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वॉशिंगटन: काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पर आतंकी हमले के लिए अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट को जिम्मेदार ठहराया था. धमाके के कुछ घंटे बाद अमेरिकी सैनिकों (US Troops) ने एक आतंकी को मार गिराने का दावा किया था, लेकिन अब इस दावे पर प्रश्नचिन्ह लग गया है. एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अमेरिका से आतंकियों की पहचान करने में गलती हो गई और उसने आतंकियों को टारगेट करने के बजाय एक निर्दोष व्यक्ति को मार डाला, जो अमेरिकी सहायता समूह के लिए काम करता था.
न्यूज एजेंसी AFP ने ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के हवाले से बताया है कि अमेरिका (America) ने 29 अगस्त को अफगानिस्तान में एयरस्ट्राइक (Airstrike) में इस्लामिक स्टेट-खोरासान प्रांत (ISKP) के आतंकियों के बजाय गलती से शायद अपने ही सहायता कर्मी को मौत के घाट उतार डाला. दरअसल, काबुल अटैक के 48 घंटे के बाद अमेरिका ने एयरस्ट्राइक की थी और इस्लामिक स्टेट खोरासान के जिम्मेदार आतंकी को मारने का दावा किया था. काबुल हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों सहित 200 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जिसमें ज्यादातर अफगानी शामिल थे.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने काबुल हमले के बाद ही आतंकियों से बदला लेने का वादा किया था और कहा था कि वे जहां भी होंगे, अमेरिका उन्हें ढूंढकर मारेगा. इसके बाद यूएस ने 29 अगस्त को एयरस्ट्राइक कर आतंकियों से बदला लेने का दावा किया था. पेंटागन ने कहा था कि एयरस्ट्राइक में उसने काबुल धमाके के साजिशकर्ता इस्लामिक स्टेट के आतंकी को मार गिराया है, मगर अब अमेरिका के एक्शन पर सवाल उठने लगे हैं
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट की मानें तो अमेरिकी हमले में कम से कम 10 आम नागरिकों की मौत हो गई थी, जिनमें बच्चे भी शामिल थे. काबुल निवासी आइमल अहमदी ने बताया कि 29 अगस्त को हुए अमेरिकी हवाई हमले में जिस कार को निशाना बनाया गया, उसे उनके भाई एजमराई अहमदी चला रहे थे. कार में उनकी छोटी बेटी, भतीजे और भतीजी सवार थे. न्यूयॉर्क टाइम्स ने सुरक्षा कैमरे के फुटेज का विश्लेषण करते हुए कहा कि अमेरिकी सेना ने जिस एजमाराई अहमदी को आतंकी बताकर मार गिराया है, उसे सैनिकों ने पानी के कनस्तरों को लोड करते हुए और अपने बॉस के लिए एक लैपटॉप ले जाते देखा होगा. जिसके बाद वो उसे आतंकी समझ बैठे और निशाना बना दिया.
वहीं, रिश्तेदारों ने कहा कि एजमाराई अहमदी कैलिफोर्निया स्थित सहायता और लॉबिंग ग्रुप न्यूट्रिशन एंड एजुकेशन इंटरनेशनल के लिए एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में काम करते थे और खुद उन हजारों अफगानों में शामिल थे, जिन्होंने संयुक्त राज्य में पुनर्वास के लिए आवेदन किया था. जबकि अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि ड्रोन हमले के बाद बड़ा धमाका हुआ था, जिससे पता चलता है कि वाहन में विस्फोटक थे. इसके उलट न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच में कहा गया है कि दूसरे विस्फोट का कोई सबूत नहीं मिला है.