अमेरिका ने नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने वाली पहली महिला कमला हैरिस (Kamala Harris) ने आज देश को संबोधित किया.
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वॉशिंगटन: अमेरिका ने नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने वाली पहली महिला कमला हैरिस (Kamala Harris) ने आज देश को संबोधित किया. जो बाइडेन (Joe Biden) ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि मैं ऐसा राष्ट्रपति बनने की प्रतिज्ञा लेता हूं जो समाज को जोड़ेगा. मैं ऐसा राष्ट्रपति बनूंगा जो लोगों को बांटे नहीं. अमेरिका को रेड स्टेट और ब्लू स्टेट में बांट कर न देखे, बस यूनाइटेड स्टेट्स को देखे.
अपनी जीत पर बाइडेन ने कहा कि इस देश के लोगों ने हमें स्पष्ट जीत दिलाई है. ये हम सभी की जीत है. हमने राष्ट्रपति चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है.
बाइडेन ने कहा कि वो सभी लोग जिन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को वोट किया मैं उनकी हताशा को समझ सकता हूं. लेकिन अब चलिए हम सब एक दूसरे को एक मौका देते हैं. ये समय है कि हम एक दूसरे को सुनें.
जीत के बाद कमला हैरिस ने अमेरिकियों का आभार जताया
जीत के बाद कमला हैरिस ने अमेरिकियों का आभार जताया. कमला हैरिस ने कहा, 'हमारे पास बेहतर भविष्य बनाने की शक्ति है, आप अमेरिकियों का धन्यवाद कि आपने हमारे ऊपर जो विश्वास किया है.'
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रचार अभियान से जुड़े स्वयंसेवकों का भी आभार जताया. कमला हैरिस ने कहा कि इतने लोगों को जोड़ने के लिए प्रचार में जुटे साथियों, स्वयंसेवकों का धन्यवाद. इससे पहले कभी इतने लोग नहीं जुड़े.
कमला हैरिस ने कहा कि हमारे लोकतंत्र की सुरक्षा संघर्ष मांगती है, बलिदान मांगती है. लेकिन इसमें भी एक आनंद और प्रगति दिखती है क्योंकि, हमारे पास एक बेहतर भविष्य को बनाने की शक्ति है.
कमला हैरिस ने कहा कि मैं उन महिलाओं की आभारी हूं जिनकी वजह से आज यहां तक पहुंची. मेरी मां श्यामला गोपालन हैरिस, 19 साल की उम्र में भारत से यहां आई थीं. शायद उन्होंने इसकी कल्पना नहीं की होगी. लेकिन उनका अमेरिका में गहरा यकीन था, जहां इस तरह के पलों को संभव बनाया जा सकता है.
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अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने वाली पहली महिला
भारतवंशी कमला हैरिस ने इतिहास रच दिया है. वह अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने वाली पहली महिला हैं. यही नहीं, हैरिस देश की पहली भारतवंशी, अश्वेत और अफ्रीकी अमेरिकी उपराष्ट्रपति होंगी.
‘फीमेल ओबामा’ के नाम से लोकप्रिय हैरिस सीनेट की सदस्य भी पहली बार ही बनी थीं.
Thank you to the American people for the faith you have entrusted in us. Tune in now as President-elect @JoeBiden and I address the nation. https://t.co/KQvJiWIEdJ
— Kamala Harris (@KamalaHarris) November 8, 2020
हैरिस सीनेट के तीन एशियाई अमेरिकी सदस्यों में से एक
राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार रहे जो बाइडेन ने अगस्त में उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में हैरिस को चुना था. राष्ट्रपति पद के अपने सपनों को हैरिस ने चुनाव प्रचार हेतु वित्तीय संसाधनों के अभाव का हवाला देते हुए त्याग दिया था.
अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी बाइडेन की किसी समय हैरिस कटु आलोचक थीं. 56 वर्षीय हैरिस सीनेट के तीन एशियाई अमेरिकी सदस्यों में से एक हैं.
Now the real work begins.
To beat this pandemic.
To rebuild our economy.
To root out systemic racism in our justice system and society.
To combat the climate crisis.
To heal the soul of our nation.The road ahead won't be easy. But America is ready. And so are @JoeBiden and I.
— Kamala Harris (@KamalaHarris) November 8, 2020
कई मिसालें कायम की
हैरिस ने कई मिसालें कायम की हैं. वह सेन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला, पहली भारतवंशी और पहली अफ्रीकी अमेरिकी हैं.
कैलिफोर्निया के ओकलैंड में 20 अक्टूबर 1964 को जन्मी कमला देवी हैरिस की मां श्यामला गोपालन 1960 में भारत के तमिलनाडु से यूसी बर्कले पहुंची थीं, जबकि उनके पिता डोनाल्ड जे हैरिस 1961 में ब्रिटिश जमैका से इकोनॉमिक्स में स्नातक की पढ़ाई करने यूसी बर्कले आए थे. यहीं अध्ययन के दौरान दोनों की मुलाकात हुई और मानव अधिकार आंदोलनों में भाग लेने के दौरान उन्होंने विवाह करने का फैसला कर लिया.
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हाई स्कूल के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाली कमला अभी सात ही बरस की थीं, जब उनके माता-पिता एक दूसरे से अलग हो गए. कमला और उनकी छोटी बहन माया अपनी मां के साथ रहीं और उन दोनों के जीवन पर मां का बहुत प्रभाव रहा.
I'm grateful to the woman most responsible for my presence her e today, my mother, Shyamala Gopalan Harris. When she came here from India at the age of 19, she maybe didn't imagine this moment. But she believed so deeply in America where moment like this is possible:Kamala Harris pic.twitter.com/B7pbDr6Z5q
— ANI (@ANI) November 8, 2020
हालांकि वह दौर अश्वेत लोगों के लिए सहज नहीं था. कमला और माया की परवरिश के दौरान उनकी मां ने दोनों को अपनी पृष्ठभूमि से जोड़े रखा और उन्हें अपनी साझा विरासत पर गर्व करना सिखाया. वह भारतीय संस्कृति से गहरे से जुड़ी रहीं.
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई
बाइडेन-हैरिस की प्रचार वेबसाइट इस संबंध में कमला ने अपनी आत्मकथा 'द ट्रुथ्स वी होल्ड' में लिखा है कि उनकी मां को पता था कि वह दो अश्वेत बेटियों का पालन पोषण कर रही हैं और उन्हें सदा अश्वेत के तौर पर ही देखा जाएगा, लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को ऐसे संस्कार दिए कि कैंसर रिसर्चर और मानवाधिकार कार्यकर्ता श्यामला और उनकी दोनों बेटियों को ' श्यामला एंड द गर्ल्स' के नाम से जाना जाने लगा.
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हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन के बाद हैरिस ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. 2003 में वह सेन फ्रांसिस्को की शीर्ष अभियोजक बनीं. 2010 में वह कैलिफोर्निया की अटॉर्नी बनने वाली पहली महिला और पहली अश्वेत व्यक्ति थीं. 2017 में हैरिस कैलिफोर्निया से जूनियर अमेरिकी सीनेटर चुनी गईं.
कमला ने 2014 में जब अपने साथी वकील डगलस एम्पहॉफ से विवाह किया तो वह भारतीय, अफ्रीकी और अमेरिकी परंपरा के साथ साथ यहूदी परंपरा से भी जुड़ गईं.
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