What are Dirty Bombs: क्या है यूक्रेन का 'डर्टी बम', जिसे लेकर जंग के बीच कांप रहे रूस के पांव
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What are Dirty Bombs: क्या है यूक्रेन का 'डर्टी बम', जिसे लेकर जंग के बीच कांप रहे रूस के पांव

Russia-Ukraine War: आजतक किसी देश ने डर्टी बम से हमला नहीं किया है. दो दशक से भी ज्यादा वक्त पहले दक्षिणी रूसी प्रांत चेचन्या में डर्टी बम विस्फोट करने की नाकाम कोशिश की गई थी. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इस बम से मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है.

What are Dirty Bombs: क्या है यूक्रेन का 'डर्टी बम', जिसे लेकर जंग के बीच कांप रहे रूस के पांव

Ukraine Russia Conflict: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को यूक्रेनी समकक्ष देमेत्रो कुलेबा से फोन पर बात कर समर्थन का भरोसा दिया है. यूक्रेन और रूस के बीच 9 महीने से भी ज्यादा वक्त से युद्ध चल रहा है. दोनों नेताओं के बीच बातचीत ऐसे समय पर हुई है, जब रूस ने यह आरोप लगाए हैं कि यूक्रेन डर्टी बम का इस्तेमाल कर उसके खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने की तैयारी कर रहा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, 'ब्लिंकन और कुलेबा के बीच बातचीत के दौरान अमेरिका ने समर्थन देने का भरोसा जताया है. ब्लिंकन ने रूसी आक्रामकता, अत्याचार और डर्टी बम को लेकर रूस के दावों के बीच यूक्रेन को समर्थन देने की बात कही है.' लेकिन ये डर्टी बम आखिर क्या है और इससे कितना नुकसान होता है? आइए आपको बताते हैं.

तकनीकी रूप से डर्टी बम को रेडियोएक्टिव तत्वों को फैलाने वाले डिवाइस के तौर पर जाना जाता है. ये बम पुराने हथियारों की तरह होते हैं. परमाणु हथियारों की तुलना में बेहद सस्ते और कम खतरनाक हैं. इसमें डायनामाइट का इस्तेमाल होता है और उसके साथ रेडियोएक्टिव पदार्थ रखे जाते हैं. ये ब्लास्ट के बाद चारों तरफ फैल जाते हैं. रेडियोएक्टिव सामग्री जो डर्टी बम में इस्तेमाल होती है, उसको दवा या उद्योग में इस्तेमाल होने वाले रेडियोएक्टिव स्रोतों या रिसर्च सेंटर से हासिल किया जा सकता है. डर्टी बम से ज्यादा लोगों की मौत होने के बजाय गंभीर बीमारियों हो सकती हैं. इन बमों का मुख्य मकसद एनवायरनमेंट में रेडियोएक्टिव धुएं और धूल को फैलाकर लोगों में घबराहट, भ्रम और चिंता पैदा करना है.

अब तक नहीं हुआ डर्टी बम से हमला

बता दें कि आजतक किसी देश ने डर्टी बम से हमला नहीं किया है. दो दशक से भी ज्यादा वक्त पहले दक्षिणी रूसी प्रांत चेचन्या में डर्टी बम विस्फोट करने की नाकाम कोशिश की गई थी. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इस बम से मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है, जो जान के खतरे से कहीं ज्यादा है. लंबे समय से आतंकियों के हाथों डर्टी बम पड़ने की आशंका जताई जाती रही है.

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