Vladimir Putin: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कि यह अमेरिकी नीति की विफलता का एक ज्वलंत उदाहरण है. पुतिन ने यह भी कहा कि अमेरिका ने शांति स्थापित करने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों पर एकाधिकार स्थापित करने की कोशिश की है.
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Israel Palestinian Conflict: हमास के अचानक भीषण हमले के बाद इजरायल और फिलिस्तीन एक बार फिर आमने-सामने हैं. इजरायल की सेना अपने सैकड़ों लोगों की मौत का बदला लेने के लिए हमास पर कहर बनकर टूट पड़ी है. इसी बीच देश-दुनिया से प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो चुका है. अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस युद्ध का जिम्मेदार अमेरिका को ठहरा दिया है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने फिलिस्तीन विवाद का ठीकड़ा अमेरिका पर फोड़ा है. उन्होंने कहा कि इजरायलऔर फिलिस्तीनियों के बीच हिंसक दौर पश्चिम एशिया में अमेरिकी नीति की विफलता को दर्शाता है.
'अमेरिकी नीति की विफलता'
दरअसल, जानकारी के जुताबिक पुतिन ने यह सब मॉस्को में तब कहा है जब मॉस्को दौरे पर आए इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी से उन्होंने मुलाकात की है. इस दौरान ही उन्होंने कहा कि यह अमेरिकी नीति की विफलता का एक ज्वलंत उदाहरण है. इतना ही नहीं पुतिन ने यह भी कहा कि अमेरिका ने शांति स्थापित करने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों पर एकाधिकार स्थापित करने की कोशिश की है. उन्होंने वाशिंगटन पर दोनों पक्षों को स्वीकार्य होने वाले समझौतों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है.
'फिलिस्तीन का बनना बेहद जरूरी'
पुतिन ने बड़ा बयान देते हुए स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की आवश्यकता पर भी जोर दिया है. पुतिन ने फिलिस्तीन का समर्थन करते हुए कहा कि फिलिस्तीनी के निर्माण को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्णयों को लागू करने की जरूरत है. वहीं पुतिन से पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी कहा कि इजरायल में शांति के लिए फिलिस्तीन का बनना बेहद जरूरी है और यही दोनों की समस्या का सबसे सटीक हल है.
दुनिया के सामने एक बड़ा संकट
मालूम हो कि युद्ध के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने संबोधन में उन सभी देशों को धन्यवाद कहा है जो कि इजरायल को अपना समर्थन दे रहे हैं. हालांकि यह बात सही है कि इजरायल और हमास के बीच जारी लड़ाई दुनिया के सामने एक बड़ा संकट बन कर उभरा है. यूक्रेन युद्ध तरह इस मुद्दे पर भी दुनिया बंटती नजर आ रही है. जहां कई देशों फिलिस्तीन का समर्थन किया है वहीं अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली खुल कर इजराइल की सपोर्ट कर रहे हैं.