ नरम हो सकता है. वैसा इसका पता तो उनके सत्ता संभालने के बाद ही लगेगा.
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