Hemant Soren: हेमंत सोरेन को झारखंड का CM बनने की इतनी जल्दी क्यों है? पढ़िए Inside Story
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Hemant Soren: हेमंत सोरेन को झारखंड का CM बनने की इतनी जल्दी क्यों है? पढ़िए Inside Story

Hemant Soren: हेमंत सोरेन कथित जमीन घोटाला मामले में जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं. अब फिर से झारखंड की सत्ता की कुर्सी पर बैठने वाले हैं, जबकि राज्य में विधानसभा चुनाव बस कुछ महीनों बाद ही है. हेमंत के जेल से निकलने के बाद यह चर्चा थी कि चंपई सोरेन चुनाव तक मुख्यमंत्री रहेंगे और हेमंत पार्टी का कामकाज देखेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री बनकर हेमंत ने इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया है.

 

Hemant Soren: हेमंत सोरेन को झारखंड का CM बनने की इतनी जल्दी क्यों है? पढ़िए Inside Story

Hemant Soren News: झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) के नेता हेमंत सोरेन (Hemant Soren) जेल से रिहा होने के बाद फिर मुख्यमंत्री बनने वाले हैं. बुधवार को राजधानी रांची में जेएमएम, कांग्रेस और राजद की बैठक में सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को फिर से सीएम बनाने पर सहमति बनी है. पार्टी के फैसले के बाद चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है. इधर मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पद से हटाने के फैसले से नाराज हैं. हालांकि सीएम चंपई की तरफ से इसे लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

अब सवाल उठता है कि आखिर चंपई सोरेन को यह कार्यकाल पूरा क्यों नहीं होने दिया गया, जेल से आते ही हेमंत सीएम की कुर्सी क्यों ले ली.  हेमंत के जेल से निकलने के बाद यह चर्चा थी कि चंपाई चुनाव तक मुख्यमंत्री रहेंगे और हेमंत पार्टी का कामकाज देखेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री बनकर हेमंत ने इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया है.  चंपई सोरेन की भूमिका आगे क्या होगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है. आइए जानते हैं आखिर क्या वजह है कि हेमंत सोरोन सीएम इतनी तेजी से सीएम की कुर्सी लेने में दिखाई तेजी. 

पार्टी में बन रहे थे गुट
जेल से निकलने के 5 दिन बाद ही हेमंत सोरेन ने झारखंड सत्ता की कमान संभाल ली है. मीडिया रिपोर्ट की मुताबिक जेएमएम से जुड़े सूत्रों के मुताबिक विधानसभा का चुनाव सिर पर है और हेमंत के जेल से निकलने के बाद सत्ता का 2 गुट बन रहा था. यह चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता था. हेमंत ने इसलिए सीएम की कुर्सी खुद अपने पास रखने का फैसला किया है.

पार्टी में पकड़ मजबूत, विधानसभा चुनाव है निशाना
लोकसभा चुनाव के परिणाम और हेमंत सोरेन के जेल से निकलने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा उत्साहित है. पार्टी को उम्मीद है कि अगले विधानसभा चुनाव में हेमंत के नेतृत्व में जीत के सारे रिकॉर्ड टूटेंगे. इसलिए पार्टी चुनाव से पहले कोई गलती नहीं करना चाहती है. सोरेन को पता है कि सीएम की कुर्सी पर बैठते ही पार्टी में संदेश जाएगा कि सत्ता मेरे पास ही है. 

सहानुभूति के वोट 
गिरफ्तारी के कारण लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी अभियान से दूर रहे हेमंत विधानसभा चुनाव में आइएनडीआइए का चेहरा बनना चाहेंगे. महागठबंधन में शामिल अन्य दल भी इस पक्ष में दिख रहे हैं. यही वजह है कि जेल से निकलने के बाद ही उन्होंने सक्रियता दिखाई. महागठबंधन के दलों का मानना है कि हेमंत के नेतृत्व में चुनाव लड़ने से गठबंधन को सहानुभूति वोट मिलेंगे. यही वजह है कि जेल से निकलने के कुछ दिनों के भीतर ही हेमंत की मुख्यमंत्री के पद पर दोबारा ताजपोशी की तैयारी कर ली गई. वहीं, दोबारा जेल जाने की स्थिति में हेमंत दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल के नक्शेकदम पर चल सकते हैं, जिन्होंने गिरफ्तार होने के बाद भी सीएम का पद नहीं छोड़ा और जेल से ही सरकार चला रहे हैं.

पत्नी को बना पाएं सीएम
हेमंत को पता है कि उनके ऊपर केस अभी चल रहा है अगर वह दोबारा जेल गए तो सीएम रहते वह अपनी ताकत से अपनी पत्नी को सीएम के तौर पर पद दे सकते हैं. पत्नी कल्पना सोरेन ने भी खुद को पार्टी के बड़े नेता के तौर पर स्थापित करते हुए विधानसभा उपचुनाव भी जीता. उन्होंने हेमंत की अनुपस्थिति में झामुमो के लोकसभा अभियान का प्रभावी ढंग से नेतृत्व किया और निचले सदन में पार्टी की स्थिति में सुधार किया. अगर हेमंत को फिर से पद छोड़ना पड़ा, तो कल्पना मुख्यमंत्री पद पर बैठाए जाने के लिए स्वभाविक तौर पर हेमंत की पहली पसंद होंगी.

गठबंधन को हेमंत पर भरोसा
JMM के सहयोगियों इंडिया ब्लॉक को लगता है कि राज्य में हेमंत के भरोसे ही विधानसभा में बहुमत हासिल किया जा सकता है. 

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