सावधान चीन! भारतीय सेना को मॉडर्न बनाने में अब महाशक्ति करेगा मदद
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सावधान चीन! भारतीय सेना को मॉडर्न बनाने में अब महाशक्ति करेगा मदद

भारत अमेरिका से कुछ नवीनतम मिलिटरी हार्डवेयर खरीदना चाह रहा है जिसमें फाइटर जेट्स, लेटेस्ट अनमैन्ड वीइकल और एयरक्राफ्ट कैरियर्स शामिल हैं.

पिछले एक दशक से भारत और अमेरिका के बीच रक्षा कारोबार करीब 15 अरब डॉलर के आंकड़े को छू चुका है.  (फाइल फोटो)

वाशिंगटन: चीन के साथ बढ़ते विवाद और तनातनी के बीच भारतीय सेना के लिए एक अच्छी खबर है. विश्व की महाशक्ति अमेरिका के एक शीर्ष कमांडर ने भारतीय सेना को आधुनिक बनाने के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा दोनों देश मिलकर भारत की सैन्य क्षमताओं में 'अहम और सार्थक' तरीके से सुधार कर सकते हैं.

पिछले एक दशक से भारत और अमेरिका के बीच रक्षा कारोबार करीब 15 अरब डॉलर के आंकड़े को छू चुका है और उम्मीद है कि आने वाले कुछ सालों में इसमें बहुत ज्यादा तेजी आएगी. ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि भारत अमेरिका से कुछ नवीनतम मिलिटरी हार्डवेयर खरीदना चाह रहा है जिसमें फाइटर जेट्स, लेटेस्ट अनमैन्ड वीइकल और एयरक्राफ्ट कैरियर्स शामिल हैं.

भारत अमेरिका का एक अहम सहयोगी
यूएस पैसिफिक कमांड के कमांडर ऐडमिरल हैरी हैरिस ने कहा, 'मैं मानता हूं कि अमेरिका भारत की सेना को आधुनिक बनाने में मदद करने को तैयार है. भारत अमेरिका का एक बड़ा रक्षा साझेदार है. यह रणनीतिक संबंध भारत और अमेरिका दोनों के लिए अद्वितीय है. यह भारत को उसी पायदान पर रखता है जिसपर हमारे कई दूसरे अहम सहयोगी हैं.' भारत और अमेरिका के बीच प्रगाढ़ रक्षा संबंधों के लिए व्यक्तिगत तौर पर प्रयास कर रहे हैरिस ने कहा, 'यह महत्वपूर्ण है और मेरा मानना है कि साथ मिलकर हम भारत की सैन्य क्षमताओं में महत्वपूर्ण व सार्थक तरीके से सुधार करने में सक्षम होंगे.' ऐडमिरल ने कहा कि आज दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग का जो स्तर है, उससे वह काफी खुश हैं. 

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ऐडमिरल हैरिस ने कहा, 'हम मालाबार सैन्य अभ्यास श्रृंखला में कई सालों से इंडिया के पार्टनर हैं. मैंने सबसे पहले सैन्य अभ्यास में हिस्सा भी लिया था जो 1995 में हुआ था.' उन्होंने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि जापान भी अब मालाबार सैन्य अभ्यास का हिस्सा है. ऑस्ट्रेलिया के भी अभ्यास में हिस्सा लेने की वकालत करते हुए ऐडमिरल हैरिस ने कहा, 'मैं समझता हूं कि भारत, जापान और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय संबंध बहुत ही अहम हैं.'

ऑस्ट्रेलिया को भी किया जा सकता है शामिल 
ऐडमिरल ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'हम साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया को अभ्यास में शामिल कर सकते हैं. इसमें फायदा है. हिंद महासागर में भारत और अमेरिका के बीच कई साझा हित जुड़े हुए हैं. लेकिन वास्तव में यह फैसला भारत को लेना है उसके बाद बुलावा दिए जाने पर ऑस्ट्रेलिया को शिरकत को लेकर फैसला लेना है. मैं इसका फैसला इन दोनों देशों पर छोड़ूंगा.'

हैरिस के मुताबिक भारत और अमेरिका मिलकर बहुत सारी चीजें कर सकते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं खुश हूं कि भारत रिम ऑफ द पैसिफिक एक्सर्साइज (RIMPAC) में हिस्सा ले रहा है. पैसिफिक एक्सर्साइज हर दो साल पर हवाई में होता है. मैं खासतौर पर खुश हूं कि रिश्ते मजबूत हो रहे हैं और मैं आने वाले सालों में इसमें और मजबूती की उम्मीद कर रहा हूं.'

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संयुक्त गश्त के प्रस्ताव को खारिज करने पर निराश नहीं है अमेरिका
हिंद महासागर में भारत और अमेरिका की नौसेनाओं की संयुक्त गश्त के प्रस्ताव को खारिज करने के भारत के फैसले से जुड़े सवाल पर हैरिस ने कहा कि अमेरिका इससे बिलकुल भी निराश नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं निराश नहीं हूं. मैं बिलकुल भी निराश नहीं हूं. मैंने प्रोत्साहित किया कि हम इस बारे में किसी फैसले पर पहुंच सकते हैं और मैं उम्मीद करता हूं कि चर्चा का मार्ग खुला हुआ है.' हैरिस ने कहा, 'भारत हमारे साथ जिस भी स्तर की साझेदारी चाहता है, हम उसके लिए तैयार हैं.'

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