TTP: जानें कौन है टीटीपी, जिसने पाकिस्तान की नाक में कर रखा है दम; सेना को घर में घुसकर करनी पड़ी एयर स्ट्राइक
Advertisement
trendingNow12163965

TTP: जानें कौन है टीटीपी, जिसने पाकिस्तान की नाक में कर रखा है दम; सेना को घर में घुसकर करनी पड़ी एयर स्ट्राइक

Pakistan Airstrikes on Taliban: पाकिस्तान में इन दिनों सब ठीक नहीं चल रहा है, अभी नई सरकार को बने हुए कुछ ही दिन हुआ था कि उसे अपने वजूद को बचाने के लिए टीटीपी के लोगों पर एअर स्ट्राइक करनी पड़ी. आइए जानते हैं कौन है टीटीपी जिसके आतंक से खुद 'आतंकी' देश पाकिस्तान भय में है. खौफ इतना है कि घुर में घुसकर मारना पड़ रहा.

TTP: जानें कौन है टीटीपी, जिसने पाकिस्तान की नाक में कर रखा है दम; सेना को घर में घुसकर करनी पड़ी एयर स्ट्राइक

Tehreek-e-Taliban: जबसे पाक सेना(Pakistan Army) ने अफगानिस्तान में घुसकर एयर स्ट्राइक की है. तबसे तालिबान और पाकिस्तान के रिश्तों में जुबानी जंग तेज हो गई है. इसी बीच एक नाम और चर्चा में आ गया है- टीटीपी(Tehreek-e-Taliban Pakistan). पाकिस्तान से लेकर अमेरिका तक तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को लेकर बात कर रहा है. 

सबसे पहले जानते हैं क्या है टीटीपी
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, जिसे TTP भी कहा जाता है वो पाकिस्तान में अपनी ही सरकार के खिलाफ लड़ने वाला सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन है. पाकिस्तान में आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने तबाही मचाकर रख दी है. साथ ही इस आतंकी संगठन ने पूरे पाकिस्तान को अपने आगे टेकने के लिए हर कोशिश में लगा हुआ है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर टीटीपी के कई हजार लड़ाकें मौजूद हैं, जो पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ 'युद्ध' छेड़े हुए हैं. 

2014 से 2018 तक टीटीपी का खत्म हो गया था आतंक 
पाकिस्तानी सैन्य कार्रवाइ अमेरिकी ड्रोन युद्ध और इस इलाके में अन्य गुटों की घुसपैठ ने 2014 से 2018 तक टीटीपी के आतंक को लगभग खत्म कर दिया था लेकिन, फरवरी 2020 में अफगान तालिबान और अमेरिकी सरकार द्वारा शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद यह उग्रवादी समूह फिर से इस क्षेत्र में एक्टिव हो गया. और इसके बाद ही पाकिस्तान में इस गुट ने आतंक मचाना शुरू कर दिया और अपनी ताकत बढ़ाना शुरू किया.

बहुत सारे उग्रवादी समूह जो लगातार पाकिस्तान सरकार का विरोध कर रही थी, वो तहरीक-ए-तालिबान में शामिल हो गए थे. इनमें अल-कायदा के तीन पाकिस्तानी गुट भी शामिल हैं, जो 2014 में टीटीपी से अलग हो गए थे. इन सबके मिलने से टीटीपी और मजबूत हो गया और इन्हें सबसे अधिक ताकत तब मिली जब अगस्त 2021 में काबुल में अफगान तालिबान की सरकार बन गई.  

जानें कब बना यह आतंकी समूह 
यह समझने के लिए कि टीटीपी कितना खतरनाक है, कैसे यह समूह पाकिस्तान की गले की फांस बन गया, यह सब समझने के लिए थोड़ा पीछे चलना पड़ेगा. 

साल 2002 में अमेरिकी कार्रवाई के बाद अफगानिस्तान से भागकर कई आतंकी पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में छुपे थे. इन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई तो स्वात घाटी में पाकिस्तानी आर्मी ने इन आतंकियों का विरोध शुरू किया. जिसके बाद कबाइली इलाकों में कई विद्रोही गुट पनपने लगे. तभी से ये विद्रोही समूह पाकिस्तान को अपना दुश्मन मानने लगे फिर दिसंबर 2007 को बेयतुल्लाह मेहसूद की अगुवाई में 13 गुटों ने एक तहरीक यानी अभियान में शामिल होने का फैसला किया, इसके बाद इस संगठन का नाम तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान रखा गया. बताया जाता है कि टीटीपी में 30 हजार से 35 हजार के आसपास लड़ाके हैं.

टीटीपी का असली मकसद
साल 2020 में टीटीपी ने दावा किया था कि पाकिस्तान के बाहर अब उसका कोई क्षेत्रीय या वैश्विक एजेंडा नहीं है. लेकिन टीटीपी के घोषणापत्र में अपने लड़ाकों को नागरिकों और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर पाकिस्तान सेना की तरफ से हमला न किया जाए इसकी बात हमेशा कही गई. 

पाकिस्तान ने तालिबान पर लगाए आरोप
पाकिस्तानी सरकार बार-बार अफगानिस्तान में पाकिस्तान विरोधी आतंकवादी समूहों को शरण देने का आरोप लगाती है. बताया जाता है कि तालिबान की वजह से ही अब तक टीटीपी मजबूत हुआ है. और अब वो पाकिस्तान के लिए एक सिरदर्द बन गया है.

टीटीपी के लड़ाकों को किया गया रिहा
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार आने के बाद उसने काबुल की जेलों से सैकड़ों टीटीपी कैदियों को रिहा कर दिया, जिसमें टीटीपी के उप संस्थापक अमीर मौलवी फकीर मोहम्मद जैसा नेता शामिल था.

पाकिस्तान ने किया एअर स्ट्राइक
पाकिस्तान ने सोमवार को अफगानिस्तान के अंदरूनी इलाकों में हवाई हमले किए, जिसमें तीन बच्चों समेत 8 आम नागरिकों की मौत हो गई है. अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने सोमवार को हमलों की पुष्टि करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सीमा से लगे देश के पक्तिका और खोस्त प्रांतों के इलाकों को निशाना बनाया गया. इसके बाद ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.

Trending news