NR Narayana Murthy: जब नारायण मूर्ति को 3 दिनों तक रहना पड़ा था भूखा, 50 साल बाद बताई वजह
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NR Narayana Murthy: जब नारायण मूर्ति को 3 दिनों तक रहना पड़ा था भूखा, 50 साल बाद बताई वजह

NR Narayana Murthy News: देश के दिग्गज आईटी कारोबारी एनआर नारायण मूर्ति को एक बार 3 दिनों तक भूखा रहना पड़ा था. 50 साल बाद उन्होंने इस राज से पर्दा उठा दिया है. 

NR Narayana Murthy: जब नारायण मूर्ति को 3 दिनों तक रहना पड़ा था भूखा, 50 साल बाद बताई वजह

NR Narayana Murthy News in Hindi: भारत के टॉप अमीरों में शामिल और आईटी दिग्गज एन आर नारायण मूर्ति शुरू से ही इतने समृद्ध नहीं रहे. एक वक्त ऐसा भी था, जब उन्हें लगातार 120 घंटे यानी तीन दिनों तक भूखे रहने को मजबूर होना पड़ा था. यह खुलासा उन्होंने खुद किया है. संयुक्त राष्ट्र की ओर से न्यूयार्क में आयोजित एक कार्यक्रम में नारायण मूर्ति ने यह बात बताई. 

'मैंने झेली है भूख की परेशानी'

इंफोसिस के संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने बताया कि वे आज से करीब 50 साल पहले यूरोप में यात्रा कर रहे थे. उस दौरान उन्हें 120 घंटे तक लगातार भूख सहन करने को मजबूर होना पड़ा. नारायण मूर्ति ने कहा,‘आपमें से कई ने भूख को नहीं सहा होगा लेकिन मैंने ऐसा किया किया है और वह भी इसी यूरोप में.’

'120 घंटे तक भूखे रहने को मजबूर रहे'

उन्होंने बताया कि आज से करीब 50 साल पहले की बात है, जब वे निश नामक स्थान की यात्रा कर रहे थे. यह शहर बुल्गारिया और तत्कालीन यूगोस्लाविया और आज के सर्बिया के बीच सीमा पर स्थित है. इस शहर की यात्रा के दौरान उनके पास खाने को कुछ नहीं था, जिसके चलते उन्हें करीब 120 घंटे यानी 3 दिनों तक भूखे पेट रहने को मजबूर होना पड़ा था. 

भारत के आईटी दिग्गज नारायण मूर्ति (77) संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की ओर से आयोजित एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. यह कार्यक्रम भारतीय गैर सरकारी संगठन ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’ की ओर से चार अरबवां भोजन परोसे जाने के मौके पर आयोजित किया गया था. 

'अपने देश के प्रति कृतज्ञ बनो'

अपने देश भारत की तारीफ करते हुए नारायण मूर्ति ने कहा, ‘यहां अधिकतर भारतीयों और मुझे भारत सरकार से अच्छी गुणवत्ता वाली और अत्यधिक सब्सिडी वाली शिक्षा प्राप्त हुई है. इसलिए, सभ्य लोगों के रूप में, हमें अपने राष्ट्र के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए. इसके साथ ही इन असहाय, गरीब बच्चों की भावी पीढ़ी को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने में मदद करनी चाहिए.’

(एजेंसी भाषा)

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