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लंदन: कई बार ऐसा होता है कि हमारे नाम का पार्सल हमारी गैरमौजूदगी में डिलीवरी बॉय (Delivery Boy) पड़ोसी को दे जाता है. कभी-कभी तो हम खुद भी ऐसा करने के लिए कहते हैं. ब्रिटेन में रहने वाली एक नर्स (British Nurse) के साथ भी यही हुआ. जब पैकेज आया, नर्स घर पर नहीं थी, इसलिए डिलीवरी बॉय पड़ोस में रहने वाले जेहाद खान (Jehad Khan) को वो पार्सल दे आया. बस यहीं से नर्स की परेशानी शुरू हो गई. खान महिला को हर रोज परेशान करने लगा.
'डेली मेल' की रिपोर्ट के अनुसार, 23 वर्षीय एलेनोर मैडिसन (Eleanor Maddison) ने ऑनलाइन कुछ किताबें ऑर्डर की थीं. जब पैकेज उनके मैनचेस्टर के सैलफोर्ड स्थित घर पहुंचा तो वो वहां नहीं थीं. इस पर डिलीवरी बॉय ने उनके पड़ोस में रहने वाले 46 साल के जेहाद खान को पैकेज सौंप दिया. वापसी पर एलेनोर ने खान के अपना पैकेज किया और घर आ गईं. इसके बाद से उन्हें लगातार अश्लील मैसेज मिलने लगे. दरअसल, पैकेज पर उनका मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ था, जिसे खान ने सेव कर लिया.
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आरोपी लगातार नर्स को मैसेज भेजता रहा. कभी वो कहता कि उसे एलेनोर से प्यार है, तो कभी वो एक रात बिताने के लिए एलेनोर को पैसे ऑफर करता. एलेनोर ने बार-बार पुलिस में शिकायत की धमकी भी दी, लेकिन आरोपी खान कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था. कुछ दिनों तक ये सिलसिला यूं ही चलता रहा, फिर अचानक मैसेज आने बंद हो गए. एलेनोर को लगा कि शायद उसके पड़ोसी को अक्ल आ गई है, मगर ये उनकी भूल थी.
एलेनोर मैडिसन ने कहा, ‘कुछ दिनों की खामोशी के बाद एक दिन पड़ोसी जेहाद खान ने उन्हें अश्लील फोटो भेजी और भद्दा कमेंट भी लिखा. इससे मेरा दिमाग खराब हो गया. मैंने खुद से कहा कि ये व्यक्ति इस तरह सुधरने वाला नहीं है. फिर मैंने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत की’. महिला की शिकायत पर पुलिस ने खान को गिरफ्तार कर लिया. अदालत ने खान को उत्पीड़न और अश्लील मैसेज भेजने का दोषी करार देते हुए जेल भेज है.
इस घटना के बाद नर्स मैडिसन ने अपना ठिकाना और फोन नंबर दोनों बदल लिए. अब वो पार्सल पर मोबाइल नंबर प्रिंट न करने की मुहिम चला रही हैं. उन्होंने इसे लेकर एक याचिका भी दायर की हुई है. गौरतलब है कि आजकल पार्सल पर रिसीवर के पते के साथ-साथ उसकी कांटेक्ट डिटेल भी प्रिंट रहती है, ताकि डिलीवरी में किसी परेशानी की स्थिति में संबंधित व्यक्ति से संपर्क किया जा सके. मैडिसन का कहना है कि जो कुछ उन्होंने झेला, वो नहीं चाहती कि किसी और को झेलना पड़े. इसलिए वो नंबर प्रिंट न करने की मुहिम चला रही हैं.