UK Election 2024: ब्रिटेन में मतदान आज, ऋषि सुनक या कीर स्टार्मर किसे चुनेगी जनता, चुनाव की 5 बड़ी बातें
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UK Election 2024: ब्रिटेन में मतदान आज, ऋषि सुनक या कीर स्टार्मर किसे चुनेगी जनता, चुनाव की 5 बड़ी बातें

UK General Election 2024: यूनाइटेड किंगडम में लोग हाउस ऑफ कॉमन्स के सभी 650 सदस्यों को चुनने के लिए वोट डालेंगे. ओपनियन पोल पीएम ऋषि सुनक के लिए अच्छे संकेत नहीं दे रहे. 

UK Election 2024: ब्रिटेन में मतदान आज, ऋषि सुनक या कीर स्टार्मर किसे चुनेगी जनता, चुनाव की 5 बड़ी बातें

UK General Election News: यूनाइटेड किंगडम में आज वोट डाले जा रहे हैं. देश में लगभग पांच वर्षों में यह पहला राष्ट्रीय चुनाव है.  ओपनियन पोल संकेत देते हैं कि प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को जनता बाहर का रास्ता दिखा सकती है. वहीं लेबर पार्टी, (जो वामपंथी है), जिसने अपने अभियान को एक शब्द ‘परिवर्तन’ पर केंद्रित किया है, अधिकांश ओपनियन पोल में बहुत नजर आती हैं. जानते हैं चुनाव प्रक्रिया,  प्रमुख मुद्दों और पार्टियों के बारे में: -

1-चुनाव कैसे होगा?
यूनाइटेड किंगडम में लोग हाउस ऑफ कॉमन्स के सभी 650 सदस्यों को चुनने के लिए वोट डालेंगे. ब्रिटेन में मतदान की 'पहले स्थान पर आने वाले उम्मीदवार' सिस्टम का उपयोग किया जाता है, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर आने वाले उम्मीदवार को चुना जाएगा, भले ही उन्हें 50% वोट न मिले हों.

इस व्यवस्था की वजह से आम तौर पर दो सबसे बड़ी पार्टियों, कंजर्वेटिव और लेबर के प्रभुत्व को मजबूत किया है, क्योंकि छोटी पार्टियों के लिए सीटें जीतना मुश्किल होता है जब तक कि उनके पास खास इलाकों में केंद्रित समर्थन न हो.

2-प्रधानमंत्री का चयन कैसे किया जाता है?
सबसे ज़्यादा निर्वाचित सांसदों वाली पार्टी सरकार बनाती है और उसका नेता प्रधानमंत्री बनता है. अगर कोई भी पार्टी चुनाव नहीं जीतती है तो इसे त्रिशंकु संसद कहा जाता है. ऐसा होने पर दो या उससे ज़्यादा पार्टियां मिलकर गठबंधन सरकार बनाने पर सहमत हो सकती हैं.

3-कौन हैं मैदान में?
पूर्व ट्रेजरी प्रमुख ऋषि सुनक, जो अक्टूबर 2022 से प्रधानमंत्री हैं, चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं. उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी कीर स्टार्मर  हैं, जो इंग्लैंड में लोक अभियोजन के पूर्व निदेशक और अप्रैल 2020 से लेबर पार्टी के नेता हैं. अगर लेबर पार्टी चुनाव जीतती है तो पीएम 10, डाउनिंग स्ट्रीट की चाबी स्टार्मर  ही संभालेंगे. कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के अलावा कुछ छोटी पार्टियां किसी भी दल को बहुमत न मिलने की स्थिति में अहम साबित हो सकती हैं.

4-क्या हैं सबसे बड़े मुद्दे?
अर्थव्यवस्था: ब्रिटेन उच्च मुद्रास्फीति और धीमी आर्थिक वृद्धि से जूझ रहा है, जिसके कारण अधिकांश लोग आर्थिक परेशानियां महसूस कर रहे हैं. कंजर्वेटिव मुद्रास्फीति को कंट्रोल करने में सफल रहे, जो अक्टूबर 2022 में 11.1% के शिखर पर पहुंचने के बाद मई तक 2% तक धीमी हो गई, लेकिन विकास की रफ्तार सुस्त बना रही. इससे सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठ रहे हैं.

इमिग्रेशन: हाल के वर्षों में हजारों शरणार्थी और आर्थिक प्रवासियों ने कमजोर हवा वाली नावों में सवार होकर इंग्लिश चैनल पार किया है. इसकी वजह से सरकार को आलोचना झेलनी पड़ रही है कि उसने ब्रिटेन की सीमाओं पर नियंत्रण खो दिया है. इमिग्रेशन को रोकने के लिए कंज़र्वेटिवों की प्रमुख नीति इनमें से कुछ प्रवासियों को रवांडा निर्वासित करने की योजना है. आलोचकों का कहना है कि यह योजना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करती है, अमानवीय है और यह युद्ध, अशांति और अकाल से भाग रहे लोगों को रोकने के लिए कुछ नहीं करेगी.

स्वास्थ्य सेवा: ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा, जो सभी को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा प्रदान करती है, दंत चिकित्सा से लेकर कैंसर उपचार तक हर चीज़ के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट से जूझ रही है. समाचार-पत्र गंभीर रूप से बीमार रोगियों के बारे में समाचारों से भरे पड़े हैं, जिन्हें एम्बुलेंस के लिए घंटों इंतज़ार करना पड़ता है, फिर अस्पताल के बिस्तर के लिए और भी लंबा इंतज़ार करना पड़ता है.

पर्यावरण: सुनक ने पर्यावरण से जुड़ी कई प्रतिबद्धताओं से पीछे हटते हुए गैसोलीन और डीजल से चलने वाले यात्री वाहनों की बिक्री बंद करने और उत्तरी सागर में नए तेल खनन को अधिकृत करने की समयसीमा को आगे बढ़ा दिया. आलोचकों का कहना है कि ये ऐसे समय में गलत नीतियां हैं जब दुनिया जलवायु परिवर्तन से निपटने की कोशिश कर रही है.

5-जुलाई में क्यों हो रहे हैं चुनाव?

छह सप्ताह पहले सुनक ने जानकारों और अपने अधिकांश सांसदों को चौंका दिया था. उन्होंने 4 जुलाई को चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया. यह उम्मीद से कम से कम तीन महीने पहले थी. जबकि अधिकांश जानकारों ने सोचा था कि मतदान शरद ऋतु में होगा.

सुनक ने गर्मियों में चुनाव पर दांव लगाया, उम्मीद है कि सकारात्मक आर्थिक समाचार उन्हें मतदाताओं को यह समझाने में मदद करेंगे कि कंजर्वेटिव नीतियां असर डाल रही है.

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